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हरिद्वार सांसद से कैबिनेट मंत्री तक के सफर में ये बने निशंक के 'चाणक्य' - omprakash jamdagni

हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक आज केंद्र में मानव संसाधन मंत्री के पद पर हैं. उनकी राह आसान करने का श्रेय जाता है भाजपा के जिला अध्यक्ष व मीडिया प्रभारी ओमप्रकाश जमदग्नि को. ये वही शख्स हैं जो हमेशा निशंक के साथ कदम से कदम मिलाकर चले साथ ही निशंक की जीत में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

रमेश पोखरियाल निशंक ने देश के मानव संसाधन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली.
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Published : Jun 3, 2019, 8:19 AM IST

Updated : Jun 3, 2019, 5:52 PM IST

हरिद्वार: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी एक बार फिर पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई है. जीत के बाद मोदी कैबिनेट में कई नए चेहरों के जगह दी गई है. जिनमें हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को मानव संसाधन मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है, जिसे काफी अहम पद माना जाता है. लेकिन उनके यहां तक पहुंचने के सफर में कई लोगों का खास योगदान रहा है और उन्हीं में से एक ओमप्रकाश जमदग्नि भी हैं.

गौर हो कि मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के सामने अपने को साबित करने की चुनौती होगी. क्योंकि पीएम मोदी और अमित शाह ने उन पर भरोसा जताया है. वहीं निशंक के इस मुकाम पर पहुंचने तक के सफर में हरिद्वार में भाजपा के जिला अध्यक्ष व मीडिया प्रभारी ओमप्रकाश जमदग्नि निशंक के साथ कदम से कदम मिलाकर चले. जिनकी निशंक की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका रही. ओमप्रकाश जमदग्नि के बारे में कहा जाता है कि जैसे बीजेपी के जीत के लिए अमित शाह का दिमाग माना जाता है, वैसे ही हरिद्वार सांसद के यहां तक के सफरनामे में उनकी भूमिका काफी अहम मानी जाती है.

रमेश पोखरियाल निशंक ने देश के मानव संसाधन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली.

पढ़ें: कैम्पटी फॉल घूमने गईं दो युवतियां करंट से झुलसीं, हालत गंभीर

सूबे के कद्दावर नेता रमेश पोखरियाल निशंक जो रणनीति चुनाव मैदान में बनाते हैं, उसे धरातल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी जमदग्नि की ही रहती है. लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले और निशंक के कैबिनेट मिनिस्टर का कार्यभार संभालने तक ओम प्रकाश जमदग्नि निशंक के साथ साए की तरह रहे हैं. माना जा रहा है कि ओमप्रकाश जमदग्नि को भी पार्टी में बड़ा पद मिल सकता है जिसके चलते निशंक ने कैबिनेट का कार्यभार संभालने के बाद ओम प्रकाश जमदग्नि के साथ अमित शाह और अन्य कैबिनेट मंत्रियों से मुलाकात की इस दैरान उन्होंने सभी से ओम प्रकाश जमदग्नि की तारीफ की.

ओमप्रकाश जमदग्नि की बात करें तो ओमप्रकाश हरिद्वार की राजनीति में काफी सक्रिय नेता माने जाते हैं. हरिद्वार के व्यापारियों में ओमप्रकाश की अच्छी खासी पकड़ रखते हैं. साथ ही ओमप्रकाश हरिद्वार में संत समाज और समाज के सभी वर्गों से मधुर संबंध के लिए जाने जाते हैं. भाजपा में उनकी सबसे ज्यादा नजदीकी हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक से रही है. करीब डेढ़ दशक से निशंक के तमाम चुनाव का प्रबंधक उन्होंने ही संभाला है.

