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जल शक्ति अभियान की शुरुआत, पहाड़ों पर नहीं होगी पानी की किल्लत - uttarakhand

देश समेत प्रदेश में लगाकर पीने के पानी की हो रही दिक्कत को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार द्वारा पूरे देशभर में जल शक्ति अभियान शुरू किया गया है.

जल शक्ति अभियान की शुरुआत.
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Published : Jul 10, 2019, 3:10 PM IST

Updated : Jul 10, 2019, 4:44 PM IST

नैनीताल: देश में दिनोंदिन बढ़ रहे पेयजल संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने देशभर में जल शक्ति अभियान की शुरुआत की है. इसी क्रम में केंद्र सरकार के सचिव ने नैनीताल के पंगोट क्षेत्र का दौरा किया और यहां जल संरक्षण के लिए बनाए गए कृत्रिम तालाबों का निरीक्षण किया.

जल शक्ति अभियान की शुरुआत.

इस मौके पर केंद्रीय सचिव सुखबीर सिंह संधू ने कहा कि आज पूरा विश्व पानी के गंभीर संकट से जूझ रहा है और दिन प्रतिदिन ये समस्या विकराल होती जा रही है. जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने देशभर के 255 जिलों में जल शक्ति अभियान शुरू किया है. ताकि इस जल संकट से उभरा जा सके. वहीं, उन्होंने तमाम अधिकारियों के साथ बैठक पर जिले में जल संचयन और वर्षा जल संरक्षण करने को कहा है.

पढ़ें: ट्रैकिंग के लिए सरकार बना सकती है नीति, हादसों को लेकर सजग हुई सरकार

केंद्रीय सचिव संधू ने जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिले की 5 साल का विस्तृत रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेजने को कहा है. ताकि इन जिलों में जल संरक्षण के लिए केंद्र से धनराशि उपलब्ध कराई जा सके. इसके अलावा सभी अधिकारियों को अपने क्षेत्र में बने पुराने पेयजल स्ट्रक्चरों को देखरेख और पारंपरिक जलस्रोतों को पुनर्जीवत करने को कहा गया है.

वहीं, भोपाल से आए भू-वैज्ञानिक टी थॉमस ने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड के जंगलों और आबादी वाले क्षेत्रों में छोटे-छोटे चाल-खाल बनाने जा रही है, जिससे पहाड़ों के जल स्रोत रिचार्ज हो सकेंगे. ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों में पेयजल की समस्या को दूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस प्रयोग के लिए नैनीताल के पंगोट में चाल-खाल बनाया गया था जो सफल रहा. अब सरकार जल्द ही पहाड़ के अन्य क्षेत्रों में भी इस तरह के चाल-खाल बनाएगी.

नैनीताल: देश में दिनोंदिन बढ़ रहे पेयजल संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने देशभर में जल शक्ति अभियान की शुरुआत की है. इसी क्रम में केंद्र सरकार के सचिव ने नैनीताल के पंगोट क्षेत्र का दौरा किया और यहां जल संरक्षण के लिए बनाए गए कृत्रिम तालाबों का निरीक्षण किया.

जल शक्ति अभियान की शुरुआत.

इस मौके पर केंद्रीय सचिव सुखबीर सिंह संधू ने कहा कि आज पूरा विश्व पानी के गंभीर संकट से जूझ रहा है और दिन प्रतिदिन ये समस्या विकराल होती जा रही है. जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने देशभर के 255 जिलों में जल शक्ति अभियान शुरू किया है. ताकि इस जल संकट से उभरा जा सके. वहीं, उन्होंने तमाम अधिकारियों के साथ बैठक पर जिले में जल संचयन और वर्षा जल संरक्षण करने को कहा है.

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केंद्रीय सचिव संधू ने जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिले की 5 साल का विस्तृत रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेजने को कहा है. ताकि इन जिलों में जल संरक्षण के लिए केंद्र से धनराशि उपलब्ध कराई जा सके. इसके अलावा सभी अधिकारियों को अपने क्षेत्र में बने पुराने पेयजल स्ट्रक्चरों को देखरेख और पारंपरिक जलस्रोतों को पुनर्जीवत करने को कहा गया है.

