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गर्मी का बढ़ता प्रकोप, अस्पतालों में बढ़ती भीड़, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर

गर्मी का प्रकोप बढ़ने से इन दिनों रुड़की के सिविल अस्पताल और अन्य प्राइवेट अस्पतालों में बुखार, डायरिया और चर्म रोगों के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है.

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Published : Jun 14, 2019, 8:45 AM IST

बढ़ती गर्मी से आए दिन अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.

रुड़की: गर्मी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. लोगों के स्वास्थ पर भी तापमान का असर दिखने लगा है. इन दिनों रुड़की के सिविल अस्पताल और अन्य प्राइवेट अस्पतालों में बुखार, डायरिया और चर्म रोगों के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है. अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की भीड़ बढ़ने लगी है. वहीं अस्पताल प्रशासन ने बीमारियों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सेफ वार्ड की व्यवस्था भी की है.

जानकारी देते डा. ए रहमान और डा. शुष्मा डे.

आपको बता दें कि पिछलें 4 दिनों से तापमान 40 के पार जा रहा है. गर्मी के कारण बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है. गर्म हवा के थपेड़ों से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. बढ़ती गर्मी से बुखार, लू, मांसपेशियों में दर्द, कम रक्तचाप और सिर दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.

नगर के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ए रहमान ने बताया कि गर्मी के मौसम में सेहत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. धूप और लू के संपर्क में रहने से शरीर में पानी की कमी होने लगती है और खान-पान में अनियमितता से लोग उल्टी और लूज मोशन के साथ ही अन्य बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. ऐसे में लोगों को धूप से बचना चाहिए और शरीर में पानी की कमी ना हो इसके लिए समय-समय पर पानी पीते रहना चाहिए. साथ ही बताया कि अधिक मसाले और तेल वाला भोजन नहीं करना चाहिए.

डॉ. शुष्मा डे ने गर्मी से बचने के सुझाव देते हुए बताया कि इन दिनों आमजन को विशेष देखभाल की जरूरत है. घर से बाहर निकलते वक्त पूरे शरीर को बेहतर ढंग से ढक कर निकलें ताकि धूप से बचा जा सके. साथ ही धूप में रहने के बाद सीधे एसी की हवा में जाएं और ना ही ठंडे पानी का इस्तेमाल करें. शरीर के तापक्रम को नियंत्रित रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी और अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें. साथ ही बताया कि उल्टियां होने पर शरीर में पानी की कमी होती है. ऐसे में पानी की कमी को पूरा करने का प्रयास करें. ज्यादा से ज्यादा लिक्विड का इस्तेमाल करें और स्वास्थ खराब होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें.

रुड़की: गर्मी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. लोगों के स्वास्थ पर भी तापमान का असर दिखने लगा है. इन दिनों रुड़की के सिविल अस्पताल और अन्य प्राइवेट अस्पतालों में बुखार, डायरिया और चर्म रोगों के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है. अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की भीड़ बढ़ने लगी है. वहीं अस्पताल प्रशासन ने बीमारियों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सेफ वार्ड की व्यवस्था भी की है.

जानकारी देते डा. ए रहमान और डा. शुष्मा डे.

आपको बता दें कि पिछलें 4 दिनों से तापमान 40 के पार जा रहा है. गर्मी के कारण बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है. गर्म हवा के थपेड़ों से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. बढ़ती गर्मी से बुखार, लू, मांसपेशियों में दर्द, कम रक्तचाप और सिर दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.

नगर के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ए रहमान ने बताया कि गर्मी के मौसम में सेहत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. धूप और लू के संपर्क में रहने से शरीर में पानी की कमी होने लगती है और खान-पान में अनियमितता से लोग उल्टी और लूज मोशन के साथ ही अन्य बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. ऐसे में लोगों को धूप से बचना चाहिए और शरीर में पानी की कमी ना हो इसके लिए समय-समय पर पानी पीते रहना चाहिए. साथ ही बताया कि अधिक मसाले और तेल वाला भोजन नहीं करना चाहिए.

डॉ. शुष्मा डे ने गर्मी से बचने के सुझाव देते हुए बताया कि इन दिनों आमजन को विशेष देखभाल की जरूरत है. घर से बाहर निकलते वक्त पूरे शरीर को बेहतर ढंग से ढक कर निकलें ताकि धूप से बचा जा सके. साथ ही धूप में रहने के बाद सीधे एसी की हवा में जाएं और ना ही ठंडे पानी का इस्तेमाल करें. शरीर के तापक्रम को नियंत्रित रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी और अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें. साथ ही बताया कि उल्टियां होने पर शरीर में पानी की कमी होती है. ऐसे में पानी की कमी को पूरा करने का प्रयास करें. ज्यादा से ज्यादा लिक्विड का इस्तेमाल करें और स्वास्थ खराब होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें.