ओमप्रकाश जमदग्नि ने ही चुनाव के दौरान निशंक के पक्ष में वातावरण तैयार किया और उनके पक्ष में माहौल बनाया. हरिद्वार में गुटबाजी किसी से छुपी नहीं है. यहां कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक और निशंक के दो गुट माने जाते हैं. अंदरखाने दोनों गुट एक दूसरे की मुखालफत करते नजर आते हैं. एक समय ऐसा भी था जब निशंक और कौशिक ने एक साथ मिलकर 2010 के कुंभ का नेतृत्व किया था. उस समय निशंक मुख्यमंत्री और मदन कौशिक कैबिनेट मंत्री हुआ करते थे. वहीं साल 2014 में मदन कौशिक को लोकसभा चुनाव का टिकट मिला और अगले ही दिन उनका टिकट काटकर निशंक को दे दिया गया. इसे ही गुटबाजी की वजह माना जाता रहा है.

उस वक्त भी ओमप्रकाश जमदग्नि ने निशंक को चुनाव जिताने में जी जान लगा दी थी. उनकी मेहनत से निशंक ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को तकरीबन डेढ़ लाख वोट से पराजित किया था. तभी से हरिद्वार में जमदग्नि निशंक की जीत के 'चाणक्य' के नाम से जाने जाने लगे थे. ओमप्रकाश जमदग्नि के चुनावी कौशल को देखते हुए इस बार मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें भी आमंत्रित किया गया था.

हरिद्वार: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी एक बार फिर पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई है. जीत के बाद मोदी कैबिनेट में कई नए चेहरों के जगह दी गई है. जिनमें हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को मानव संसाधन मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है, जिसे काफी अहम पद माना जाता है. लेकिन उनके यहां तक पहुंचने के सफर में कई लोगों का खास योगदान रहा है और उन्हीं में से एक ओमप्रकाश जमदग्नि भी हैं.

गौर हो कि मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के सामने अपने को साबित करने की चुनौती होगी. क्योंकि पीएम मोदी और अमित शाह ने उन पर भरोसा जताया है. वहीं निशंक के इस मुकाम पर पहुंचने तक के सफर में हरिद्वार में भाजपा के जिला अध्यक्ष व मीडिया प्रभारी ओमप्रकाश जमदग्नि निशंक के साथ कदम से कदम मिलाकर चले. जिनकी निशंक की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका रही. ओमप्रकाश जमदग्नि के बारे में कहा जाता है कि जैसे बीजेपी के जीत के लिए अमित शाह का दिमाग माना जाता है, वैसे ही हरिद्वार सांसद के यहां तक के सफरनामे में उनकी भूमिका काफी अहम मानी जाती है.

रमेश पोखरियाल निशंक ने देश के मानव संसाधन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली.

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सूबे के कद्दावर नेता रमेश पोखरियाल निशंक जो रणनीति चुनाव मैदान में बनाते हैं, उसे धरातल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी जमदग्नि की ही रहती है. लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले और निशंक के कैबिनेट मिनिस्टर का कार्यभार संभालने तक ओम प्रकाश जमदग्नि निशंक के साथ साए की तरह रहे हैं. माना जा रहा है कि ओमप्रकाश जमदग्नि को भी पार्टी में बड़ा पद मिल सकता है जिसके चलते निशंक ने कैबिनेट का कार्यभार संभालने के बाद ओम प्रकाश जमदग्नि के साथ अमित शाह और अन्य कैबिनेट मंत्रियों से मुलाकात की इस दैरान उन्होंने सभी से ओम प्रकाश जमदग्नि की तारीफ की.

ओमप्रकाश जमदग्नि की बात करें तो ओमप्रकाश हरिद्वार की राजनीति में काफी सक्रिय नेता माने जाते हैं. हरिद्वार के व्यापारियों में ओमप्रकाश की अच्छी खासी पकड़ रखते हैं. साथ ही ओमप्रकाश हरिद्वार में संत समाज और समाज के सभी वर्गों से मधुर संबंध के लिए जाने जाते हैं. भाजपा में उनकी सबसे ज्यादा नजदीकी हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक से रही है. करीब डेढ़ दशक से निशंक के तमाम चुनाव का प्रबंधक उन्होंने ही संभाला है.

