रुड़की: शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन द्वारा हजरत आयशा पर फिल्म बनाये जाने का मुस्लिम समाज के लोगों विरोध किया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस फिल्म के कारण मुस्लिम समाज में भारी रोष पनप रहा है. देश दुनिया के मौलाना उलेमा और मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन कर फिल्म पर पाबंदी की मांग कर रहे हैं.
शुक्रवार को रुड़की में मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों ने जुम्मे की नमाज के बाद जुलूस निकालकर जामा मस्जिद से सिविल लाइन कोतवाली पहुंचे. जिसके बाद उन्होंने शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
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इस मौके पर मुस्लिम समाज के नेता डॉक्टर नय्यर काजमी ने कहा कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए मुसलमानों की धार्मिक भावना को भड़काने का काम कर रहे हैं. इस दौरान काजमी ने भारत सरकार से मांग की है कि वसीम रिजवी की इस फिल्म पर तुरंत रोक लगाकर उनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा वसीम रिजवी जैसे अच्छी मानसिकता के लोग भारत की गंगा-जमुनी तहजीब पर बदनुमा दाग हैं.
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डॉ. नय्यर काजमी ने कहा कि हजरत आयशा को मुस्लिम समाज में मां का दर्जा प्राप्त है. ऐसे में उनकी फिल्म बनाने का ख्याल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. ऐसी फिल्म पर तुरंत बैन लगना चाहिए. ताकि किसी भी भावनाएं आहत न हो, उन्होंने साफ लफ्जों में कहा अगर कोई चैनल वसीम रिजवी को डिबेट बैठाएगा तो मुस्लिम समाज उस चैनल का बहिष्कार करेगा.