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कोरोना संकटः घरों में कैद हुई जिंदगी, बाजारों में छाई नीम खामोशी, नैनी झील में नहीं चली नाव

कोरोना के कारण पर्यटन, व्यापार, खेल, रोजगार के साथ सभी चीजों पर गहरा असर पड़ा है. उत्तराखंड में भी विशेष एहतियात बरतते हुए बाहर से आने वाले पर्यटकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिसके कारण आमतौर पर इस समय गुलजार रहने वाले स्थानों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.

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कोरोना के कारण अस्त-व्यवस्त हुआ जन-जीवन
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Published : Mar 21, 2020, 9:42 PM IST

Updated : Mar 21, 2020, 10:06 PM IST

पिथौरागढ़/नैनीताल: कोरोना वायरस के कारण देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी जन-जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. संक्रमण के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. जिसके कारण सड़कों, बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है.

कोरोना के कारण अस्त-व्यवस्त हुआ जन-जीवन

केंद्र और राज्य सरकार ने भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने के निर्देश दिये हैं. इसके अलावा कोरोना के कारण पर्यटन, व्यापार, खेल, रोजगार के साथ सभी चीजों पर गहरा असर पड़ा है. उत्तराखंड में भी विशेष एहतियात बरतते हुए बाहर से आने वाले पर्यटकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिसके कारण आमतौर पर इस समय गुलजार रहने वाले स्थानों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.

पिथौरागढ़ के धारचूला में भी लोग सिर्फ जरूरी काम से ही घरों से बाहर निकल रहे हैं. बाजारों में जहां एकदम सन्नाटा पसरा हुआ है, वहीं गाड़ियों के पहिए भी थम चुके हैं. धारचूला पुल पर नेपाल से आने जाने वाले लोगों का लगातार स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है.

धारचूला व्यापार संघ ने रविवार को होने वाले 'जनता कर्फ्यू' को अपना समर्थन देते हुए भारत-नेपाल की व्यापारिक मंडी धारचूला बाजार को पूरी तरह बंद करने का एलान किया है. लोगों का मानना है कि एक दिन के 'जनता कर्फ्यू' से वातावरण में मौजूद कोरोना वायरस खुद ही खत्म हो जाएगा.

पढ़ें- बेरोजगारों में कोरोना वायरस का खौफ, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए घटी आवेदकों की संख्या

वहीं बात अगर सरोवर नगरी नैनीताल की करें तो यहां कोरोना का कुछ ज्यादा ही असर पड़ा है. कोरोना को देखते हुए होटलों को बंद कर दिया गया है. जिससे यहां का पर्यटन कारोबार भी पूरी तरह से चौपट हो गया है. इन दिनों आमतौर पर पर्यटकों से गुलजार रहने वाले नैनीताल में नीम खामोशी छाई है. यहां की मॉल रोड से पर्यटक नदारद हैं. नैनीताल के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि नैनी झील में सामान्य मौसम के बावजूद कोई भी नाव नहीं चली है.

पिथौरागढ़/नैनीताल: कोरोना वायरस के कारण देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी जन-जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. संक्रमण के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. जिसके कारण सड़कों, बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है.

कोरोना के कारण अस्त-व्यवस्त हुआ जन-जीवन

केंद्र और राज्य सरकार ने भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने के निर्देश दिये हैं. इसके अलावा कोरोना के कारण पर्यटन, व्यापार, खेल, रोजगार के साथ सभी चीजों पर गहरा असर पड़ा है. उत्तराखंड में भी विशेष एहतियात बरतते हुए बाहर से आने वाले पर्यटकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिसके कारण आमतौर पर इस समय गुलजार रहने वाले स्थानों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.

पिथौरागढ़ के धारचूला में भी लोग सिर्फ जरूरी काम से ही घरों से बाहर निकल रहे हैं. बाजारों में जहां एकदम सन्नाटा पसरा हुआ है, वहीं गाड़ियों के पहिए भी थम चुके हैं. धारचूला पुल पर नेपाल से आने जाने वाले लोगों का लगातार स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है.

धारचूला व्यापार संघ ने रविवार को होने वाले 'जनता कर्फ्यू' को अपना समर्थन देते हुए भारत-नेपाल की व्यापारिक मंडी धारचूला बाजार को पूरी तरह बंद करने का एलान किया है. लोगों का मानना है कि एक दिन के 'जनता कर्फ्यू' से वातावरण में मौजूद कोरोना वायरस खुद ही खत्म हो जाएगा.

पढ़ें- बेरोजगारों में कोरोना वायरस का खौफ, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए घटी आवेदकों की संख्या

वहीं बात अगर सरोवर नगरी नैनीताल की करें तो यहां कोरोना का कुछ ज्यादा ही असर पड़ा है. कोरोना को देखते हुए होटलों को बंद कर दिया गया है. जिससे यहां का पर्यटन कारोबार भी पूरी तरह से चौपट हो गया है. इन दिनों आमतौर पर पर्यटकों से गुलजार रहने वाले नैनीताल में नीम खामोशी छाई है. यहां की मॉल रोड से पर्यटक नदारद हैं. नैनीताल के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि नैनी झील में सामान्य मौसम के बावजूद कोई भी नाव नहीं चली है.

Last Updated : Mar 21, 2020, 10:06 PM IST
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