वहीं, भोपाल से आए भू-वैज्ञानिक टी थॉमस ने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड के जंगलों और आबादी वाले क्षेत्रों में छोटे-छोटे चाल-खाल बनाने जा रही है, जिससे पहाड़ों के जल स्रोत रिचार्ज हो सकेंगे. ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों में पेयजल की समस्या को दूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस प्रयोग के लिए नैनीताल के पंगोट में चाल-खाल बनाया गया था जो सफल रहा. अब सरकार जल्द ही पहाड़ के अन्य क्षेत्रों में भी इस तरह के चाल-खाल बनाएगी.

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देश समेत प्रदेश में लगाकर पीने के पानी की हो रही दिक्कत को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश भर में जल शक्ति अभियान शुरू कर आ गया है।

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जिसके तहत आज केंद्र सरकार के अपर सचिव सुखबीर सिंह संधू नैनीताल के दौरे पर रहे और उन्होंने नैनीताल के पंगोट क्षेत्र का निरीक्षण करा साथ ही उनके द्वारा जल संरक्षण के लिए बनाए गए कृत्रिम तालाब का अध्ययन भी किया।


Body:निरीक्षण के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में पानी की बड़ी दिक्कतों को लेकर टीम ने अध्ययन किया वहीं सुखबीर सिंह संधू ने कहा कि आज पूरा विश्व पानी के गंभीर संकट से जूझ रहा है, और दिन प्रतिदिन पानी की दिक्कत बढ़ रही है जिसको देखकर सरकार ने देश भर के 255 जिलों में जल शक्ति अभियान शुरू कराएं,, ताकि पानी की समस्या से निपटा जा सके इस दौरान उन्होंने जिले के तमाम अधिकारियों के साथ बैठक भी की और जिले के तमाम अधिकारियों को आदेश दिया है कि जन संरक्षण तथा वर्षा जल संरक्षण, पारंपरिक जल स्रोतों, का संरक्षण करें ताकि पानी की दिक्कतों को दूर कर आ जा सके,,,
वही केंद्रीय सचिव सुखवीर सिंह ने जिले के तमाम अधिकारी को आदेश दिया है कि वह संरक्षण के लिए अपने जिलों की 5 साल का विस्तृत रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेजे ताकि उनके लिए सरकार से धनराशि उपलब्ध कराई जा सके,, और सभी अधिकारी अपने क्षेत्र में बने पुराने पेयजल स्ट्रक्चरओं को फिर से बनाएं,, इसके साथ ही छोटी नदियों के पुनर्जीवन के साथ ही गाढ़ गधरो पर विशेष ध्यान दें और उनका संरक्षण करें ।

बाईट- सुख वीर सिंह संधू, सचिव केंद्र सरकार


Conclusion:वही भोपाल से आए भू वैज्ञानिक ने कहा कि सरकार उत्तराखंड के जंगलों में और आबादी क्षेत्रों में छोटे-छोटे चाल खाल बनाने जा रही है जिससे पहाड़ों के जल स्रोत रिचार्ज होंगे जिस वजह से पहाड़ी क्षेत्र में पीने के पानी की दिक्कत है नहीं होंगी और सरकार द्वारा इस प्रयोग के लिए नैनीताल के पंगोट में चाल खाल बनाया गया है, जो प्रयोग के रूप में सफल रहा और सरकार जल्द ही पहाड़ के अन्य क्षेत्र में भी इस तरह के चाल खाल बनाएगी जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में पीने के पानी की समस्या से निपटा जाएगा और आने वाले समय में इस तरह की योजनाएं लोगों के लिए वरदान साबित होगी

बाईट- टी थामोस, वैज्ञानिक
Last Updated : Jul 10, 2019, 4:44 PM IST
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