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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में हुई बढ़ोतरी, एनटीसीए ने बढ़ाया बजट

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Published : Sep 19, 2019, 6:17 PM IST

रामनगर वन प्रभाग में इस बार बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इस बार बाघों की संख्या 250 आई है. जोकि पिछली बार के 215 के मुकाबले इस बाक 35 बाघों की बढ़ोतरी हुई है. जिसे देखते हुए एनटीसीए ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का बजट भी बढ़ा दिया है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बढ़ी बाघों की संख्या.

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ने के साथ ही एनटीसीए ने कॉर्बेट का बजट भी बढ़ा दिया है. एनटीसीए ने कॉर्बेट प्रशासन को 13 करोड़ 56 लाख रुपए की धनराशि दी है. जोकि कॉर्बेट में बाघों के संरक्षण के कार्यों में काम आएगा. वहीं, बाघों के संरक्षण के लिए एनटीसीए ने पहली तराई पश्चिमी वन प्रभाग को एक करोड़ रुपए की धनराशि दी है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बढ़ी बाघों की संख्या.

बता दें कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण(एनटीसीए) द्वारा करायी गई गणना में इस बार बाघों की संख्या 250 आई है. जोकि पिछली गणना के 215 के मुकाबले 35 बढ़ी है. लेकिन बाघों की संख्या बढ़ने के साथ ही बाघों के संरक्षण की जिम्मेदारी भी कॉर्बेट प्रबंधक के आगे बड़ी चुनौती है. जिसे देखते हुए एनटीसीए ने कॉर्बेट का बजट बढ़ा दिया है.

पढ़ें: पंचायत चुनाव आते ही फर्जी प्रमाण पत्रों का खेल शुरू, जल्दी के चक्कर में ठगे जा रहे प्रत्याशी

गौरतलब है कि हर साल बाघों की सुरक्षा के लिए एनटीसीए बजट देता है. वित्त प्रशासन ने एनटीसीए से 20 करोड़ की मांग की थी. जिसकी पहली किस्त के रूप में 13 करोड़ 56 लाख रुपये की धनराशि दी गई है. जिससे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के दो वन प्रभाग कालागढ़ वन प्रभाग और रामनगर वन प्रभाग का वित्त पोषण किया जाना है. साथ ही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में एक मार्ग को दुरुस्त किया जाना है और वाहनों के संचालन के कार्यों में इस धनराशि का उपयोग किया जाएगा.

वहीं, एनटीसीए ने पहली बार तराई पश्चिमी वन प्रभाग को एक करोड़ की धनराशि दी है. रामनगर वन प्रभाग में पिछली गणना के मुकाबले बाघों की संख्या बढ़ी है.

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ने के साथ ही एनटीसीए ने कॉर्बेट का बजट भी बढ़ा दिया है. एनटीसीए ने कॉर्बेट प्रशासन को 13 करोड़ 56 लाख रुपए की धनराशि दी है. जोकि कॉर्बेट में बाघों के संरक्षण के कार्यों में काम आएगा. वहीं, बाघों के संरक्षण के लिए एनटीसीए ने पहली तराई पश्चिमी वन प्रभाग को एक करोड़ रुपए की धनराशि दी है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बढ़ी बाघों की संख्या.

बता दें कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण(एनटीसीए) द्वारा करायी गई गणना में इस बार बाघों की संख्या 250 आई है. जोकि पिछली गणना के 215 के मुकाबले 35 बढ़ी है. लेकिन बाघों की संख्या बढ़ने के साथ ही बाघों के संरक्षण की जिम्मेदारी भी कॉर्बेट प्रबंधक के आगे बड़ी चुनौती है. जिसे देखते हुए एनटीसीए ने कॉर्बेट का बजट बढ़ा दिया है.

