ETV Bharat / city

अटल आयुष्मान घोटाले की FIR वापस लेने की मांग,अस्पतालों ने जमा की जुर्माना राशि - FIR होगी वापस

प्रदेश में अटल आयुष्मान घोटाले को लेकर दर्ज की गईं एफआईआर को निरस्त करने की मांग उठी है. जिसके बाद प्रदेश के अटल आयुष्मान योजना के अधिकारी बैकफुट पर आ गए हैं.

अटल आयुष्मान घोटाले की एफआईआर वापस होगी.
author img

By

Published : Sep 30, 2019, 8:23 AM IST

काशीपुर: उत्तराखंड में अटल आयुष्मान घोटाले को लेकर दर्ज एफआईआर की गई थी, जिसे अब निरस्त करने का फैसला लिया गया है. वहीं, इस मामले में राज्य के अटल आयुष्मान योजना के अधिकारी बैकफुट पर आ गए हैं.

उधम सिंह नगर जिले में बीते दिनों निजी चिकित्सालयों के द्वारा अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था.साथ ही मानकों की भी जमकर धज्जियां उड़ाई गई थी. वहीं ऊधमसिंह नगर के सभी सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों के विरूद्ध अटल आयुष्मान योजना के राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के अध्यक्ष दिलीप कोटिया ने पुलिस महानिदेशक देहरादून को पत्र लिखा है. इसमें कथित आरोपी चिकित्सालयों पर लगाया गया जुर्माना राशि जमा होने के बाद उनके विरुद्ध दर्ज एफआईआर की आवश्यकता नहीं रह गई है.

यह भी पढ़ें: 4 अक्टूबर को महामहिम का देवभूमि दौरा, IIT के दीक्षांत समारोह में करेंगे शिरकत

बता दें कि अधिकारियों की बड़ी लापरवाही होने के चलते यह घोटाला हुआ. जिन चिकित्सालयों को आयुष्मान योजना के अधिकारियों ने ही प्रशस्ति पत्र दिए और उनके बिल पास किए, उन्हीं अस्पतालों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करा कर खुद इस योजना के अधिकारी फंसते नजर आ रहे थे. इस घोटाले को लेकर प्रकाशित और प्रसारित समाचारों को केंद्रों में पीएमओ को भी ट्वीट किया गया था.

अटल आयुष्मान योजना के उच्चाधिकारियों ने ऊधमसिंह नगर में इस योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों में आस्था हास्पिटल काशीपुर, कृष्ण अस्पताल रूद्रपुर, अली नर्सिंग होम काशीपुर, देवकीनंदन अस्पताल काशीपुर, तथा एम पी मेमोरियल अस्पताल काशीपुर पर भारी जुर्माना लगाया था. रविवार पुलिस को सौंपे गए पत्र में कहा गया है कि इन सभी अस्पतालों ने जुर्माना राशि जमा कर दी है, इसलिए इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस ले ली जाए.

काशीपुर: उत्तराखंड में अटल आयुष्मान घोटाले को लेकर दर्ज एफआईआर की गई थी, जिसे अब निरस्त करने का फैसला लिया गया है. वहीं, इस मामले में राज्य के अटल आयुष्मान योजना के अधिकारी बैकफुट पर आ गए हैं.

उधम सिंह नगर जिले में बीते दिनों निजी चिकित्सालयों के द्वारा अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था.साथ ही मानकों की भी जमकर धज्जियां उड़ाई गई थी. वहीं ऊधमसिंह नगर के सभी सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों के विरूद्ध अटल आयुष्मान योजना के राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के अध्यक्ष दिलीप कोटिया ने पुलिस महानिदेशक देहरादून को पत्र लिखा है. इसमें कथित आरोपी चिकित्सालयों पर लगाया गया जुर्माना राशि जमा होने के बाद उनके विरुद्ध दर्ज एफआईआर की आवश्यकता नहीं रह गई है.

यह भी पढ़ें: 4 अक्टूबर को महामहिम का देवभूमि दौरा, IIT के दीक्षांत समारोह में करेंगे शिरकत

बता दें कि अधिकारियों की बड़ी लापरवाही होने के चलते यह घोटाला हुआ. जिन चिकित्सालयों को आयुष्मान योजना के अधिकारियों ने ही प्रशस्ति पत्र दिए और उनके बिल पास किए, उन्हीं अस्पतालों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करा कर खुद इस योजना के अधिकारी फंसते नजर आ रहे थे. इस घोटाले को लेकर प्रकाशित और प्रसारित समाचारों को केंद्रों में पीएमओ को भी ट्वीट किया गया था.

