रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ने के साथ ही एनटीसीए ने कॉर्बेट का बजट भी बढ़ा दिया है. एनटीसीए ने कॉर्बेट प्रशासन को 13 करोड़ 56 लाख रुपए की धनराशि दी है. जोकि कॉर्बेट में बाघों के संरक्षण के कार्यों में काम आएगा. वहीं, बाघों के संरक्षण के लिए एनटीसीए ने पहली तराई पश्चिमी वन प्रभाग को एक करोड़ रुपए की धनराशि दी है.
बता दें कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण(एनटीसीए) द्वारा करायी गई गणना में इस बार बाघों की संख्या 250 आई है. जोकि पिछली गणना के 215 के मुकाबले 35 बढ़ी है. लेकिन बाघों की संख्या बढ़ने के साथ ही बाघों के संरक्षण की जिम्मेदारी भी कॉर्बेट प्रबंधक के आगे बड़ी चुनौती है. जिसे देखते हुए एनटीसीए ने कॉर्बेट का बजट बढ़ा दिया है.
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गौरतलब है कि हर साल बाघों की सुरक्षा के लिए एनटीसीए बजट देता है. वित्त प्रशासन ने एनटीसीए से 20 करोड़ की मांग की थी. जिसकी पहली किस्त के रूप में 13 करोड़ 56 लाख रुपये की धनराशि दी गई है. जिससे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के दो वन प्रभाग कालागढ़ वन प्रभाग और रामनगर वन प्रभाग का वित्त पोषण किया जाना है. साथ ही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में एक मार्ग को दुरुस्त किया जाना है और वाहनों के संचालन के कार्यों में इस धनराशि का उपयोग किया जाएगा.
वहीं, एनटीसीए ने पहली बार तराई पश्चिमी वन प्रभाग को एक करोड़ की धनराशि दी है. रामनगर वन प्रभाग में पिछली गणना के मुकाबले बाघों की संख्या बढ़ी है.