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वनकर्मियों को दिया ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण, 'तीसरी आंख' से होगी निगहबानी

ड्रोन की मदद से आसानी से वन संपदा को बचाया जा सकता है. ड्रोन की मदद से अवैध खनन, अवैध पातन जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी.  जिसके लिए चूनाखान के ईको टूरिस्म सेंटर में एक दिवसीय ड्रोन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है.

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वनकर्मियों को दिया गया ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण
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Published : Jan 18, 2020, 8:35 PM IST

कालाढुंगी: जंगलों में तस्करी और अवैध खनन को रोकने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है. जिसके चलते शनिवार को बैलपड़ाव के इको टूरिज्म सेंटर पर वनाधिकारियों ने वनकर्मियों को ड्रोन कैमरा चलाने का प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण के दौरान कुमाऊं वनाधिकारी विवेक पांडेय, वन संरक्षक मधुकर धकाते सहित दर्जनों वनाधिकारी मौजूद रहे.

वनकर्मियों को दिया गया ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण.

इस दौरान कुमाऊं वनाधिकारी विवेक पांडेय ने बताया कि ड्रोन की मदद से आसानी से वन संपदा को बचाया जा सकता है. ड्रोन की मदद से अवैध खनन, अवैध पातन जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी. जिसके लिए चूनाखान के ईको टूरिस्म सेंटर में एक दिवसीय ड्रोन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है. उन्होंने बताया कि हल्द्वानी से आये ट्रेनरों ने वन कर्मियों को ड्रोन चलाने कि ट्रेनिंग दी. इसके साथ ही ड्रोन कि बारीकियों कि जानकारी भी दी गई.

पढ़ें-उत्तराखंड में ठंड का कहर और बढ़ा, 12वीं तक के स्कूलों में छुट्टी घोषित

विवेक पांडेय ने बताया कि ड्रोन की मदद से वन्य जीव संघर्ष रोकने में काफी हद तक वन विभाग को सफलता मिलेगी. उन्होंने बताया कि वन विभाग में आये नए रेंजरों को सबसे पहले ड्रोन का प्रशिक्षण दिया गया. इनके साथ-साथ फ्रंट लाइन स्टाफ को भी ड्रोन चलने की ट्रेनिंग दी गई है.

कालाढुंगी: जंगलों में तस्करी और अवैध खनन को रोकने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है. जिसके चलते शनिवार को बैलपड़ाव के इको टूरिज्म सेंटर पर वनाधिकारियों ने वनकर्मियों को ड्रोन कैमरा चलाने का प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण के दौरान कुमाऊं वनाधिकारी विवेक पांडेय, वन संरक्षक मधुकर धकाते सहित दर्जनों वनाधिकारी मौजूद रहे.

वनकर्मियों को दिया गया ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण.

इस दौरान कुमाऊं वनाधिकारी विवेक पांडेय ने बताया कि ड्रोन की मदद से आसानी से वन संपदा को बचाया जा सकता है. ड्रोन की मदद से अवैध खनन, अवैध पातन जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी. जिसके लिए चूनाखान के ईको टूरिस्म सेंटर में एक दिवसीय ड्रोन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है. उन्होंने बताया कि हल्द्वानी से आये ट्रेनरों ने वन कर्मियों को ड्रोन चलाने कि ट्रेनिंग दी. इसके साथ ही ड्रोन कि बारीकियों कि जानकारी भी दी गई.

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विवेक पांडेय ने बताया कि ड्रोन की मदद से वन्य जीव संघर्ष रोकने में काफी हद तक वन विभाग को सफलता मिलेगी. उन्होंने बताया कि वन विभाग में आये नए रेंजरों को सबसे पहले ड्रोन का प्रशिक्षण दिया गया. इनके साथ-साथ फ्रंट लाइन स्टाफ को भी ड्रोन चलने की ट्रेनिंग दी गई है.

Intro:कालाढुंगी के बैलपड़ाव मैं इको टूरिज्म सेन्टर मैं वनाधिकारियों ने वनकर्मियों को ड्रोन कैमरा चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान कुमाऊं वनाधिकारी विवेक पांडेय, वन संरक्षक मधुकर धकाते सहित दर्जनों वनाधिकारियों के सामने वनकर्मियों को ड्रोन कैमरा चलाने का प्रशिक्षण दिया गया।
कुमाऊँ वनाधिकारी विवेक पांडेय ने बताया कि ड्रोन कैमरे की मदद से आसानी से वन संपदा को बचाया जा सकता है। ड्रोन कैमरे की मदद से अवैध खनन, अवैध पातन जैसी समस्याओं से निजात मिलेगा।Body:कालाढुंगी के बैलपड़ाव चुनाखान के इको टूरिज्म सेंटर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया,जिसमे वन विभाग के कर्मचारियों को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया गया|
चूनाखान के ईको टूरिस्म सेंटर में एक दिवसीय ड्रोन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया,जिसमे हल्द्वानी से आये ट्रेनर के दवारा वन कर्मियों को ड्रोन चलाने कि ट्रेनिग दी गई और उनके द्वारा ड्रोन कि बारीकियों कि जानकारी भी दी गई| वही ट्रेनरों ने बताया कि ड्रोन कि मदद से वन कर्मी जंगल के अंदर संदिग्ध गतिविधि, तस्करी, अवैध खनन को रोकने में ड्रोन कि मदद ले सकते है|
वही ट्रेनिंग में आये हुए कुमाऊँ चीफ विवेक पांडे ने कहा कि हम वनो के प्रबंधन के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर सकते है|Conclusion:कुमाऊँ चीफ विवेक पांडेय ने बताया कि ड्रोन कैमरे की मदद से वन्य जीव संघर्षो को रोकने मैं काफी हद तक वन विभाग को सफलता मिलेगी और साथ ही अवैध खनन, अवैध पातन और वन समस्याओ से निजात मिलेगा और विवेक पांडेय ने बताया कि वन विभाग मैं आये नए रेंजर को ड्रोन कैमरा की ट्रैनिंग दी गई है और इनके साथ साथ फ्रंट लाइन स्टाफ को भी ड्रोन कैमरा चलने की ट्रेनिंग दी गई है जिससे निश्चित तौर पर वन विभाग को लाभ मिलेगा।
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