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मसूरी में 125 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है पेयजल योजना - 125 crore cost drinking water scheme

इंजीनियर जयपाल ने कहा कि इस योजना के बन जाने के बाद कम से कम आने वाले 30 वर्षों तक मसूरी में पानी की कमी नहीं होगी. यह योजना केवल मसूरी के लिए ही लागू की गई है.

यमुना मसूरी पंपिंग योजना
यमुना मसूरी पंपिंग योजना
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Published : Sep 14, 2021, 7:16 AM IST

मसूरी: मसूरी पुनर्गठन पेयजल योजना के तहत यमुना-मसूरी पंपिंग योजना के अंतर्गत नगर में पेयजल लाइन बिछाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. 85 किलोमीटर लंबी इस योजना के अंतर्गत सुवाखोली, हाथीपांव, भट्टा गांव और कोल्हूखेत तक पेयजल लाइन बिछाई जानी है. वहीं, छावनी परिषद क्षेत्र में अनुमति न मिलने के कारण वहां अभी लाइन बिछाने का कार्य शुरू नहीं किया गया है. यह परियोजना केंद्र सरकार द्वारा 125 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है.

पर्यटन नगरी मसूरी में पानी की लंबे समय से किल्लत चल रही है, विशेष कर पर्यटन सीजन के दौरान पानी की कमी के कारण पेयजल संकट गहरा जाता है. जिसके कारण पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं, मसूरी विधायक गणेश जोशी व राज्यसभा सांसद के प्रयास से केंद्र सरकार ने मसूरी के लिए 125 करोड़ रुपए की लागत से मसूरी यमुना पंपिंग योजना की सौगात दी है. जिसके तहत 27 जनवरी 2020 को पेयजल लाइन बिछाने का कार्य शुरू किया हो गया था.

वहीं, इस योजना के तहत 11.7 एमएलडी पानी के भंडारण की क्षमता बनाई जानी है. पेयजल निर्माण निगम को इस परियोजना का निर्माण कार्य सौंपा गया है. इंजीनियर जयपाल सिंह शेखावत ने बताया कि इस योजना को 14 क्षेत्रों में बांटा गया है, जिसमें छह क्षेत्रों का कार्य लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और बाकी आठ क्षेत्रों का कार्य प्रगति पर है. उन्होंने बताया कि 26 जनवरी 2022 तक योजना को पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है. इन दिनों टैंक बनाने व यमुना नदी में योजना का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.

पढ़ें- नैनीताल में मां नंदा देवी महोत्सव का आगाज, जयकारों से गूंजी सरोवर नगरी

साथ ही 8 करोड़ रुपए इस परियोजना में मरम्मत के कार्य के लिए रखे गए हैं. योजना बनने के एक साल तक कंपनी ही इसकी देखभाल करेगी. इस योजना के तहत मसूरी में 7000 पेयजल मीटर लगाए जाने हैं, जिसको लेकर भी कार्य शुरू कर दिया गया है. इंजीनियर जयपाल ने कहा कि इस योजना के बन जाने के बाद कम से कम आने वाले 30 वर्षों तक मसूरी में पानी की कमी नहीं होगी. वहीं, बताया कि यह योजना केवल मसूरी के लिए ही लागू की गई है.

इंजीनियर जयपाल सिंह शेखावत ने बताया है कि इस योजना के अंतर्गत छावनी परिषद लंढौर को भी शामिल किया गया है और वहां के उच्च अधिकारियों से इस योजना की स्वीकृति के लिए वार्ता की जा रही है, स्वीकृति मिलते ही छावनी क्षेत्र में भी पेयजल लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इस कार्य में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है और जहां पर भी कोई कमी देखी जा रही है, उसको दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है.

मसूरी: मसूरी पुनर्गठन पेयजल योजना के तहत यमुना-मसूरी पंपिंग योजना के अंतर्गत नगर में पेयजल लाइन बिछाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. 85 किलोमीटर लंबी इस योजना के अंतर्गत सुवाखोली, हाथीपांव, भट्टा गांव और कोल्हूखेत तक पेयजल लाइन बिछाई जानी है. वहीं, छावनी परिषद क्षेत्र में अनुमति न मिलने के कारण वहां अभी लाइन बिछाने का कार्य शुरू नहीं किया गया है. यह परियोजना केंद्र सरकार द्वारा 125 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है.

पर्यटन नगरी मसूरी में पानी की लंबे समय से किल्लत चल रही है, विशेष कर पर्यटन सीजन के दौरान पानी की कमी के कारण पेयजल संकट गहरा जाता है. जिसके कारण पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं, मसूरी विधायक गणेश जोशी व राज्यसभा सांसद के प्रयास से केंद्र सरकार ने मसूरी के लिए 125 करोड़ रुपए की लागत से मसूरी यमुना पंपिंग योजना की सौगात दी है. जिसके तहत 27 जनवरी 2020 को पेयजल लाइन बिछाने का कार्य शुरू किया हो गया था.

वहीं, इस योजना के तहत 11.7 एमएलडी पानी के भंडारण की क्षमता बनाई जानी है. पेयजल निर्माण निगम को इस परियोजना का निर्माण कार्य सौंपा गया है. इंजीनियर जयपाल सिंह शेखावत ने बताया कि इस योजना को 14 क्षेत्रों में बांटा गया है, जिसमें छह क्षेत्रों का कार्य लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और बाकी आठ क्षेत्रों का कार्य प्रगति पर है. उन्होंने बताया कि 26 जनवरी 2022 तक योजना को पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है. इन दिनों टैंक बनाने व यमुना नदी में योजना का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.

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साथ ही 8 करोड़ रुपए इस परियोजना में मरम्मत के कार्य के लिए रखे गए हैं. योजना बनने के एक साल तक कंपनी ही इसकी देखभाल करेगी. इस योजना के तहत मसूरी में 7000 पेयजल मीटर लगाए जाने हैं, जिसको लेकर भी कार्य शुरू कर दिया गया है. इंजीनियर जयपाल ने कहा कि इस योजना के बन जाने के बाद कम से कम आने वाले 30 वर्षों तक मसूरी में पानी की कमी नहीं होगी. वहीं, बताया कि यह योजना केवल मसूरी के लिए ही लागू की गई है.

इंजीनियर जयपाल सिंह शेखावत ने बताया है कि इस योजना के अंतर्गत छावनी परिषद लंढौर को भी शामिल किया गया है और वहां के उच्च अधिकारियों से इस योजना की स्वीकृति के लिए वार्ता की जा रही है, स्वीकृति मिलते ही छावनी क्षेत्र में भी पेयजल लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इस कार्य में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है और जहां पर भी कोई कमी देखी जा रही है, उसको दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है.

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