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नैनीताल में अनलॉक के बाद भी पर्यटन कारोबार गर्त में, व्यवसायियों ने सरकार से की ये मांग

साल भर पर्यटकों से गुलजार रहने वाली सरोवर नगरी नैनीताल में कोरोना का बुरा असर देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद भी सैलानी पर्यटन स्थलों का रुख नहीं कर रहे हैं. जिसके चलते पर्यटन कारोबार ठप पड़ा है.

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अनलॉक के बाद भी पर्यटन कारोबार गर्त में.
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Published : Jul 17, 2020, 1:05 PM IST

नैनीताल: जिले के पर्यटन कारोबार पर लॉकडाउन का बुरा असर पड़ा है. पर्यटन कारोबारी आए दिन परेशान हैं. कोरोना के चलते जिला प्रशासन ने नैनीताल के अधिकांश होटलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं. जिसे लेकर अब होटल कारोबारी होटलों को मुक्त कराने की मांग कर रहे हैं.

अनलॉक के बाद भी पर्यटन कारोबार गर्त में.

केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड में लॉकडाउन के बाद पर्यटन कारोबार शुरू कर दिया गया है. लेकिन इसके बावजूद भी नैनीताल, रामनगर, मुक्तेश्वर समेत आसपास के सभी पर्यटक स्थलों के होटल पूर्ण रूप से बंद हैं. जिस वजह से होटल कारोबारियों को अब तक करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है. होटल कारोबारियों का कहना है कि सरकार द्वारा जो गाइडलाइन बनाई गई है, वो जटिल है. जिस वजह से पर्यटक नैनीताल, रामनगर, मुक्तेश्वर, धानाचूली समेत आसपास के पर्यटक स्थलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसके चलते होटल कारोबार समेत पूरा पर्यटन कारोबार चौपट हो गया है.

ये भी पढ़ें: खनन, खजाना और राजस्व, जानिए किन सेक्टर्स से सरकार को होगा फायदा

बता दें कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन में ये स्पष्ट कहा गया कि जो भी पर्यटक घूमने के लिए पर्यटक स्थलों का रुख करेंगे, उनको सात दिन क्वारंटाइन रहना होगा. जिसका अब पर्यटन कारोबारी विरोध करने लगे हैं. वहीं नैनीताल के पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि इन दिनों दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, आगरा समेत अधिकांश ऐसे शहर हैं, जिन शहरों से पर्यटक नैनीताल घूमने आते थे. वहीं इन शहरों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. जिसके चलते पर्यटकों के नैनीताल समेत आसपास के पर्यटक स्थलों पर आने पर रोक लगा दी गई है. जिसकी वजह से कारोबारी बेहद परेशान हैं. पर्यटन कारोबारी सरकार से मदद को लेकर आस लगाए बैठे हैं, कि सरकार उनकी मदद करें. जिससे पर्यटक कारोबारियों को कुछ राहत मिल सके.

नैनीताल: जिले के पर्यटन कारोबार पर लॉकडाउन का बुरा असर पड़ा है. पर्यटन कारोबारी आए दिन परेशान हैं. कोरोना के चलते जिला प्रशासन ने नैनीताल के अधिकांश होटलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं. जिसे लेकर अब होटल कारोबारी होटलों को मुक्त कराने की मांग कर रहे हैं.

अनलॉक के बाद भी पर्यटन कारोबार गर्त में.

केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड में लॉकडाउन के बाद पर्यटन कारोबार शुरू कर दिया गया है. लेकिन इसके बावजूद भी नैनीताल, रामनगर, मुक्तेश्वर समेत आसपास के सभी पर्यटक स्थलों के होटल पूर्ण रूप से बंद हैं. जिस वजह से होटल कारोबारियों को अब तक करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है. होटल कारोबारियों का कहना है कि सरकार द्वारा जो गाइडलाइन बनाई गई है, वो जटिल है. जिस वजह से पर्यटक नैनीताल, रामनगर, मुक्तेश्वर, धानाचूली समेत आसपास के पर्यटक स्थलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसके चलते होटल कारोबार समेत पूरा पर्यटन कारोबार चौपट हो गया है.

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बता दें कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन में ये स्पष्ट कहा गया कि जो भी पर्यटक घूमने के लिए पर्यटक स्थलों का रुख करेंगे, उनको सात दिन क्वारंटाइन रहना होगा. जिसका अब पर्यटन कारोबारी विरोध करने लगे हैं. वहीं नैनीताल के पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि इन दिनों दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, आगरा समेत अधिकांश ऐसे शहर हैं, जिन शहरों से पर्यटक नैनीताल घूमने आते थे. वहीं इन शहरों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. जिसके चलते पर्यटकों के नैनीताल समेत आसपास के पर्यटक स्थलों पर आने पर रोक लगा दी गई है. जिसकी वजह से कारोबारी बेहद परेशान हैं. पर्यटन कारोबारी सरकार से मदद को लेकर आस लगाए बैठे हैं, कि सरकार उनकी मदद करें. जिससे पर्यटक कारोबारियों को कुछ राहत मिल सके.

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