ऋषिकेश: विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने शहरी क्षेत्र के अंर्तगत होने वाली विकास योजनाओं को लेकर शहरी विकास विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान शहरी विकास विभाग द्वारा प्रस्तावित योजनाओं के बारे में जानकारी ली.
बता दें कि बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि जल्द ही लगभग 2800 करोड़ रुपये की प्रस्तावित योजना से ऋषिकेश के शहरी क्षेत्र का रूप बदलेगा. साथ ही मुनिकीरेती, लक्ष्मण झूला का स्मार्ट सिटी के तर्ज पर कायाकल्प होगा. शहरी विकास विभाग द्वारा एशियन इन्फ्राट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक(एआईआईबी) संघाई द्वारा पोषित ऋषिकेश के विकास में एकीकृत शहरी अवसंरचना हेतु लगभग 2800 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है.
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गौरतलब हो कि क्षेत्र के कायाकल्प को बदलने वाली इस योजना को नीति आयोग और अन्य विभागों ने मंजूरी दे दी है. उत्तराखंड शासन की ओर से भी जल्द ही मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव का डीपीआर तैयार किया जाएगा. बता दें कि ऋषिकेश की पहचान तीर्थनगरी के रूप में विश्व प्रसिद्ध है और इसी पहचान को योग, अध्यात्म और पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष प्रयासरत रहे हैं.
इसी क्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की संस्तुति से लगभग 2800 करोड़ की कार्य योजना को गति मिली है. जिसका कि जल्द ही शासन की स्वीकृति के बाद धरातल पर उदय होगा. बैठक के दौरान शहरी विकास विभाग के अपर सचिव चंद्रेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि योजना को दो चरणों में प्रस्तावित किया गया है. अपर सचिव ने बताया कि इस योजना के माध्यम से ऋषिकेश शहरी क्षेत्र में 24 घंटे पेयजल आपूर्ति, घाटों का निर्माण और सौंदर्यीकरण, सड़क किनारे नालों का निर्माण, सड़क परिवहन व्यवस्था कराना प्रस्तावित है.
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वहीं बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा की ऋषिकेश में अनेकों योजनाओं से विकास कार्य चल रहे हैं, फिर भी ऋषिकेश शहर को और अधिक सुदृढ़ और आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि ऋषिकेश को देश के पहले 5 शहरों में शामिल करना उनकी प्राथमिकता है. जिसके लिए वह प्रयासरत हैं.