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नगर निगम ऋषिकेशः कौन बोल रहा सही, SIT जांच चल भी रही है या फिर कुछ और है बात

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Published : Aug 25, 2019, 4:48 PM IST

ऋषिकेश नगर निगम से भूमि संबंधी अहम दस्तावेज गायब होने पर एसआईटी जांच को लेकर नगर निगम मेयर अनीता ममंगाई और मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान दोनों के अलग-अलग बयान आ रहे हैं.

मेयर और नगर आयुक्त का अलग-अलग बयान

ऋषिकेश: नगर निगम से भूमि संबंधी अहम दस्तावेज गायब होने की एसआईटी जांच अधर में लटकी हुई है. एसआईटी जांच को लेकर नगर निगम मेयर अनीता ममंगाई और मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान दोनों के अलग-अलग बयान आ रहे हैं. महापौर का कहना है कि एसआईटी जांच का प्रस्ताव पास हो चुका है. वहीं, मुख्य नगर आयुक्त एसआईटी जांच के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर रहे हैं.

मेयर और नगर आयुक्त का अलग-अलग बयान

बता दें कि बीते 29 जुलाई को ऋषिकेश नगर निगम में बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया था. जिसमें नगर निगम कार्यालय से भूमि संबंधित अहम दस्तावेज गायब होने की बात सामने आई थी. जिसके बाद बोर्ड बैठक में पार्षदों ने एसआईटी जांच की मांग की थी.

पढ़ें: पुलिस मुख्यालय में कुर्सी के लिए शुरू हुआ घमासान, पुष्पक ज्योति व एपी अंशुमान का नाम सबसे आगे

एसआईटी जांच को लेकर मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान से 22 अगस्त को कहा था कि एसआईटी जांच को लेकर बोर्ड बैठक में सिर्फ चर्चा ही हुई थी, जिसके चलते इसे प्रस्ताव नहीं माना जा सकता. उन्होंने कहा था कि एसआईटी जांच संबंधित किसी भी तरह का प्रस्ताव बोर्ड में पास नहीं हुआ था, जिस कारण एसआईटी जांच के लिए शासन को पत्र नहीं भेजा गया.

वहीं, आज ऋषिकेश नगर निगम की महापौर अनीता ममंगाई ने जानकारी देते हुए कहा कि 29 जुलाई को आयोजित हुए बोर्ड बैठक में भूमि संबंधित दस्तावेज गायब होने की बात सामने आई थी. पार्षदों द्वारा सर्व सम्मति से फाइलों के गायब होने की एसआईटी जांच का प्रस्ताव पास कर लिया गया था. जिसके बाद दस्तावेजों के गायब होने की एसआईटी जांच चल रही है.

इस दौरान जब महापौर से उनके और मुख्य नगर आयुक्त के बीच कम्युनिकेशन गैप होने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नगर निगम ऋषिकेश में तालमेल से कार्य हो रहा है. किसी भी तरह का कम्युनिकेशन गैप नहीं है.

ऋषिकेश: नगर निगम से भूमि संबंधी अहम दस्तावेज गायब होने की एसआईटी जांच अधर में लटकी हुई है. एसआईटी जांच को लेकर नगर निगम मेयर अनीता ममंगाई और मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान दोनों के अलग-अलग बयान आ रहे हैं. महापौर का कहना है कि एसआईटी जांच का प्रस्ताव पास हो चुका है. वहीं, मुख्य नगर आयुक्त एसआईटी जांच के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर रहे हैं.

मेयर और नगर आयुक्त का अलग-अलग बयान

बता दें कि बीते 29 जुलाई को ऋषिकेश नगर निगम में बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया था. जिसमें नगर निगम कार्यालय से भूमि संबंधित अहम दस्तावेज गायब होने की बात सामने आई थी. जिसके बाद बोर्ड बैठक में पार्षदों ने एसआईटी जांच की मांग की थी.

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एसआईटी जांच को लेकर मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान से 22 अगस्त को कहा था कि एसआईटी जांच को लेकर बोर्ड बैठक में सिर्फ चर्चा ही हुई थी, जिसके चलते इसे प्रस्ताव नहीं माना जा सकता. उन्होंने कहा था कि एसआईटी जांच संबंधित किसी भी तरह का प्रस्ताव बोर्ड में पास नहीं हुआ था, जिस कारण एसआईटी जांच के लिए शासन को पत्र नहीं भेजा गया.

