रुड़की: जिले के मंगलौर क्षेत्र को अपराध का गढ़ माना जाता है. ऐसे में क्षेत्र के बाजार में आए दिन छोटी-बड़ी आपराधिक घटनाएं होती रहती हैं. क्षेत्र में कहीं भी सीसीटीवी कैमरे ना होने के चलते पुलिस अपराधियों की पहचान तक नहीं कर पाती है. जिससे पार पाने के लिए पुलिस विभाग ने क्षेत्र में चिन्हित किए गए 30 स्थानों पर नगर पालिका से सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग की है.वहीं उत्तराखंड पुलिस ने सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है. जिसके चलते रविवार को सिविल लाइन कोतवाली में चार कैमरे लगाए गए. जिनसे कोतवाली में आने वाले फरियादी, उपद्रवी और थानों में तैनात पुलिसकर्मियों की कार्यशैली पर भी नजर रखी जाएगी.
बता दें कि मंगलौर क्षेत्र की सीमाएं उत्तर प्रदेश से सटी हैं. जिसके चलते अपराधी आसानी से मंगलौर क्षेत्र में प्रवेश कर लेते हैं और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देकर आसानी से फरार हो जाते हैं. ऐसे में अपराधियों की पहचान करने के लिए पुलिस विभाग ने क्षेत्र में चिन्हित किए गए 30 स्थानों पर पालिका से सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग की है.
ये भी पढ़े: उत्तराखंड की सियासत में फिर गर्माया गैरसैंण का मुद्दा, स्पीकर ने कही ये बात
वहीं पुलिस मुख्यालय देहरादून से आदेश मिलने के बाद रविवार को रुड़की सिविल लाइन कोतवाली में चार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. ताकि सामाजिक विवाद के चलते कोतवाली में लगने वाली भीड़ और पुलिसकर्मियों की कार्यशैली के साथ ही जनता के साथ कोतवाली में किए जाने वाले व्यवहार पर सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा सके. साथ ही हरिद्वार में लगने वाले कुंभ मेले और कांवड़ मेले के दौरान भी इन कैमरों से पुलिस को मदद मिल सकेगी.
ईओ नगर पालिका अजहर अली ने बताया कि पुलिस विभाग द्वारा क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की गई थी. पुलिस की मांग के बाद ही पालिका ने एक प्रोजेक्ट तैयार किया है. जिसमें वह कैमरे लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगवाएगी. साथ ही कहा कि इन कैमरों की नजर से वह स्वच्छ भारत मिशन, अतिक्रमण और अपने कर्मचारियों के कामकाज पर भी नजर रख सकेंगे.
वहीं सिविल लाइन कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि पुलिस अधिकारियों के आदेश पर फिलहाल 4 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस पर कई बार गलत आरोप लगते हैं जिसको देखते हुए सीसीटी कैमरे की जरूरत थी और लोगों की भारी भीड़ भी कभी-कभी पुलिस के काम में हस्तक्षेप करने का प्रयास करती है. जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है.