नैनीताल: हरिद्वार जिले में को-ऑपरेटिव सोसाइटी में 2016 से हो रहे भ्रष्टाचार घोटाले का मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है. को-ऑपरेटिव सोसाइटी में हो रहे घोटाले को सख्ती से लेते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 3 हफ्ते के अंदर अपना जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि हरिद्वार निवासी पवन भारती ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि 2016 में उनके द्वारा प्रदेश के राज्यपाल को शिकायत पत्र भेजकर कहा गया था कि हरिद्वार जिले में को-ऑपरेटिव सोसाइटी में भ्रष्टाचार चल रहा है. सोसाइटी में अवैधानिक रूप से नियुक्तियों को स्थाई किया जा रहा है. साथ ही 36 कैडर सचिवों को भी बगैर नियमों के पदोन्नत कर दिया गया है.
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पवन भारती की शिकायत पर मोहम्मदपुर बुजुर्ग सहकारी समिति लक्सर हरिद्वार में को-ऑपरेटिव सोसाइटी में हो रहे घोटाले की जांच अपर जिला सहकारी अधिकारी द्वारा 17 मार्च 2018 को की गई. जिसमें कहा गया कि मोहम्मदपुर बुजुर्ग में 54 लाख 16 हजार 625 की अनियमितता हुई है. जिसके जिम्मेदार प्रबंध निदेशक हैं. साथ ही सोसाइटी में 36 कैडर सचिवों की पदोन्नति नियम के खिलाफ हुई है.
इस मामले में जांचकर्ता अधिकारी ने उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की, ताकि सोसाइटी में चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया जा सके. जांचकर्ता अधिकारी ने कहा था कि घोटाले की जांच केवल हरिद्वार जिले में नहीं बल्कि पूरे प्रदेश स्तर पर की जानी चाहिए, क्योंकि इस तरह के घोटाला पूरे प्रदेश भर के सोसाइटी में हो रहे हैं.
वहीं, याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्यपाल के आदेश के 1 साल 6 महीने पूरे हो जाने के बाद भी मामले में जांच नहीं की गई और न ही किसी विभागीय अधिकारी या कर्मचारी पर कोई कार्रवाई की गई. जिस कारण याचिकाकर्ता को घोटाले की जांच के लिए हाईकोर्ट की शरण में आना पड़ा.