अटल आयुष्मान योजना के उच्चाधिकारियों ने ऊधमसिंह नगर में इस योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों में आस्था हास्पिटल काशीपुर, कृष्ण अस्पताल रूद्रपुर, अली नर्सिंग होम काशीपुर, देवकीनंदन अस्पताल काशीपुर, तथा एम पी मेमोरियल अस्पताल काशीपुर पर भारी जुर्माना लगाया था. रविवार पुलिस को सौंपे गए पत्र में कहा गया है कि इन सभी अस्पतालों ने जुर्माना राशि जमा कर दी है, इसलिए इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस ले ली जाए.

Intro:


Summary- उत्तराखंड में अटल आयुष्मान घोटाले को लेकर दर्ज एफआईआर निरस्त की जा रही हैं। मामले में लगातार हो रही छीछा-लेदर से राज्य के अटल आयुष्मान योजना के अधिकारी बैकफुट पर आ गये हैं। ऊधमसिंह नगर के सभी सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों के विरूद्ध अटल आयुष्मान योजना के राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के अध्यक्ष दिलीप कोटिया ने पुलिस महानिदेशक देहरादून को इस आशय का पत्र लिखा हैं कि कथित आरोपी चिकित्सालयों पर लगाये गये जुर्माना राशि जमा होने के बाद उनके विरुद्ध दर्ज एफआईआर की आवश्यकता नहीं रह गई है।

एंकर- उत्तराखंड में अटल आयुष्मान घोटाले को लेकर दर्ज एफआईआर निरस्त की जा रही हैं। मामले में लगातार हो रही छीछा-लेदर से राज्य के अटल आयुष्मान योजना के अधिकारी बैकफुट पर आ गये हैं। ऊधमसिंह नगर के सभी सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों के विरूद्ध अटल आयुष्मान योजना के राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के अध्यक्ष दिलीप कोटिया ने पुलिस महानिदेशक देहरादून को इस आशय का पत्र लिखा हैं कि कथित आरोपी चिकित्सालयों पर लगाये गये जुर्माना राशि जमा होने के बाद उनके विरुद्ध दर्ज एफआईआर की आवश्यकता नहीं रह गई है।

Body:वीओ- बता दें कि आयुष्मान घोटाले में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही रही जिसके चलते यह घोटाला हुआ। जिन चिकित्सालयों को आयुष्मान योजना के अधिकारियों ने ही प्रशस्ति पत्र दिये और उनके बिल पास किये उन्हीं अस्पतालों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराके खुद इस योजना के अधिकारी फंसते नजर आ रहे थे। इस घोटाले को लेकर प्रकाशित और प्रसारित समाचारों को केन्द्र में पीएमओ को भी ट्वीट किया गया था। सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा कि वहाँ से भी अधिकारियों से इस योजना को लेकर हो रहे घोटालों पर सवाल पूछे जा रहे थे। जिस पर स्थानीय अधिकारी जबाब नहीं दे पा रहे थे। इसके अलावा मामला तब केन्द्र में और चर्चा में आया जब इस मामले में सबसे लंबी एफआईआर दर्ज होने का शोर मीडिया जगत में मचा।
अटल आयुष्मान योजना के उच्चाधिकारियों ने ऊधमसिंहनगर में इस योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों में आस्था हास्पिटल काशीपुर, कृष्ण अस्पताल रूद्रपुर, अली नर्सिंग होम काशीपुर, देवकीनंदन अस्पताल काशीपुर, तथा एम पी मेमोरियल अस्पताल काशीपुर पर क्रमशः 168200 रूपये, 167400 रूपये, 478800 रूपये, 324550 रूपये तथा 1852700 रूपये का जुर्माना लगाया था। पत्र में कहा गया है कि इन सभी अस्पतालों ने जुर्माना राशि जमा कर दी है। इसलिए इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस ले ली जाये।
वीओ- पर अब सवाल उठता है इन सभी अस्पतालों की उस प्रतिष्ठा का जो इतने दिनों की कवायद में खराब हुई। जब जुर्माना जमा करने से मामला निपट रहा था तो एफआईआर दर्ज कराने में जल्दबाजी क्यों की गई? राज्य में काफी चर्चित इस घोटाले में अधिकारियों की भूमिका पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। गौरतलब है कि सभी अस्पतालों के बिल इस योजना के अधिकारियों ने ही पास किये थे। तो फिर खाली अस्पतालों पर ही कार्रवाई क्यों की गई? और फिर मामला वापस कैसे? दोषी अस्पताल हैं या अधिकारी? तो ऐसे में इन अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नही ?Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.