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49 सेलिब्रिटीज का PM को पत्र, मॉब लिंचिंग के दोषियों को सख्त सजा देने की मांग

दादरी में अखलाक से शुरू हुई मॉब लिंचिंग की कहानी में जुनैद समेत कई अल्पसंखकों और दलितों के नाम है. इनमें सबसे खतरनाक ये है कि इनमें से बहुत को तो सजा भी नहीं मिली. लेकिन ये खतरनाक है, न सिर्फ कुछ कौमों के लिए बल्कि एक सेक्यूलर देश के लिए भी और 49 सेलेब्स द्वारा पीएम को लिखा गया ये खत इस बात का सबूत है.

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Published : Jul 24, 2019, 2:45 PM IST

Updated : Jul 24, 2019, 3:27 PM IST

नई दिल्लीः देश भर से अलग-अलग फील्ड से ताल्लुक रखने वाले 49 सेलिब्रिटियों ने देश में जाति और धर्म के नाम पर चल रही लगातार लिंचिंग की घटनाओं के आरोपियों के लिए दुनिया को सबक देने वाली सजा की मांग की है.

इन 49 सेलेब्स में फिल्म फेटर्निटी से फिल्ममेकर श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप और मणि रतनम जैसे प्रोमिनेंट डायरेक्टर्स, सिंगर शुभा मुद्गगल, कोंकणा सेन शर्मा और अन्य भी शामिल हैं.

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23 जुलाई को लिखे गए इस खत में कहा गया कि ऐसी घटनाओं में दोषियों को एक्जाम्पलरी पनिशमेंट मिलनी ही चाहिए.

पढ़ें- Article 15: आयुष्मान ने फैंस से की पेटिशन साइन करने की अपील


खत में लिखा गया है मुस्लिम, दलितों और बाकी अल्पसंख्यकों के खिलाफ मॉब लिंचिग तुरंत रूकनी चाहिए. हम ये जान कर हैरान थे कि एनआरसीबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) की रिपोर्ट में साल 2016 में दलितों के खिलाफ कम से कम इस तरह की 840 घटनाएं हैं और इन गुनाहों की सजा में निश्चित कमी हो रही है.

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आगे खत में सेलेब्स ने इस बात का भी जिक्र किया है कि सिर्फ पार्लियमेंट में लिंचिंग को क्रिटिसाइज करना काफी नहीं है. असल में इनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए. हम बहुत मजबूती से ये महसूस करते हैं कि ऐसे जुर्म नॉन-बेलेबल होने चाहिए और एक मिसाल पेश करने वाली सजा मिलनी ही चाहिए.अगर मर्डर केस में बिना पेरोल के लाइफ इंप्रीजमेंट हो सकती है तो इस केस में क्यों नहीं, जबकि ये उससे ज्यादा डरावना है. किसी भी नागरिक को अपने ही देश में डर के नहीं जीना चाहिए.सेलेब्स ने खास तौर से जय श्री राम का नाम लेकर लिंचिंग करने को हाइलाइट किया है. उन्होंने कहा है कि भगवान राम का नाम लेकर धर्म और जात के नाम पर गरीब दलितों और अल्पसंख्यकों की लगातार हो रही हत्या न सिर्फ हमें दुनिया में बदनाम कर रही है लेकिन सैंकड़ों सालों से चली आ रही हमारी गंगा जमुनी तहजीब को भी बर्बाद करने की कोशिश है.

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लेटर में फिल्म फेटर्निटी के अलावा सोशल वर्कर अदिती बासू, फिल्मेकर अदूर गोपालकृष्णन, लेखक अमित चौधरी, अंजान दत्त, अनुपम रॉय, अनुराधा कपूर, अपर्णा सेन, आशा अचेय जोसफ, आशिष नंदे, बैशाखी घोष, बिनायक सेन, बोलन गंगोपाद्ययाय, बोनानी कक्कड़, चित्रा सिरकर, दर्शन शाह, देबेल सेन, गौतम घोष, इफ्तेखार अहसन, जयश्री बर्मन, जोया मित्रा, कनी कुसरुती, कौशिक सेन, केतन मेहता, मुदार पार्थेय, परमब्रता चटोपाद्याय.
इतिहासकार पार्था चटर्जी, पिया चक्रबर्ती, प्रदीप कक्कड़, इतिहासकार रामचंद्र गुहा, रतनाबोली रॉय, रेवती आशा, एक्टर रिद्धी सेन, संगीतकार रूपम इस्लाम, रूपशा दासगुप्ता, सक्ति रॉय चौधरी, समिक बनर्जी, शिवाजी बासु, सौमित्रा चटर्जी, सुमित सरकार, तनिका सरकार और तपस रॉय चौधरी जैसे हर फिल्ड की बड़ी हस्तियों के नाम है.

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नई दिल्लीः देश भर से अलग-अलग फील्ड से ताल्लुक रखने वाले 49 सेलिब्रिटियों ने देश में जाति और धर्म के नाम पर चल रही लगातार लिंचिंग की घटनाओं के आरोपियों के लिए दुनिया को सबक देने वाली सजा की मांग की है.

इन 49 सेलेब्स में फिल्म फेटर्निटी से फिल्ममेकर श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप और मणि रतनम जैसे प्रोमिनेंट डायरेक्टर्स, सिंगर शुभा मुद्गगल, कोंकणा सेन शर्मा और अन्य भी शामिल हैं.

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23 जुलाई को लिखे गए इस खत में कहा गया कि ऐसी घटनाओं में दोषियों को एक्जाम्पलरी पनिशमेंट मिलनी ही चाहिए.

