पिथौरागढ़: इन दिनों पिथौरागढ़ छावनी में भारत और कजाकिस्तान की सेनाओं के बीच सयुंक्त वार्षिक युद्धाभ्यास KAZIND 2019 चल रहा है. इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों के सैनिक पहाड़ों में आतंकवाद से निपटने की कला को साझा कर रहे हैं. इस दौरान सैनिकों ने काउंटर टेररिस्ट अभियान के दौरान काम आने वाली रॉक क्लाम्बिंग तकनीक का भी अभ्यास किया. जिसमें पहाड़ी से नीचे उतरने और चढ़ने के गुरों का प्रदर्शन किया गया. इसके साथ ही इस युद्धाभ्यास में पूरे विश्व में इस्तेमाल की जाने वाली बम डिफ्यूजल सिस्टम का अभ्यास भी किया गया.
वार्षिक युद्धाभ्यास कजिंद 2019 में दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियों ने आईडी बम डिस्पोजल की तकनीक को भी साझा किया. संयुक्त अभ्यास के दौरान भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले हथियारों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गयी. जिसमें कजाकिस्तान के सैनिकों को हथियारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी. इस सैन्य अभ्यास का मकसद दोनों देशों की सैन्य तकनीक को साझा करना है ताकि युद्ध के दौरान सैनिक सूझ-बूझ और तालमेल से काम करते हुए दुश्मनों का सफाया कर सकें.
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12 दिनों तक चलने वाले KAZIND सेनाभ्यास में कजाकिस्तान की तरफ से 14 अधिकारी और 46 जवान जबकि भारत की ओर से दो राजपूताना रेजीमेंटों के 13 अधिकारी और 47 जवान हिस्सा ले रहे हैं. बता दें की भारत और कजाकिस्तान के बीच संयुक्त वार्षिक युद्धाभ्यास कजिन्द 2016 से आयोजित हो रहा है. ये युद्धभ्यास एक साल कजाकिस्तान और एक साल भारत मे आयोजित किया जाता है. भारत में दूसरी बार हो रहा ये युद्धाभ्यास पिथौरागढ़ में 3 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक चलेगा. इससे पूर्व ये युद्धाभ्यास हिमाचल में आयोजित हुआ था.