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विद्युत विभाग की लापरवाही बच्चे पर पड़ी भारी, कंरट लगने से गंवाए दोनों हाथ, ग्रामीणों में आक्रोश

करंट लगने से झुलसे युवक के परिजन और गांव वालों ने बच्चे की इस हालत के लिए UPCL को जिम्मेदार ठहराया है.  गांव के प्रधान केदार सिंह सामंत ने  विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा.

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Published : Jul 19, 2019, 5:08 PM IST

Updated : Jul 19, 2019, 5:47 PM IST

विद्युत विभाग की लापरवाही बच्चे पर पड़ी भारी.

पिथौरागढ़: शुक्रवार को कनालीछीना विकासखण्ड के ख्वातड़ी गांव के लोगों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर विद्युत विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की लापरवाही की वजह से करंट लगने से गांव के 12 साल के बच्चे के दोनों हाथ काटने पड़े. जबकि, विभाग को एक साल पहले ही बिजली के खम्बों में करंट आने के सूचना दे दी गयी थी. ग्रामीणों ने विद्युत विभाग से बच्चे के इलाज का खर्चा उठाने की मांग करते हुए उसके आजीवन भरण-पोषण की बात कही. साथ ही ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की.

विद्युत विभाग की लापरवाही बच्चे पर पड़ी भारी.

ख्वातड़ी गांव के 12 वर्षीय मासूम साहिल कुमार करंट लगने से झुलस गया. जिसके बाद उसके दोनों हाथ काटने पड़े. दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में पीड़ित बच्चे का इलाज चल रहा है. साहिल के पिता पेशे से मजदूर हैं और अपने बच्चे का इलाज कराने में असमर्थ हैं. साहिल के परिजन और गांव वालों ने बच्चे की इस हालत के लिए UPCL को जिम्मेदार ठहराया है. गांव के प्रधान केदार सिंह सामंत ने विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा.

पढ़ें-राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने सदन में उठाया उत्तराखंड में मोबाइल नेटवर्क की खराबी का मुद्दा

ग्राम प्रधान केदार सिंह ने बताया कि विद्युत विभाग को खम्बों में करंट आने की सूचना एक साल पहले से ही दी जा रही है. बावजूद इसके आज तक विभाग को कोई भी अधिकारी यहां झांकने तक तक नहीं आया. शुक्रवार को विद्युत विभाग की लापरवाही को लेकर ख्वातड़ी गांव के लोगों ने डीएम कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की.

पढ़ें-अतिक्रमण पर चला प्रशासन का 'पीला पंजा', टीम को लोगों के विरोध का करना पड़ा सामना

इस दौरान ग्रामीणों ने विद्युत विभाग से साहिल के इलाज का खर्चा उठाने के साथ ही उसके भरण पोषण की मांग की. साथ ही ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की. ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विद्युत विभाग पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे नहीं आता है तो क्षेत्र के लोग सड़कों पर उतरने को बाध्य होंगे. जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

पिथौरागढ़: शुक्रवार को कनालीछीना विकासखण्ड के ख्वातड़ी गांव के लोगों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर विद्युत विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की लापरवाही की वजह से करंट लगने से गांव के 12 साल के बच्चे के दोनों हाथ काटने पड़े. जबकि, विभाग को एक साल पहले ही बिजली के खम्बों में करंट आने के सूचना दे दी गयी थी. ग्रामीणों ने विद्युत विभाग से बच्चे के इलाज का खर्चा उठाने की मांग करते हुए उसके आजीवन भरण-पोषण की बात कही. साथ ही ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की.

विद्युत विभाग की लापरवाही बच्चे पर पड़ी भारी.

ख्वातड़ी गांव के 12 वर्षीय मासूम साहिल कुमार करंट लगने से झुलस गया. जिसके बाद उसके दोनों हाथ काटने पड़े. दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में पीड़ित बच्चे का इलाज चल रहा है. साहिल के पिता पेशे से मजदूर हैं और अपने बच्चे का इलाज कराने में असमर्थ हैं. साहिल के परिजन और गांव वालों ने बच्चे की इस हालत के लिए UPCL को जिम्मेदार ठहराया है. गांव के प्रधान केदार सिंह सामंत ने विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा.

