मॉस्को : एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते तनाव को लेकर रूस सतर्क रुख अपना रहा है. रूस ने अपनी सैन्य तैनाती और संरचना को और सुदृढ़ करने का फैसला लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भूराजनैतिक तनाव बढ़ने का हवाला देते हुए रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने सुदूर पूर्व क्षेत्र में सैनिकों की तैनाती बढ़ाने का फैसला लिया है.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तनाव के कारण सैन्य बुनियादी ढांचे को तोड़ा जा रहा थे. अभ्यास में वायु रक्षा इकाइयां, लड़ाकू विमान, हमले और बमवर्षक विमान शामिल थे.
विकास के कई मुद्दों पर अमेरिका और रूस के बीच बढ़ता तनाव आपसी मनमुटाव पैदा कर रहा था. जैसे कि विदेशी चुनावों में कथित हस्तक्षेप, क्रीमिया, बेलारूस और राजनीतिक संकट इसका प्रमुख कारण है. इसी बीच मॉस्को द्वारा चीन को एस 400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली के निलंबन की घोषणा के बाद रूस और चीन के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया.
रूस में एस 400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को सबसे उन्नत माना जाता है, जो 400 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम है. रूस द्वारा एस 400 मिसाइलों को चीन द्वारा सस्पेंड किए जाने के बाद मास्को ने पहले बीजिंग पर जासूसी करने का आरोप लगाया, बावजूद इसके कि दोनों देश वर्षों से अच्छे संबंधों का आनंद ले रहे हैं.
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गौरतलब है कि युद्ध प्रशिक्षण योजना के अनुसार प्रीमोर्ये और खाबरोवस्क क्राय क्षेत्र में रक्षा के साथ-साथ वायु सेना की इकाइयों द्वारा दो-तरफा सामरिक अभ्यास किया गया था.
रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह अभ्यास पूर्वी सैन्य जिले के हवाई क्षेत्रों में किया गया था. अभ्यास में वायु रक्षा इकाइयों के अलावा लड़ाकू और बमवर्षक विमान भी शामिल थे.
इसके अलावा बिगड़ते हुए अमेरिका-चीन संबंधों ने दुनिया भर की निगाहें अपनी ओर खींच ली हैं.