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खुलासा: सीनियर्स ने बैट से मासूम को बेरहमी से पीटा, मौत होने के बाद स्कूल में ही दफनाया शव

बता दें 10 मार्च को रानीपोखरी के मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र की मौत का मामला सामने आया था. छात्र की मौत की खबर परिजनों को देने के बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्र के शव को दफना दिया था.  मृतक छात्र के पिता झप्पू यादव ने मामले में हत्या की आशंका जताते हुए मामले की शिकायत बाल आयोग से की.

छात्र की हत्या मामले में पुलिस ने की कार्रवाई.
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Published : Mar 28, 2019, 10:29 AM IST

Updated : Mar 28, 2019, 12:57 PM IST

ऋषिकेश: 10 मार्चको रानीपोखरी के मिशनरी स्कूल में छात्र की मौत के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर 2 छात्रों और स्कूल के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने पांचों लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा दिया है. वहीं इस पूरे मामले में स्कूल प्रबंधक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके कारण पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं.

बता दें 10 मार्च को रानीपोखरी के मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र की मौत का मामला सामने आया था. छात्र की मौत की खबर परिजनों को देने के बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्र के शव को दफना दिया था. मृतक छात्र के पिता झप्पू यादव ने मामले में हत्या की आशंका जताते हुए मामले की शिकायत बाल आयोग से की. जिसके बाद बाल आयोग की टीम ने मौका मुआयना कर पुलिस पर कार्रवाई करने का दबाव बनाया. जिसके बाद छात्र के शव को निकालकर उसका पोस्टमार्टम करवाया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि छात्र की मौत चोट लगने के कारण हुई थी.

छात्र की हत्या मामले में पुलिस ने की कार्रवाई.

जिसके बाद पुलिस ने मामले में पूछताछ की तो पता चला कि दो छात्रों ने मृतक छात्र वासु के साथ बैट और विकेट से मारपीट की थी. जिससे वह बेहोश हो गया. दोनों छात्रों वासु को बेहोशी की हालत में स्टडी रूम में छोड़कर चले गए. कुछ देर बाद स्कूल स्टाफ ने छात्र को हिमालयन अस्पताल में भर्ती करवाया. जहां इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई थी.

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि इस मामले में कुछ लोगों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मृतक छात्र वासु की हत्या करने वालों को बचाना, शव को दफनाने और साक्ष्य छिपाने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ऊषा नेगी ने कहा पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जोकि अपने आप में बड़े सवाल खड़ा करता है. ऊषा ने कहा पुलिस को स्कूल के प्रबंधक के साथ-साथ हॉस्पिटल पर भी कार्रवाई करनी चाहिए थी.

ऋषिकेश: 10 मार्चको रानीपोखरी के मिशनरी स्कूल में छात्र की मौत के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर 2 छात्रों और स्कूल के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने पांचों लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा दिया है. वहीं इस पूरे मामले में स्कूल प्रबंधक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके कारण पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं.

बता दें 10 मार्च को रानीपोखरी के मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र की मौत का मामला सामने आया था. छात्र की मौत की खबर परिजनों को देने के बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्र के शव को दफना दिया था. मृतक छात्र के पिता झप्पू यादव ने मामले में हत्या की आशंका जताते हुए मामले की शिकायत बाल आयोग से की. जिसके बाद बाल आयोग की टीम ने मौका मुआयना कर पुलिस पर कार्रवाई करने का दबाव बनाया. जिसके बाद छात्र के शव को निकालकर उसका पोस्टमार्टम करवाया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि छात्र की मौत चोट लगने के कारण हुई थी.

छात्र की हत्या मामले में पुलिस ने की कार्रवाई.

जिसके बाद पुलिस ने मामले में पूछताछ की तो पता चला कि दो छात्रों ने मृतक छात्र वासु के साथ बैट और विकेट से मारपीट की थी. जिससे वह बेहोश हो गया. दोनों छात्रों वासु को बेहोशी की हालत में स्टडी रूम में छोड़कर चले गए. कुछ देर बाद स्कूल स्टाफ ने छात्र को हिमालयन अस्पताल में भर्ती करवाया. जहां इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई थी.

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि इस मामले में कुछ लोगों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मृतक छात्र वासु की हत्या करने वालों को बचाना, शव को दफनाने और साक्ष्य छिपाने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ऊषा नेगी ने कहा पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जोकि अपने आप में बड़े सवाल खड़ा करता है. ऊषा ने कहा पुलिस को स्कूल के प्रबंधक के साथ-साथ हॉस्पिटल पर भी कार्रवाई करनी चाहिए थी.

Intro:ऋषिकेश-रानीपोखरी मिशनरी स्कूल में हुए छात्र की मौत के मामले 5 लोगों को गिरफ्तार किया है,पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद बच्चे की मौत का कारण चोट लगाना सामने आया जिसके बाद 2 छात्रों और स्कूल के तीन कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है,वहीं इस मामले में स्कूल प्रबंधक पर कार्यवाही न करने से पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध दिखाई दे रही है।


Body:वी/ओ--मामला 10 मार्च का है रानीपोखरी के मिशनरी स्कूल में पढ़ाई करने वाले एक छात्र की मौत का मामला सामने आया था छात्र की मौत की खबर परिजनों को देने के बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्र के शव को दफना दिया था लेकिन मृतक छात्र के पिता झप्पू यादव ने हत्या का शक जाहिर करते हुए इसकी शिकायत बाल आयोग से की जिसके बाद बाल आयोग की टीम ने मौका मुआयना किया और पुलिस पर कार्यवाही करने का दबाव बनाया जिसके बाद 23 मार्च को मृतक छात्र की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई जिसमे साफ हो गया कि छात्र की मौत चोट लगने के कारण हुई थी मामला सामने के बाद पुलिस को पूछताछ पता चला कि दो छात्रों ने मृतक छात्र वासु के साथ बैट और विकेट से काफी मारपीट की थी जिससे जिसके बाद दोनों छात्रों ने वासु को बेहोशी की हालत में स्टडी रूम में छोड़कर चले गए,लेकिन कुछ देर बाद स्कूल स्टाफ ने बेहोशी के हालात में छात्र को देखा जिसके बाद हिमालयन अस्पताल इलाज के ले गए लेकिन इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई थी ।


Conclusion:वी/ओ-बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि इस मामले में कुछ लोगों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं उन्होंने कहा कि मृतक छात्र वाशु की हत्या करने वालों को बचाना, शव को दफनाने और साक्ष्य छिपाने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है लेकिन पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक के खिलाफ क्यों कार्यवाही नही की यह बड़ा सवाल,उन्होंने कहा कि पुलिस को स्कूल प्रबंधक के खिलाफ भी कार्यवाही करनी चाहिए थी वहीं उन्होंने यह भी कहा कि हॉस्पिटल के खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिए क्योंकि
हॉस्पिटल ने भी गलत रिपोर्ट बनाकर दी है,जो कि पोस्टमार्तन रिपोर्ट के बाद साफ हो गया है,वहीं इस हादसे के बाद मृतक छात्र के पिता का रो रोकर बुरा हाल है।

बाईट--ऊषा नेगी(बाल संरक्षण आयोग,अध्यक्ष)
बाईट--झप्पू यादव(मृतक छात्र के पिता)

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FOLDER NAME--CHATR KI MAUT PANCH GIRAFTAR
Last Updated : Mar 28, 2019, 12:57 PM IST
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