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ग्राम प्रधान केदार सिंह ने बताया कि विद्युत विभाग को खम्बों में करंट आने की सूचना एक साल पहले से ही दी जा रही है. बावजूद इसके आज तक विभाग को कोई भी अधिकारी यहां झांकने तक तक नहीं आया. शुक्रवार को विद्युत विभाग की लापरवाही को लेकर ख्वातड़ी गांव के लोगों ने डीएम कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की.

पढ़ें-अतिक्रमण पर चला प्रशासन का 'पीला पंजा', टीम को लोगों के विरोध का करना पड़ा सामना

इस दौरान ग्रामीणों ने विद्युत विभाग से साहिल के इलाज का खर्चा उठाने के साथ ही उसके भरण पोषण की मांग की. साथ ही ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की. ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विद्युत विभाग पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे नहीं आता है तो क्षेत्र के लोग सड़कों पर उतरने को बाध्य होंगे. जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

Intro:पिथौरागढ़: कनालीछीना विकासखण्ड के ख्वांतड़ी गाँव के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर विद्युत विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की लापरवाही की वजह से करंट लगने से गाँव के 12 साल के बच्चे के दोनों हाथ काटने पड़े। जबकि विभाग को एक साल पूर्व ही बिजली के खम्बों में करंट आने के सूचना दे दी गयी थी। ग्रामीणों ने मांग की है कि विद्युत विभाग बच्चे के इलाज का खर्चा उठाये और उसके आजीवन भरण-पोषण का जिम्मा सम्भाले। साथ ही ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नॉकरी देने की भी मांग की है।

ख़्वातड़ी गाँव के 12 वर्षीय मासूम साहिल कुमार के करंट से झुलसने के बाद दोनों हाथ काटने पड़े है। दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में पीड़ित बच्चे का इलाज चल रहा है। साहिल के पिता पेशे से मजदूर है और बच्चे का इलाज कराने में असमर्थ है। साहिल के परिजन और गाँव के लोग बच्चे की इस हालत का जिम्मेदार UPCL को ठहरा रहे है। ग्राम प्रधान केदार सिंह सामन्त का कहना है कि बिजली के खम्बों में करंट आने की सूचना 1 साल पूर्व ही बिजली विभाग के अधिकारियों को दे दी गयी थी। मगर विभाग का कोई आदमी इसे सुधारने नही आया। जिसकी कीमत 12 साल के मासूम को अपने दोनों हाथ खोकर चुकानी पड़ी है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर विद्युत विभाग पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे नही आया तो पूरा क्षेत्र सड़कों पर उतरने को बाध्य होगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

Byte: जगदीश कुमार, प्रदर्शनकारी




Body:पिथौरागढ़: कनालीछीना विकासखण्ड के ख्वांतड़ी गाँव के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर विद्युत विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की लापरवाही की वजह से करंट लगने से गाँव के 12 साल के बच्चे के दोनों हाथ काटने पड़े। जबकि विभाग को एक साल पूर्व ही बिजली के खम्बों में करंट आने के सूचना दे दी गयी थी। ग्रामीणों ने मांग की है कि विद्युत विभाग बच्चे के इलाज का खर्चा उठाये और उसके आजीवन भरण-पोषण का जिम्मा सम्भाले। साथ ही ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नॉकरी देने की भी मांग की है।

ख़्वातड़ी गाँव के 12 वर्षीय मासूम साहिल कुमार के करंट से झुलसने के बाद दोनों हाथ काटने पड़े है। दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में पीड़ित बच्चे का इलाज चल रहा है। साहिल के पिता पेशे से मजदूर है और बच्चे का इलाज कराने में असमर्थ है। साहिल के परिजन और गाँव के लोग बच्चे की इस हालत का जिम्मेदार UPCL को ठहरा रहे है। ग्राम प्रधान केदार सिंह सामन्त का कहना है कि बिजली के खम्बों में करंट आने की सूचना 1 साल पूर्व ही बिजली विभाग के अधिकारियों को दे दी गयी थी। मगर विभाग का कोई आदमी इसे सुधारने नही आया। जिसकी कीमत 12 साल के मासूम को अपने दोनों हाथ खोकर चुकानी पड़ी है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर विद्युत विभाग पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे नही आया तो पूरा क्षेत्र सड़कों पर उतरने को बाध्य होगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

Byte: जगदीश कुमार, प्रदर्शनकारी




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Last Updated : Jul 19, 2019, 5:47 PM IST
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