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राम मंदिर मामला: मध्यस्थता पैनल पर VHP को आपत्ति, सुप्रीम कोर्ट में करेंगे अपील - मध्यस्थता पैनल

इस मामले में विहिप जल्द ही विधिक राय लेकर सर्वोच्च न्यायालय में अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा.

स्वामी चिन्मयानंद
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Published : Mar 9, 2019, 4:40 PM IST

देहरादून: अयोध्या विवाद का समाधान निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए जिस पैनल का गठन किया है, उस पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय शीर्ष मार्गदर्शक मंडल के सदस्य और पूर्व गृहराज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने आपत्ति जताई है. मामले में विहिप जल्द ही विधिक राय लेकर सर्वोच्च न्यायालय में अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा.

पढ़ें-सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संत समाज ने जताई खुशी, बोले-आपसी सहमति बन जाती है तो इससे बढ़िया और कुछ नहीं

स्वामी चिन्मयानंद का कहना है कि पैनल में शामिल तीनों लोग इस मसले की गहराई से परिचित नहीं हैं. उनका कहना है कि मध्यस्थता पैनल में सभी पक्षकारों द्वारा सर्व-स्वीकार्य लोगों को शामिल किया जाना चाहिए. तब ही जल्द से जल्द श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का मार्ग निकाला जा सकता है. वरना अभी तो लग रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने केवल समय काटने के लिए इन तीन लोगों को मध्यस्थ बनाया है.

पढ़ें-अयोध्या मामला: सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बाबा रामदेव ने किया स्वागत, कहा- अब मध्यस्थों की होगी अहम भूमिका

चिन्मयानंद के मुताबिक पैनल में शामिल श्री श्री रविशंकर ने पूर्व में भी अपने स्तर पर अयोध्या मामले में मध्यस्थता करने की कोशिश की थी, जिसे अयोध्या के संत समाज ने खारिज कर दिया था. उन्होंने पैनल में शामिल सेवानिवृत्त जस्टिस खलीफुल्लाह और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू के नामों पर भी आपत्ति जताई है. ये तीनों नाम उन्हें स्वीकार नहीं है.

बता दें कि अयोध्या केस को निपटाने के लिए मध्यस्थों की जो कमेटी बनी है उनमें जस्टिस खलीफुल्ला, वकील श्रीराम पंचू और आध्यात्मिक गुरू श्रीश्री रविशंकर शामिल हैं. इस कमेटी के चेयरमैन जस्टिस खलीफुल्ला होंगे. कमेटी को 8 हफ्तों में अपनी रिपोर्ट देनी होगी.

देहरादून: अयोध्या विवाद का समाधान निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए जिस पैनल का गठन किया है, उस पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय शीर्ष मार्गदर्शक मंडल के सदस्य और पूर्व गृहराज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने आपत्ति जताई है. मामले में विहिप जल्द ही विधिक राय लेकर सर्वोच्च न्यायालय में अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा.

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स्वामी चिन्मयानंद का कहना है कि पैनल में शामिल तीनों लोग इस मसले की गहराई से परिचित नहीं हैं. उनका कहना है कि मध्यस्थता पैनल में सभी पक्षकारों द्वारा सर्व-स्वीकार्य लोगों को शामिल किया जाना चाहिए. तब ही जल्द से जल्द श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का मार्ग निकाला जा सकता है. वरना अभी तो लग रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने केवल समय काटने के लिए इन तीन लोगों को मध्यस्थ बनाया है.

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चिन्मयानंद के मुताबिक पैनल में शामिल श्री श्री रविशंकर ने पूर्व में भी अपने स्तर पर अयोध्या मामले में मध्यस्थता करने की कोशिश की थी, जिसे अयोध्या के संत समाज ने खारिज कर दिया था. उन्होंने पैनल में शामिल सेवानिवृत्त जस्टिस खलीफुल्लाह और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू के नामों पर भी आपत्ति जताई है. ये तीनों नाम उन्हें स्वीकार नहीं है.

बता दें कि अयोध्या केस को निपटाने के लिए मध्यस्थों की जो कमेटी बनी है उनमें जस्टिस खलीफुल्ला, वकील श्रीराम पंचू और आध्यात्मिक गुरू श्रीश्री रविशंकर शामिल हैं. इस कमेटी के चेयरमैन जस्टिस खलीफुल्ला होंगे. कमेटी को 8 हफ्तों में अपनी रिपोर्ट देनी होगी.

Intro:एंकर- राम मंदिर विवाद में बनाये गए मध्यस्थता पैनल में सम्मिलित सदस्यों पर विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय शीर्ष मार्गदर्शक मंडल के सदस्य एवं पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने आपत्ति जताई है। स्वामी चिन्मयानंद का कहना है मध्यस्थता पैनल मध्यस्थता पैनल में शामिल तीनों नाम उनको स्वीकार नहीं है।


Body:VO- राम मंदिर मामले के निस्तारण के लिए बनाई गई मध्यस्थता पैनल पर स्वामी चिन्मयानंद का कहना कि मध्यस्थता पैनल के सदस्य बनाए गए श्री श्री रविशंकर पहले भी अपने स्तर से अयोध्या मामले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की कोशिश कर चुके हैं जिसे अयोध्या के कई साधु-संतों ने खारिज कर दिया था। साथ ही उन्होंने मध्यस्थता पैनल में सम्मिलित सेवानिवृत्त जस्टिस खलीफुल्लाह और वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राम पंचों के नामों पर भी आपत्ति जताई है। स्वामी चिन्मयानंद का कहना है कि पैनल में शामिल इन लोगों को मामले की गहराई के बारे में अच्छे से नहीं पता है। स्वामी चिन्मयानंद का कहना है कि मध्यस्थता पैनल में ऐसे लोगों को शामिल किया जाना चाहिए जिनकी सर्व स्वीकार्यता हो और तब ही जल्द से जल्द श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का मार्ग निकाला जा सकता है वरना अभी तो लग रहा है सुप्रीम कोर्ट ने केवल समय काटने के लिए इन तीन लोगों को मध्यस्थ बनाया है। स्वामी चिन्मयानंद का साफ कहना है मध्यस्थाता पैनल में सम्मिलित श्री श्री रविशंकर, जस्टिस खलीफुल्लाह और वरिष्ठ अधिवक्ता तीनों ही नाम उनको स्विकार नहीं है।


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