वहीं, आज ऋषिकेश नगर निगम की महापौर अनीता ममंगाई ने जानकारी देते हुए कहा कि 29 जुलाई को आयोजित हुए बोर्ड बैठक में भूमि संबंधित दस्तावेज गायब होने की बात सामने आई थी. पार्षदों द्वारा सर्व सम्मति से फाइलों के गायब होने की एसआईटी जांच का प्रस्ताव पास कर लिया गया था. जिसके बाद दस्तावेजों के गायब होने की एसआईटी जांच चल रही है.

इस दौरान जब महापौर से उनके और मुख्य नगर आयुक्त के बीच कम्युनिकेशन गैप होने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नगर निगम ऋषिकेश में तालमेल से कार्य हो रहा है. किसी भी तरह का कम्युनिकेशन गैप नहीं है.

Intro:ऋषिकेश-- ऋषिकेश नगर निगम में कम्युनिकेशन गैप की वजह से भूमि संबंधी अहम दस्तावेज गायब होने की एसआईटी जांच अधर में लटकी हुई है,एसआईटी जांच को लेकर नगर निगम मेयर और मुख्य नगर आयुक्त दोनों के अलग अलग बयान यह सिद्ध कर रहे हैं की निगम में दोनों के बीच किस हद तक कम्युनिकेशन गैप है,एक ओर निगम महापौर एसआईटी जांच का प्रस्ताव पास होने की बात कर रही हैं वहीं मुख्य नगर आयुक्त एसआईटी जांच के प्रस्ताव को एक सिरे से खारिज कर रहे हैं।


Body:वी/ओ-- बीते 29 जुलाई को ऋषिकेश नगर निगम में बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया था जिसमें नगर निगम कार्यालय से भूमि संबंधित अहम दस्तावेज गायब होने की बात सामने आई थी जिसके बाद बोर्ड में पार्षदों के द्वारा एसआईटी जांच की मांग की गई थी हालांकि एसआईटी जांच के लिए अभी तक किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं की गई है वही एसआईटी जांच को लेकर मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान से 22 अगस्त को ईटीवी भारत के कैमरे पर जानकारी देते हुए बताया की एसआईटी जांच को लेकर बोर्ड बैठक में सिर्फ चर्चा ही हुई थी यही कारण है कि इसे प्रस्ताव नही माना जा सकता,उन्होंने कहा था कि एसआईटी जांच संबंधित किसी भी तरह का प्रस्ताव बोर्ड में पास नहीं हुआ था यही कारण है कि एसआईटी जांच के लिए शासन को पत्र नहीं भेजा गया है।


Conclusion:वी/ओ-- वही आज ऋषिकेश नगर निगम महापौर अनीता ममंगाई से इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि 29 जुलाई को आयोजित हुए बोर्ड बैठक में भूमि संबंधित दस्तावेज गायब होने की बात सामने आई थी पार्षदों के द्वारा सर्व सम्मति से फाइलों के गायब होने की एसआईटी जांच का प्रस्ताव पास कर लिया गया था। जिसके बाद दस्तावेजों को गायब होने की एसआईटी जांच चल रही है,अब इतने बड़े मामले में दोनों के बयान अलग अलग होना यह दर्शाता है कि दोनों के बीच किस्य हदतक कयुनिकेशन गैप है,वहीं जब महापौर से मुख्य नगर आयुक्त और उनके बीच में कम्युनिकेशन गैप होने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नगर निगम ऋषिकेश में तालमेल से कार्य हो रहा है किसी भी तरह का कम्युनिकेशन गैप किसी के बीच में नहीं है। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि मुख्य नगर आयुक्त के बयान को सच माना जाए या फिर महापौर के बयान को।

बाईट--अनीता ममगाई(महापौर,नगर निगम ऋषिकेश)
बाईट--चतर सिंह चौहान(मुख्य नगर आयुक्त ऋषिकेश)
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