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चंद्रभागा नदी के किनारे बसे 200 परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर, निगम ने कही ये बात - Human rights abuses

चंद्रभागा नदी के किनारे बसी बस्ती को नगर निगम द्वारा अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया है. जिससे लोग बेघर हो गये हैं. जिसे लेकर कांग्रेसियों ने अनुछेद 21 का हवाला देते हुए उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है.

चंद्रभागा नदी के किनारे हुए अतिक्रमण को लेकर कांग्रेसियों ने उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
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Published : Nov 5, 2019, 11:03 PM IST

ऋषिकेशः चंद्रभागा नदी के किनारे बसी बस्ती को नगर निगम द्वारा अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया है. जिससे लोग बेघर हो गये हैं. जो कि मानवाधिकारों का हनन है. ऐसे में कांग्रेसियों ने अनुछेद 21 का हवाला देते हुए उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. साथ ही हर एक व्यक्ति को रहने, खाने और स्वास्थ्य की सुविधायें देने की मांग की है.

चंद्रभागा नदी के किनारे हुए अतिक्रमण को लेकर कांग्रेसियों ने उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

बता दें कि, सोमवार को नगर निगम और सिंचाई विभाग की टीम द्वारा चंद्रभागा नदी के किनारे बसी बस्ती को जेसीबी के जरिए तोड़ दिया गया. झोपड़ी टूटने की वजह से वहां रहने वाले सभी लोग बेघर हो गए और खुले आसमान के नीचे रात बिताई. कांग्रेसी नेता ने कहा कि बस्ती तोड़ने से पहले प्रशासन ने वहां रहने वाले लोगों के लिए ना ही रैन बसेरा बनाया, ना ही खाने के लिए खाना और ना ही किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई, जिससे लोग परेशान हैं.

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वहीं, ऋषिकेश उप जिलाधिकारी प्रेम लाल ने बताया कि चंद्रभागा नदी के किनारे से बस्ती को खाली कराया गया है. जिसे लेकर प्रशासन को हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए थे. हालांकि व्यवस्था नहीं हो पाई, जिसको लेकर अब प्रशासन बेघर हुए लोगों के लिए रहने, खाने और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायेगा.

ऋषिकेशः चंद्रभागा नदी के किनारे बसी बस्ती को नगर निगम द्वारा अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया है. जिससे लोग बेघर हो गये हैं. जो कि मानवाधिकारों का हनन है. ऐसे में कांग्रेसियों ने अनुछेद 21 का हवाला देते हुए उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. साथ ही हर एक व्यक्ति को रहने, खाने और स्वास्थ्य की सुविधायें देने की मांग की है.

चंद्रभागा नदी के किनारे हुए अतिक्रमण को लेकर कांग्रेसियों ने उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

बता दें कि, सोमवार को नगर निगम और सिंचाई विभाग की टीम द्वारा चंद्रभागा नदी के किनारे बसी बस्ती को जेसीबी के जरिए तोड़ दिया गया. झोपड़ी टूटने की वजह से वहां रहने वाले सभी लोग बेघर हो गए और खुले आसमान के नीचे रात बिताई. कांग्रेसी नेता ने कहा कि बस्ती तोड़ने से पहले प्रशासन ने वहां रहने वाले लोगों के लिए ना ही रैन बसेरा बनाया, ना ही खाने के लिए खाना और ना ही किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई, जिससे लोग परेशान हैं.

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वहीं, ऋषिकेश उप जिलाधिकारी प्रेम लाल ने बताया कि चंद्रभागा नदी के किनारे से बस्ती को खाली कराया गया है. जिसे लेकर प्रशासन को हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए थे. हालांकि व्यवस्था नहीं हो पाई, जिसको लेकर अब प्रशासन बेघर हुए लोगों के लिए रहने, खाने और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायेगा.

Intro:ऋषिकेश-- ऋषिकेश चंद्रभागा नदी के किनारे बसे 200 परिवारों को नगर निगम के द्वारा अतिक्रमण बताकर उनकी झोपड़ियों को तोड़कर खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया, जो कि मानवाधिकारों का हनन है,काँग्रेसीयों ने अनुछेद 21 का हवाला देते हुए उपजिलाधिकारी को ज्ञापन देंते हुए हर एक व्यक्ति को रहने खाने और स्वास्थ्य की सुविधा देना आवश्यक होता है,लेकिन ऋषिकेश प्रशासन की इस मामले में घोर लापरवाही सामने आई है।


Body:वी/ओ-- सोमवार को नगर निगम और सिंचाई विभाग की टीम चंद्रभागा नदी के किनारे बसी बस्ती को तोड़ने के लिए पहुंचे और जेसीबी के जरिए सभी झोपड़ियों को तोड़ दिया गया, झोपड़ी टूटने की वजह से वहां रहने वाले सभी लोग बेघर हो गए और खुले आसमान के नीचे रात बिताई बस्ती तोड़ने से पहले प्रशासन ने वहां रहने वाले लोगों के लिए किसी भी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की थी बस्ती में रहने वाले बच्चे बूढ़े महिला सभी तरह के लोग रहते हैं लेकिन प्रशासन के द्वारा यहां रहने वाले लोगों के लिए नाही रहने के लिए रैन बसेरा खाने के लिए खाना और स्वास्थ्य सुविधा के लिए चिकित्सक इनमें से किसी प्रकार की व्यवस्था प्रशासन के द्वारा नहीं की गई थी यही कारण है कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने आज उप जिलाधिकारी के पास पहुंचकर मानवाधिकारों के हनन के मामले में ज्ञापन सौंपा और बेघर हुए सभी लोगों के लिए तत्काल व्यवस्था करने की मांग की।


Conclusion:वी/ओ-- ऋषिकेश उप जिलाधिकारी प्रेम लाल ने बताया कि चंद्रभागा नदी के किनारे से बस्ती को खाली कराया गया है उन्होंने कहा कि इसको लेकर प्रशासन को हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए थे हालांकि व्यवस्था नहीं हो पाई जिसको लेकर अब प्रशासन खुले आसमान के नीचे रहने वाले लोगों के लिए रहने खाने और स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध करवाएगा।

बाईट--एकांत गोयल(कांग्रेसी कार्यकर्ता)
बाईट--प्रेमलाल(उपजिलाधिकारी ऋषिकेश)
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