कालाढुंगी: जंगलों में तस्करी और अवैध खनन को रोकने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है. जिसके चलते शनिवार को बैलपड़ाव के इको टूरिज्म सेंटर पर वनाधिकारियों ने वनकर्मियों को ड्रोन कैमरा चलाने का प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण के दौरान कुमाऊं वनाधिकारी विवेक पांडेय, वन संरक्षक मधुकर धकाते सहित दर्जनों वनाधिकारी मौजूद रहे.
इस दौरान कुमाऊं वनाधिकारी विवेक पांडेय ने बताया कि ड्रोन की मदद से आसानी से वन संपदा को बचाया जा सकता है. ड्रोन की मदद से अवैध खनन, अवैध पातन जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी. जिसके लिए चूनाखान के ईको टूरिस्म सेंटर में एक दिवसीय ड्रोन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है. उन्होंने बताया कि हल्द्वानी से आये ट्रेनरों ने वन कर्मियों को ड्रोन चलाने कि ट्रेनिंग दी. इसके साथ ही ड्रोन कि बारीकियों कि जानकारी भी दी गई.
पढ़ें-उत्तराखंड में ठंड का कहर और बढ़ा, 12वीं तक के स्कूलों में छुट्टी घोषित
विवेक पांडेय ने बताया कि ड्रोन की मदद से वन्य जीव संघर्ष रोकने में काफी हद तक वन विभाग को सफलता मिलेगी. उन्होंने बताया कि वन विभाग में आये नए रेंजरों को सबसे पहले ड्रोन का प्रशिक्षण दिया गया. इनके साथ-साथ फ्रंट लाइन स्टाफ को भी ड्रोन चलने की ट्रेनिंग दी गई है.