काशीपुर: उत्तराखंड में अटल आयुष्मान घोटाले को लेकर दर्ज एफआईआर की गई थी, जिसे अब निरस्त करने का फैसला लिया गया है. वहीं, इस मामले में राज्य के अटल आयुष्मान योजना के अधिकारी बैकफुट पर आ गए हैं.
उधम सिंह नगर जिले में बीते दिनों निजी चिकित्सालयों के द्वारा अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था.साथ ही मानकों की भी जमकर धज्जियां उड़ाई गई थी. वहीं ऊधमसिंह नगर के सभी सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों के विरूद्ध अटल आयुष्मान योजना के राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के अध्यक्ष दिलीप कोटिया ने पुलिस महानिदेशक देहरादून को पत्र लिखा है. इसमें कथित आरोपी चिकित्सालयों पर लगाया गया जुर्माना राशि जमा होने के बाद उनके विरुद्ध दर्ज एफआईआर की आवश्यकता नहीं रह गई है.
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बता दें कि अधिकारियों की बड़ी लापरवाही होने के चलते यह घोटाला हुआ. जिन चिकित्सालयों को आयुष्मान योजना के अधिकारियों ने ही प्रशस्ति पत्र दिए और उनके बिल पास किए, उन्हीं अस्पतालों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करा कर खुद इस योजना के अधिकारी फंसते नजर आ रहे थे. इस घोटाले को लेकर प्रकाशित और प्रसारित समाचारों को केंद्रों में पीएमओ को भी ट्वीट किया गया था.
अटल आयुष्मान योजना के उच्चाधिकारियों ने ऊधमसिंह नगर में इस योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों में आस्था हास्पिटल काशीपुर, कृष्ण अस्पताल रूद्रपुर, अली नर्सिंग होम काशीपुर, देवकीनंदन अस्पताल काशीपुर, तथा एम पी मेमोरियल अस्पताल काशीपुर पर भारी जुर्माना लगाया था. रविवार पुलिस को सौंपे गए पत्र में कहा गया है कि इन सभी अस्पतालों ने जुर्माना राशि जमा कर दी है, इसलिए इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस ले ली जाए.