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अवैध स्लॉटर हाउस मामले में हाईकोर्ट सख्त, शहरी विकास सचिव को जवाब पेश करने के आदेश

उत्तराखंड में स्लॉटर हाउस बंद होने के बावजूद भी धड़ल्ले से मीट का कारोबार चल रहा है. जिसे लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है.

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प्रदेश में अवैध स्लॉटर हाउस पर हाईकोर्ट सख्त.
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Published : Nov 26, 2019, 7:30 AM IST

नैनीताल: उत्तराखंड में स्लॉटर हाउस बंद होने के बावजूद भी धड़ल्ले से मीट का कारोबार चल रहा है. जिसे लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने शहरी विकास सचिव को शपथ पत्र पेश कर जवाब देने को कहा है. साथ ही कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने के मामले में अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी भी व्यक्त की है.

अवैध स्लॉटर हाउस मामले में कोर्ट सख्त

पढ़ें- जसपुरः सरकारी अस्पताल में संविदा पर तैनात महिला डॉक्टर पर दोहरा लाभ लेने का आरोप

बता दें कि रुड़की निवासी परवेज आलम ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में अवैध रूप से चलाए जा रहे स्लॉटर हाउस पर पाबंदी की मांग की गई थी. जिसपर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने खुले में काटे और बेचे जा रहे मीट की दुकानों को 72 घंटे में बंद करने के आदेश दिए थे. वहीं राज्य सरकार को प्रदेश में 4 माह में नियमानुसार स्लॉटर हाउस बनाने के आदेश दिए थे. लेकिन आज तक प्रदेश में कोई स्लॉटर हाउस नहीं बना. जिससे मीट कारोबारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं स्लॉटर हाउस बंद होने के बाद भी मीट की सप्लाई जारी है. जिसको लेकर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने शहरी विकास सचिव को शपथ पत्र पेश कर जवाब देने को कहा है.

नैनीताल: उत्तराखंड में स्लॉटर हाउस बंद होने के बावजूद भी धड़ल्ले से मीट का कारोबार चल रहा है. जिसे लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने शहरी विकास सचिव को शपथ पत्र पेश कर जवाब देने को कहा है. साथ ही कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने के मामले में अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी भी व्यक्त की है.

अवैध स्लॉटर हाउस मामले में कोर्ट सख्त

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बता दें कि रुड़की निवासी परवेज आलम ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में अवैध रूप से चलाए जा रहे स्लॉटर हाउस पर पाबंदी की मांग की गई थी. जिसपर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने खुले में काटे और बेचे जा रहे मीट की दुकानों को 72 घंटे में बंद करने के आदेश दिए थे. वहीं राज्य सरकार को प्रदेश में 4 माह में नियमानुसार स्लॉटर हाउस बनाने के आदेश दिए थे. लेकिन आज तक प्रदेश में कोई स्लॉटर हाउस नहीं बना. जिससे मीट कारोबारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं स्लॉटर हाउस बंद होने के बाद भी मीट की सप्लाई जारी है. जिसको लेकर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने शहरी विकास सचिव को शपथ पत्र पेश कर जवाब देने को कहा है.

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प्रदेश में स्लॉटर हाउस बंद होने के बावजूद भी बेचे जा रहे मीट के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने शहरी विकास सचिव से मांगा जवाब।

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उत्तराखंड में स्लॉटर हाउस बंद होने के बावजूद भी धड़ल्ले से बेचे जा रहे मैच के मामले पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए शहरी विकाश सचिव को सपथ पत्र पेश कर जवाब देने को कहा है कि स्लॉटर हाउस के बंद होने के बावजूद भी उत्तराखंड में मीट कहां से आ रहा है, लगातार कोर्ट के आदेशों का पालन ना करने के मामले पर कोई नाराजगी व्यक्त करते हुए शहरी विकास सचिव डीएम नैनीताल समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी भी व्यक्त की, हर कोर्ट ने पूछा है कि कितने दिन के भीतर प्रदेश में वैध डॉटर हाउस शुरू कर दिए जाएंगे, कोर्ट ने सभी अधिकारी को अंतिम अवसर देते हुए कल मंगलवार को एक बार फिर अपना विस्तृत और सही शपथ पत्र कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट में टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर अधिकारियों द्वारा शपथ पत्र पेश करने में किसी तरह की गड़बड़ी की गई या कोई तथ्य छुपाए गए तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ आपराधिक अवमानना का आरोप तय किया जाएगा।


Body:प्रदेश में लंबे समय से स्लॉटर हाउस के बंद होने की वजह से मीट कारोबारियों के व्यवसाय पर प्रभाव पड़ा था जिसके बाद मीट कारोबारियों ने हाई कोर्ट में विशेष अपील दायर कर कहा कि कोर्ट के आदेश के 9 साल बाद भी प्रदेश में स्लॉटर हाउस नहीं बने हैं जिस वजह से मीट कारोबारियों का काम पूरी तरह चौपट हो गया है, लिहाजा राज्य सरकार को जल्द से जल्द वैद्य स्लॉटर हाउस पर निर्णय लेने के आदेश दिए जाएं।


Conclusion:आपको बता दें कि रुड़की निवासी परवेज आलम ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में अवैध रूप से स्लॉटर हाउस चलाए जा रहे हैं, साथ ही कई जगह में खुले में जानवर काटे जा रहे हैं जो गलत है और इस पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगनी चाहिए।
पूर्व मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने खुले में कांटे जा रहे जानवरों खुले में बेचे जा रहे मीट की दुकानों को 72 घंटे में बंद करने के आदेश दिए थे, वहीं राज्य सरकार को प्रदेश में 4 माह में नियमानुसार स्लॉटर हाउस बनाने के आदेश दिए थे,, लेकिन आज तक भी प्रदेश में कोई स्लॉटर हाउस नहीं बना जिससे मीट कारोबारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

बाईट- सी के शर्मा, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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