Intro:बढ़ती गर्मी लोगों पर भारी


Body:आसमान से आग बरस रही है और गर्मी का बढ़ता पारा सेहत को बिगाड़ रहा है उमस भरी गर्मी की वजह से बुखार डायरिया और अन्य बीमारियों के मरीज रुड़की के सिविल अस्पताल के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों में पहुंच रहे हैं इस दौरान ओपीडी मरीजों से भरी हुई है चिकित्सकों ने कुछ मरीज़ों को दवा व सलाह देकर वापस भेज रहे हैं तो वहीं कुछ मरीजों को भर्ती किया जा रहा है वहीं अस्पताल प्रशासन ने बीमारियों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सेफ्वर्ड की व्यवस्था भी कराई है जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है सेहत बीमार होती जा रही है सबसे ज्यादा मरीज डायरिया और बुखार से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।

दरअसल आपको बता दें कि जून की तेज धूप व गर्म हवाएं कहर ढा रही हैं तेज धूप व बढ़ती गर्मी के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है इसी के साथ टाइफाइड व बच्चों में डायरिया का भी प्रकोप है जिसके चलते चिकित्सक गर्मी में बच्चों व बड़ों को एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं पिछले कुछ दिनों में बढ़ती गर्मी के कारण डायरिया बुखार उल्टी लूज मोशन आदि के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है पिछले 4 दिनों से तापमान 40 के पार है गर्मी के कारण बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ गया है गर्म हवाओं के थपेड़ों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है चिकित्सकों के मुताबिक बढ़ती गर्मी में पानी की कमी बुखार लू लगने और मांसपेशियों में दर्द दस्त रक्तचाप कम होने व सिर दर्द की शिकायतें आ रही हैं इसके साथ ही चक्कर आने और बेहोश होने की शिकायतें भी सामने आ रही है ऐसे मरीजों को अस्पताल में तत्काल उपचार दिया जा रहा है और नसों के जरिए उनमें तरल पदार्थ पहुंचाया जाता है इस मौसम में लोगों को धूप में निकलने से बचना चाहिए पानी पीते रहना चाहिए और तेल मसाले वाले भोजन से बचना चाहिए।

वही रुड़की सिविल अस्पताल की ओपीडी में सामान्य दिनों की अपेक्षा पंजीकरण ज्यादा हो रहे हैं इमरजेंसी में भी मरीजों की भीड़ अधिक है अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में सेहत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है धूप और लू के संपर्क में रहने से शरीर में पानी की कमी होने लगती है गर्मी के प्रकोप के चलते पानी की कमी होने व खान-पान में अनियमितता से लोग उल्टी और लूज मोशन के साथ ही अन्य बीमारियों के शिकार हो रहे हैं अस्पताल में दवा लेने के लिए भी मरीजों की भारी भीड़ इन दिनों बढ़ गई है मरीजों को देखते हुए दवा काउंटरों पर अधिक लोगों की नियुक्ति की गई है बावजूद इसके दवा लेने के लिए काउंटरों पर मरीजों की भीड़ देखी जा सकती है इस मौसम की अनदेखी सेहत के लिए भारी है।

डायरिया के साथ गर्मी जनित बुखार का प्रकोप भी बढ़ रहा है चिकित्सक ने बताया कि इस समय आमजन को विशेष देखभाल की जरूरत होती है नवजात का शरीर जो विकसित हो रहा होता है ऐसे में मौसम का परिवर्तन उसकी सेहत को खतरे मैं डाल सकता है घर से बाहर निकलते वक्त पूरे शरीर को बेहतर ढंग से ढक कर ही निकलें ताकि गर्मी का प्रकोप कम हो धूप से आने के बाद ठंडा पानी का सेवन किसी भी सूरत में ना करें घर से बाहर निकलने से पहले चेहरे और हाथों को पूरी तरह ढक कर निकले साथ ही धूप से आने के बाद सीधे एसी की हवा में ना जाएं और ना ही ठंडा पानी पिए शरीर के तापक्रम को नियंत्रित रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी और अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें उल्टियां होने पर शरीर में पानी की कमी होती है ऐसे में पानी की कमी को पूरा करने का प्रयास करें ज्यादा से ज्यादा लिक्विड का इस्तेमाल करें यदि स्थिति बिगड़ती है तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें।

बाइट - डॉ ए रहमान (प्राइवेट हॉस्पिटल)
बाइट - डॉ शुष्मा डे (सिविल अस्पताल रुडकी)


Conclusion:
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