रुद्रपुरः बीओसीडब्लू के तहत पंजीकृत श्रमिकों के लिए उत्तराखंड सरकार अनेक योजनाएं चला रही है. इस योजना के अंर्तगत श्रमिक के घर में पैदा होने वाले बच्चे से लेकर मृत्यु तक लाभ दिया जाता है. जिसके तहत यदि श्रमिक के घर में बेटी पैदा होती है तो 25 हजार और बेटा पैदा होने पर 15 हजार की आर्थिक मदद की जाती है. यदि श्रमिक की मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को 3 लाख और यदि कार्यस्थल पर मौत होती है तो 5 लाख की आर्थिक मदद सरकार की ओर से दी जाएगी. ये बात प्रदेश के श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कही.
उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित आरपीएल योजना के तहत प्रमाण पत्र एवं सामग्री वितरण समारोह के दौरान मंत्री हरक ने 1200 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र दिए. इसके साथ साथ कर्मकारों को सिलाई मशीन, लालटेन ओर महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन भी वितरित की गई. इस दौरान विधायक राजकुमार ठुकराल, मेयर रामपाल सिंह सहित उत्तराखंड भवन एवं कर्म कल्याण बोर्ड की सचिव दमयंती रावत मौजूद रहीं.
उन्होंने बताया कि उधम सिंह नगर में 44 हजार पंजीकृत श्रमिक हैं. नेपाल के लोग जो उत्तराखंड में मज़दूरी कर रहे हैं उन लोगों को भी इस योजना में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं. आरपीएल योजना के तहत भास्कर फाउंडेशन द्वारा प्रमाण पत्र एवं सामग्री वितरण समारोह का आयोजन रुद्रपुर में किया गया. जिसमें 15 दिनों तक चले प्रशिक्षण में लगभग 1200 श्रमिकों को प्रमाणपत्र दिए गए, साथ ही 400 महिलाओं को सिलाई मशीन, 250 महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन और 25 श्रमिकों को 2,380 रुपये के चेक प्रदान किए गए.
इसके साथ ही 325 श्रमिकों को एनईएफटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा. श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि हमारे प्रदेश में काम करने वाले श्रमिक हिंदुस्तान के किसी भी प्रदेश के हों, उसका रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा. उत्तराखंड में ढाई लाख श्रमिक रजिस्टर्ड हैं और इस आंकड़े को चार लाख तक ले जाने के लिए पूरे प्रदेश में शिविर लगाकर रजिस्ट्रेशन कराए जा रहे हैं.