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रिटायर्ड प्रिंसिपल की पेंशन बिक्री मामला: DEO और BEO को हाई कोर्ट में पेश होने के आदेश

हरिद्वार के रिटायर्ड प्रिंसिपल के अवशेष वेतन मामले में ढिलाई बरतने पर हाई कोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी व बहादराबाद के खण्डशिक्षा अधिकारी  को 18 जून को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने दोनों को शपथ पत्र पेशकर जवाब भी देने को कहा है.

नैनीताल हाई कोर्ट (कांसेप्ट इमेज)
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Published : May 28, 2019, 12:54 AM IST

नैनीतालः हरिद्वार निवासी हरपाल सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे रिटायर प्रधानाध्यापक हैं. सरकार उनको 1998 से समस्त अवशेष वेतन मय पुनरक्षित बोनस नही दे रही है, जबकि पूर्व में एकलपीठ ने याचिकर्ता के समस्त देयकों का भुगतान 8 सप्ताह में देने के आदेश दिए थे. जिस पर विभाग ने 8 सप्ताह में भुगतान के आदेश के खिलाफ विशेष अपील की थी.


मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व मे खण्डपीठ ने अपने आदेश में शिक्षा सचिव को आदेश दिये थे कि वो दोषी कर्मचारियो के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करे. जांच के बाद शिक्षा सचिव ने खण्डपीठ शिक्षा अधिकारी सुमन अग्रवाल को निलंबित कर दिया था.


खण्डपीठ ने अपने आदेश में याचिकर्ता के समस्त देयकों का भुगतान एक माह के भीतर देने को कहा था और विभाग की विशेष अपील को निरस्त कर विभाग पर दस हजार का जुर्माना भी लगाया था. लेकिन सरकार द्वारा कोर्ट के उस आदेश का पालन नही गया. उक्त आदेशों का पालन नही होने पर याचिकर्ता ने अवमानना दायर की. मामले को सुनने के बाद एकलपीठ ने हरिद्वार के खण्ड शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी को 18 जून को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.

नैनीतालः हरिद्वार निवासी हरपाल सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे रिटायर प्रधानाध्यापक हैं. सरकार उनको 1998 से समस्त अवशेष वेतन मय पुनरक्षित बोनस नही दे रही है, जबकि पूर्व में एकलपीठ ने याचिकर्ता के समस्त देयकों का भुगतान 8 सप्ताह में देने के आदेश दिए थे. जिस पर विभाग ने 8 सप्ताह में भुगतान के आदेश के खिलाफ विशेष अपील की थी.


मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व मे खण्डपीठ ने अपने आदेश में शिक्षा सचिव को आदेश दिये थे कि वो दोषी कर्मचारियो के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करे. जांच के बाद शिक्षा सचिव ने खण्डपीठ शिक्षा अधिकारी सुमन अग्रवाल को निलंबित कर दिया था.


खण्डपीठ ने अपने आदेश में याचिकर्ता के समस्त देयकों का भुगतान एक माह के भीतर देने को कहा था और विभाग की विशेष अपील को निरस्त कर विभाग पर दस हजार का जुर्माना भी लगाया था. लेकिन सरकार द्वारा कोर्ट के उस आदेश का पालन नही गया. उक्त आदेशों का पालन नही होने पर याचिकर्ता ने अवमानना दायर की. मामले को सुनने के बाद एकलपीठ ने हरिद्वार के खण्ड शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी को 18 जून को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.

Intro:स्लग-कोर्ट मे पेश

रिपोर्ट-गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर- नैनीताल हाई कोर्ट ने हरिद्वार के जिला शिक्षा अधिकारी व बहादराबाद के खण्ड शिक्षा अधिकारी  को 18 जून को कोर्ट में पेश होने के निर्देस दिए है,साथ ही कोर्ट ने दोनो को सपथ पत्र पेश कर जवाब भी देने को कहा है।


Body:आपको बता दे की हरिद्वार निवशी हरपाल सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वे रिटायर प्रधानाध्यापक है ओर सरकार उनको 1998 से समस्त अवशेष वेतन मय पुनरक्षित बोनस नही दे रही है जबकी पूर्व में एकलपीठ ने याचिकर्ता के समस्त देयकों का भुगतान 8 सप्ताह में देने के आदेश दिए थे। परन्तु उक्त आदेश के विरुद्ध विभाग ने विशेष अपील दायर की गयी थी,,
मामले की सुनवाई के दौरान पुर्व मे खण्डपीठ ने अपने आदेश में शिक्षा सचिव को आदेश दिये थे की वो दोषी कर्मचारियो के खिलाफ जाँच कर कार्यवाही करे,,
कोर्ट के आदेश के बाद जाँच करने के बाद शिक्षा सचिव ने खण्डपीठ शिक्षा अधिकारी सुमन अग्रवाल को निलम्बित कर दिया था।


Conclusion:खण्डपीठ ने अपने आदेश में याचिकर्ता के समस्त देयकों का भुगतान एक माह के भीतर देने को कहा था और  विभाग की विशेष अपील को निरस्त कर विभाग पर दस हजार का जुरमाना भी लगाया था,,,
लेकिन सरकार द्वारा कोर्ट के उस आदेश कापालन नही करा जा रहा है जिसमे कोर्ट ने याचीककर्ता को समस्त देय का भुक्तान करने के आदेश दिये थे।
उक्त आदेश का पालन नही होने पर याचिकर्ता ने अवमानना दायर की। मामले को सुनने के बाद एकलपीठ ने खण्ड शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी को 18 को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है।


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