पढ़ें- Article 15: आयुष्मान ने फैंस से की पेटिशन साइन करने की अपील


खत में लिखा गया है मुस्लिम, दलितों और बाकी अल्पसंख्यकों के खिलाफ मॉब लिंचिग तुरंत रूकनी चाहिए. हम ये जान कर हैरान थे कि एनआरसीबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) की रिपोर्ट में साल 2016 में दलितों के खिलाफ कम से कम इस तरह की 840 घटनाएं हैं और इन गुनाहों की सजा में निश्चित कमी हो रही है.

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आगे खत में सेलेब्स ने इस बात का भी जिक्र किया है कि सिर्फ पार्लियमेंट में लिंचिंग को क्रिटिसाइज करना काफी नहीं है. असल में इनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए. हम बहुत मजबूती से ये महसूस करते हैं कि ऐसे जुर्म नॉन-बेलेबल होने चाहिए और एक मिसाल पेश करने वाली सजा मिलनी ही चाहिए.अगर मर्डर केस में बिना पेरोल के लाइफ इंप्रीजमेंट हो सकती है तो इस केस में क्यों नहीं, जबकि ये उससे ज्यादा डरावना है. किसी भी नागरिक को अपने ही देश में डर के नहीं जीना चाहिए.सेलेब्स ने खास तौर से जय श्री राम का नाम लेकर लिंचिंग करने को हाइलाइट किया है. उन्होंने कहा है कि भगवान राम का नाम लेकर धर्म और जात के नाम पर गरीब दलितों और अल्पसंख्यकों की लगातार हो रही हत्या न सिर्फ हमें दुनिया में बदनाम कर रही है लेकिन सैंकड़ों सालों से चली आ रही हमारी गंगा जमुनी तहजीब को भी बर्बाद करने की कोशिश है.

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लेटर में फिल्म फेटर्निटी के अलावा सोशल वर्कर अदिती बासू, फिल्मेकर अदूर गोपालकृष्णन, लेखक अमित चौधरी, अंजान दत्त, अनुपम रॉय, अनुराधा कपूर, अपर्णा सेन, आशा अचेय जोसफ, आशिष नंदे, बैशाखी घोष, बिनायक सेन, बोलन गंगोपाद्ययाय, बोनानी कक्कड़, चित्रा सिरकर, दर्शन शाह, देबेल सेन, गौतम घोष, इफ्तेखार अहसन, जयश्री बर्मन, जोया मित्रा, कनी कुसरुती, कौशिक सेन, केतन मेहता, मुदार पार्थेय, परमब्रता चटोपाद्याय.
इतिहासकार पार्था चटर्जी, पिया चक्रबर्ती, प्रदीप कक्कड़, इतिहासकार रामचंद्र गुहा, रतनाबोली रॉय, रेवती आशा, एक्टर रिद्धी सेन, संगीतकार रूपम इस्लाम, रूपशा दासगुप्ता, सक्ति रॉय चौधरी, समिक बनर्जी, शिवाजी बासु, सौमित्रा चटर्जी, सुमित सरकार, तनिका सरकार और तपस रॉय चौधरी जैसे हर फिल्ड की बड़ी हस्तियों के नाम है.

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49 सेलिब्रिटीज का PM को पत्र, मॉब लिंचिंग के दोषियों को सख्त सजा देने की मांग



नई दिल्लीः देश भर से अलग-अलग फील्ड से ताल्लुक रखने वाले 49 सेलिब्रिटियों ने देश में जाति और धर्म के नाम पर चल रही लगातार लिंचिंग की घटनाओं के आरोपियों के लिए दुनिया को सबक देने वाली सजा की मांग की है.

इन 49 सेलेब्स में फिल्म फेटर्निटी से फिल्ममेकर श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप और मणि रतनम जैसे प्रोमिनेंट डायरेक्टर्स, सिंगर शुभा मुद्गगल, कोंकणा सेन शर्मा और अन्य भी शामिल हैं.

23 जुलाई को लिखे गए इस खत में कहा गया कि ऐसी घटनाओं में दोषियों को एक्जाम्पलरी पनिशमेंट मिलनी ही चाहिए.

खत में लिखा गया है मुस्लिम, दलितों और बाकी अल्पसंख्यकों के खिलाफ मॉब लिंचिग तुरंत रूकनी चाहिए. हम ये जान कर हैरान थे कि एनआरसीबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) की रिपोर्ट में साल 2016 में दलितों के खिलाफ कम से कम इस तरह की 840 घटनाएं हैं और इन गुनाहों की सजा में निश्चित कमी हो रही है.

आगे खत में सेलेब्स ने इस बात का भी जिक्र किया है कि सिर्फ पार्लियमेंट में लिंचिंग को क्रिटिसाइज करना काफी नहीं है. असल में इनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए. हम बहुत मजबूती से ये महसूस करते हैं कि ऐसे जुर्म नॉन-बेलेबल होने चाहिए और एक मिसाल पेश करने वाली सजा मिलनी ही चाहिए.

अगर मर्डर केस में बिना पेरोल के लाइफ इंप्रीजमेंट हो सकती है तो इस केस में क्यों नहीं, जबकि ये उससे ज्यादा डरावना है. किसी भी नागरिक को अपने ही देश में डर के नहीं जीना चाहिए.

सेलेब्स ने खास तौर से जय श्री राम का नाम लेकर लिंचिंग करने को हाइलाइट किया है. उन्होंने कहा है कि भगवान राम का नाम लेकर धर्म और जात के नाम पर गरीब दलितों और अल्पसंख्यकों की लगातार हो रही हत्या न सिर्फ हमें दुनिया में बदनाम कर रही है लेकिन सैंकड़ों सालों से चली आ रही हमारी गंगा जमुनी तहजीब को भी बर्बाद करने की कोशिश है.




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Last Updated : Jul 24, 2019, 3:27 PM IST
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