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फर्जी राशन कार्ड मामले में सख्त हुआ हाइकोर्ट, सरकार से एक हफ्ते के अंदर मांगा जवाब

उधम सिंह नगर जिले के जसपुर में फर्जी राशन कार्ड द्वारा राशन लेने के मामले में नैनीताल हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है.

अधिवक्ता चंद्र शेखर नैनवाल.
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Published : Aug 3, 2019, 7:09 AM IST

नैनीताल: उधम सिंह नगर के जसपुर में फर्जी राशन कार्ड द्वारा राशन लेने के मामले में हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक हफ्ते के अंदर विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

अधिवक्ता चंद्र शेखर नैनवाल.

बता दें कि जसपुर निवासी सरदार खान ने नैनीताल हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उसने कहा था कि साल 2008 से जसपुर के मनोरथपुर गांव में सस्ते गल्ले की दुकान चला रहा उमर खान ने कई फर्जी राशन कार्ड बनवाए हैं. साथ ही कहा कि 2008 से ही फर्जी तरीके से राशन लेकर गरीबों को मिलने वाले राशन की कालाबाजारी कर रहा था.

पढ़ें: मसूरी में भाजपा के सदस्यता अभियान का शुभारंभ, ढोल नगाड़ों की धुन पर नाचे कार्यकर्ता

भोगपुर गांव के ग्रामीणों ने डीएम से शिकायत कर कहा था कि उमर खान ने उनके गांव के लगभग 40 मुस्लिम परिवारों के नाम पर राशन कार्ड बनवाए थे. जबकि भोगपुर गांव कोई भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता. डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए. जिसमें पाया कि उमर खान ने लगभग 191 फर्जी राशन कार्ड बनवाए गए हैं और 2008 से लगातार वे इन राशन कार्ड से राशन ले रहा थे. जिसके बाद डीएम ने रिपोर्ट के आधार पर राशन के पैसे वसूलने के आदेश दिए थे, लेकिन डीएम के आदेश का आज तक पालन नहीं हुआ और न ही दुकानदार के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई.

नैनीताल: उधम सिंह नगर के जसपुर में फर्जी राशन कार्ड द्वारा राशन लेने के मामले में हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक हफ्ते के अंदर विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

अधिवक्ता चंद्र शेखर नैनवाल.

बता दें कि जसपुर निवासी सरदार खान ने नैनीताल हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उसने कहा था कि साल 2008 से जसपुर के मनोरथपुर गांव में सस्ते गल्ले की दुकान चला रहा उमर खान ने कई फर्जी राशन कार्ड बनवाए हैं. साथ ही कहा कि 2008 से ही फर्जी तरीके से राशन लेकर गरीबों को मिलने वाले राशन की कालाबाजारी कर रहा था.

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भोगपुर गांव के ग्रामीणों ने डीएम से शिकायत कर कहा था कि उमर खान ने उनके गांव के लगभग 40 मुस्लिम परिवारों के नाम पर राशन कार्ड बनवाए थे. जबकि भोगपुर गांव कोई भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता. डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए. जिसमें पाया कि उमर खान ने लगभग 191 फर्जी राशन कार्ड बनवाए गए हैं और 2008 से लगातार वे इन राशन कार्ड से राशन ले रहा थे. जिसके बाद डीएम ने रिपोर्ट के आधार पर राशन के पैसे वसूलने के आदेश दिए थे, लेकिन डीएम के आदेश का आज तक पालन नहीं हुआ और न ही दुकानदार के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई.

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उधम सिंह नगर के जसपुर में फर्जी राशन कार्ड द्वारा ले रहे राशन मामले में हाईकोर्ट सख्त हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब।

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उधम सिंह नगर के जसपुर गांव में फर्जी राशन कार्ड बना कर गरीबों को मिलने वाला राशन में बंदरबांट का मामला नैनीताल हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गया है, मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 1 सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।




Body:आपको बता दें कि जसपुर निवासी सरदार खान ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि जसपुर के मनोरथ पुर गांव में उमर खान नामक व्यक्ति 2008 से सस्ते गल्ले की दुकान चला रहा है जिसके द्वारा कई फर्जी राशन कार्ड बनवाए गए हैं और 2008 से ही फर्जी रूप से राशन लेकर गरीबों के मिलने वाले राशन की कालाबाजारी कर रहा है वही उमर खान के द्वारा भोगपुर गांव में करीब 40 मुस्लिम परिवारों के नाम पर राशन कार्ड बनवाए हैं, लेकिन भोगपुर गांव में कोई मुस्लिम परिवार रहता ही नहीं जो पूर्ण रूप से फर्जी हैं इसकी शिकायत ग्रामीणों ने उधम सिंह नगर डीएम से की और डीएम ने मामले में जांच करवाई।


Conclusion:डीएम द्वारा कराई गई जांच में भी स्पष्ट हुआ कि उमर खान द्वारा करीब 191 फर्जी राशन कार्ड बनवाए गए हैं और 2008 से लगातार वह इन राशन कार्ड से राशन ले रहा है मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम द्वारा रिपोर्ट के आधार पर राशन कि पैसे वसूलने के आदेश दिए थे, लेकिन डीएम के आदेश का आज तक कोई पालन नही हुआ, और ना ही दुकानदार के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई।
जिसके बाद याचिकाकर्ता नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंचा और मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 1 सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।

बाईट- चंद्र शेखर नैनवाल,अधिवक्ता याचिकाकर्ता
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