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बुलंद हौसले के साथ देहरादून से माणा तक का सफर तय करेंगे दिव्यांग जवान

सेना से रिटायर दिव्यांग जवान अब उत्तराखंड में दिव्यांगों का हौसला बढ़ाएंगे. इसके लिए वे देहरादून से माणा तक साइकिल से सफर करेंगे.

ऋषिकेश में इंडियन पैरा साइकिलिंग का आयोजन
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Published : Aug 17, 2019, 1:07 PM IST

ऋषिकेश: अपने अंगों को गंवाने के बाद आर्मी से रिटायर्ड दिव्यांग जवानों ने सभी दिव्यांगों का हौसला बढ़ाने के लिए एक सराहनीय कार्य की शुरुआत की है, जिसमें सभी दिव्यांग साइकिल के जरिए कठिन पहाड़ियों की चढ़ाई करते हुए देहरादून से लेकर माणा तक का सफर तय करेंगे. इसका उद्देश्य है कि कोई भी किसी दिव्यांग को देखकर सहानुभूति ना दिखाए बल्कि उनकी हिम्मत की दात दें.

बता दें कि सेना में अपनी सेवा देते हुए हाथ-पैर जैसे महत्वपूर्ण अंगों को गंवाने के बाद भी वीर जवानों ने साइकिल से देहरादून से ऋषिकेश होते हुए माणा तक का सफर तय करने की ठानी है.

ऋषिकेश में इंडियन पैरा साइकिलिंग का आयोजन

इसके लिए आईटीबीपी ने इन सभी जवानों की मदद की है. इस यात्रा में भारतीय सेना के साथ-साथ विदेश से भी आए सेना के दिव्यांग जवानों ने हिस्सा लिया है. यह सफर 23 अगस्त को अंतिम गांव माणा में समाप्त होगा.

इस पर ग्रुप लीडर आदित्य मेहता ने बताया कि यह रेस प्रत्येक वर्ष कराई जाती है. इसमें सेना के इंडियन पैरा साइकिल के तीन हिस्सों सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी के जवान प्रतिभाग कर रहे हैं. इसके साथ ही इसमें लंदन, यूएस समेत कई अन्य देशों के दिव्यांग जवान भी भाग ले रहे हैं.

ऋषिकेश: अपने अंगों को गंवाने के बाद आर्मी से रिटायर्ड दिव्यांग जवानों ने सभी दिव्यांगों का हौसला बढ़ाने के लिए एक सराहनीय कार्य की शुरुआत की है, जिसमें सभी दिव्यांग साइकिल के जरिए कठिन पहाड़ियों की चढ़ाई करते हुए देहरादून से लेकर माणा तक का सफर तय करेंगे. इसका उद्देश्य है कि कोई भी किसी दिव्यांग को देखकर सहानुभूति ना दिखाए बल्कि उनकी हिम्मत की दात दें.

बता दें कि सेना में अपनी सेवा देते हुए हाथ-पैर जैसे महत्वपूर्ण अंगों को गंवाने के बाद भी वीर जवानों ने साइकिल से देहरादून से ऋषिकेश होते हुए माणा तक का सफर तय करने की ठानी है.

ऋषिकेश में इंडियन पैरा साइकिलिंग का आयोजन

इसके लिए आईटीबीपी ने इन सभी जवानों की मदद की है. इस यात्रा में भारतीय सेना के साथ-साथ विदेश से भी आए सेना के दिव्यांग जवानों ने हिस्सा लिया है. यह सफर 23 अगस्त को अंतिम गांव माणा में समाप्त होगा.

इस पर ग्रुप लीडर आदित्य मेहता ने बताया कि यह रेस प्रत्येक वर्ष कराई जाती है. इसमें सेना के इंडियन पैरा साइकिल के तीन हिस्सों सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी के जवान प्रतिभाग कर रहे हैं. इसके साथ ही इसमें लंदन, यूएस समेत कई अन्य देशों के दिव्यांग जवान भी भाग ले रहे हैं.

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ऋषिकेश-- अपने अंगों को गंवाने के बाद आर्मी से रिटायर्ड दिव्यांग जवानों ने उन सभी दिव्यांगों का हौसला बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन कार्य की शुरुआत की है जिसमें सभी दिव्यांग साइकिल के जरिए कठिन पहाड़ियों के चढ़ाई करते हुए देहरादून से लेकर माना तक का सफर करेंगे उनका उद्देश्य है कि कोई भी किसी दिव्या को देखकर सहानुभूति ना करें और उनकी हिम्मत को पहचाने।


Body:वी/ओ-- सेना में रहते हुए देश के लिए अपनी सेवा देते देते अपने अंगों को गंवाने के बाद भी अपने हौसले को बुलंद रखते हुए सेना के जवानों ने सभी दिव्यांगों के हौसला अफजाई के लिए उन्होंने पैर हाथ आप जैसे महत्वपूर्ण अंगों को गंवाने के बावजूद भी हिम्मत ना हार ते हुए अपने हौसले का दिखावा करते हुए साइकिल के जरिए देहरादून से ऋषिकेश होते हुए माना तक का सफर तय करने की ठानी है इसके लिए आईटीबीपी ने इन सभी जवानों की मदद की है, इस यात्रा में भारतीय सेना के साथ-साथ विदेश से भी आए दिव्यांग सेना के जवानों ने भी हिस्सा लिया है यह सफर 23 अगस्त को अंतिम गांव माना में समाप्त होगी।








Conclusion:वी/ओ--देहरादून से सुरु हुई इनफिनिटी राइड ऋषिकेश पहुची जिसने सभी दिव्यांग लोग भाग ले रहे है और ये वो लोग है जो फ़ौज में अपने अंग गवा चुके है या जो किसी दुर्घटना के कारण अपंग हुए और कुछ एन आर आई भी है विदेश से आये है ।

बाइट :-  सरदार अवतार सिंह  जवान B S F


बाइट:-  हरेंद्र सिंह B S F


बाइट :- आदित्य मेहता ग्रुप  लीडर
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