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गौरतलब है कि हर साल बाघों की सुरक्षा के लिए एनटीसीए बजट देता है. वित्त प्रशासन ने एनटीसीए से 20 करोड़ की मांग की थी. जिसकी पहली किस्त के रूप में 13 करोड़ 56 लाख रुपये की धनराशि दी गई है. जिससे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के दो वन प्रभाग कालागढ़ वन प्रभाग और रामनगर वन प्रभाग का वित्त पोषण किया जाना है. साथ ही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में एक मार्ग को दुरुस्त किया जाना है और वाहनों के संचालन के कार्यों में इस धनराशि का उपयोग किया जाएगा.

वहीं, एनटीसीए ने पहली बार तराई पश्चिमी वन प्रभाग को एक करोड़ की धनराशि दी है. रामनगर वन प्रभाग में पिछली गणना के मुकाबले बाघों की संख्या बढ़ी है.

Intro:note-इस खबर के विजुअल wrap से भेजे गये है डेस्क कृपया चैक कर लें।

intro- रामनगर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ने के साथ ही एनटीसीए ने कॉर्बेट का बजट भी बढ़ा दिया है। जो बजट कॉर्बेट में बाघों के संरक्षण के कार्यों के काम में लाया जाएगा। तराई पश्चिमी वन प्रभाग में इस बार बाघों की संख्या बढ़ी है जिसको देखते हुए पहली बार एनटीसीए ने 1करोड़ रुपए की धनराशि बाघों के संरक्षण के लिए दी है।


Body:vo.- रामनगर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व भागों की राजधानी के रूप में विश्व विख्यात है। भारत के अंदर सबसे अधिक बाघों की जनसंख्या घनत्व की यही पाया जाता है।राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण(एनटीसीए) द्वारा कराई गई गणना में इस बार बाघों की संख्या 250 के लगभग बढ़कर आई है ।जो पिछली गणना में 215 आई बाघों की संख्या के मुकाबले 35 बाघों की संख्या बढ़ी है। जो कॉर्बेट प्रबंधक के लिए बड़ी सुखद है। परंतु बाघों की संख्या बढ़ने के साथ ही बाघों के संरक्षण की जिम्मेदारी भी कॉर्बेट प्रबंधक के आगे बड़ी चुनौती है जिसको देखते हुए एनटीसीए ने कॉर्बेट का बजट बढ़ा दिया है। आपको बता दें कि हर वर्ष बाघों की सुरक्षा के लिए एनटीसीए बजट देता है।इस बार एनटीसीए ने पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष कॉर्बेट के बजट में वृद्धि की है ।और वित्त प्रशासन ने विभिन्न मदों के लिए एनटीसीए से 20करोड़ की मांग की थी। जिसके चलते एनटीसीए नहीं पहली किस्त के रूप में 13 करोड़ 56 लाख रुपये की धनराशि दी है ।जिसे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के माध्यम से कॉर्बेट के दो वन प्रभाग कालागढ़ वन प्रभाग और रामनगर वन प्रभाग के अलावा कॉरिडोर के तराई पश्चिमी वन प्रभाग और रामनगर वन प्रभाग को वित्त पोषण किया जाना है। एनटीसीए द्वारा दी गई धनराशि को बाघों के संरक्षण की विभिन्न मदों ऑपरेशन लॉर्ड दैनिक श्रमिक एसटीपीएफ के जवानों का वेतन भुगतान किया जाएगा ।इसके साथ ही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंदर 1 मार्गो को दुरुस्त किया जाना है तथा वाहनों के संचालन इत्यादि कार्यों में इस धनराशि का उपयोग किया जाएगा। गौरतलब है कि तराई पश्चिमी वन प्रभाग में भी बाघों की संख्या बढ़कर आई है ।अतः एनटीसीए ने पहली बार तराई पश्चिमी वन प्रभाग ओं को एक करोड़ की धनराशि दी है। जबकि रामनगर वन प्रभाग में पिछली गणना में बाघों की संख्या बढ़ी है ।और इस बार की गणना में भी बाघों की संख्या बढ़कर आई है ।पिछली वर्ष के बराबर ही इस वर्ष भी 1करोड़ रुपए की धनराशि बाघों की सुरक्षा के लिए दी गई है।

byte- राहुल कुमार (निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व)


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