ओमप्रकाश जमदग्नि ने ही चुनाव के दौरान निशंक के पक्ष में वातावरण तैयार किया और उनके पक्ष में माहौल बनाया. हरिद्वार में गुटबाजी किसी से छुपी नहीं है. यहां कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक और निशंक के दो गुट माने जाते हैं. अंदरखाने दोनों गुट एक दूसरे की मुखालफत करते नजर आते हैं. एक समय ऐसा भी था जब निशंक और कौशिक ने एक साथ मिलकर 2010 के कुंभ का नेतृत्व किया था. उस समय निशंक मुख्यमंत्री और मदन कौशिक कैबिनेट मंत्री हुआ करते थे. वहीं साल 2014 में मदन कौशिक को लोकसभा चुनाव का टिकट मिला और अगले ही दिन उनका टिकट काटकर निशंक को दे दिया गया. इसे ही गुटबाजी की वजह माना जाता रहा है.

उस वक्त भी ओमप्रकाश जमदग्नि ने निशंक को चुनाव जिताने में जी जान लगा दी थी. उनकी मेहनत से निशंक ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को तकरीबन डेढ़ लाख वोट से पराजित किया था. तभी से हरिद्वार में जमदग्नि निशंक की जीत के 'चाणक्य' के नाम से जाने जाने लगे थे. ओमप्रकाश जमदग्नि के चुनावी कौशल को देखते हुए इस बार मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें भी आमंत्रित किया गया था.

Intro:फीड मेल पर भेजी गई है

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हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक अब देश के मानव संसाधन मंत्री बन चुके हैं और उन्होंने अपना कार्यभार भी संभाल लिया है यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और उत्तराखंड  के मुख्यमंत्री के साथ दो बार हरिद्वार से सांसद रहे निशंक पर मोदी ने अपना विश्वास जताया है और उनको कैबिनेट में शामिल किया गया है निशंक का कैबिनेट मंत्री बनने का सफर भी आसान नहीं था इस सफर में निशंक के कदम से कदम मिलाकर चले हरिद्वार भाजपा के जिला अध्यक्ष व मीडिया प्रभारी ओमप्रकाश जगदमनी इनके बारे में कहा जाता है जैसे बीजेपी के जीत के चाणक्य अमित शाह हैं वैसे ही यह निशंक की जीत के चाणक्य है क्योंकि इनके द्वारा ही निशंक के चुनाव में रणनीति बनाई जाती है और उसको धरातल पर भी पहुंचाने में जगदमनी का अहम रोल रहता है इसीलिए निशंक भी इनपर पूरा भरोसा जताते हैं 


Body:चुनाव शुरू होने से पहले और कैबिनेट मिनिस्टर का कार्यभार संभालने तक ओम प्रकाश जगदमनी निशंक के साथ साए की तरह रहे और निशंक ने भी कैबिनेट मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद ओम प्रकाश जगदमनी के साथ ही कई कैबिनेट मंत्रियों और अमित शाह से मुलाकात की और सभी से ओम प्रकाश जगदमनी की तारीफ भी की माना जा रहा है कि ओमप्रकाश जगदमनी को कोई बाद पद मिल सकता है और इसी को लेकर निशंक भी पार्टी के तमाम बड़े नेताओं से मुलाकात करने पहुंचे तब भी ओमप्रकाश जगदमनी उनके साथ ही मौजूद रहे

ओमप्रकाश जगदमनी हरिद्वार की राजनीति में काफी सक्रिय नेता माने जाते हैं और हरिद्वार के तमाम व्यापारियों में भी अच्छी पकड़ रखते हैं संत समाज और समाज के सभी वर्गों से मधुर संबंध है भाजपा में उनकी सबसे ज्यादा नजदीकी हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक से रही करीब डेढ़ दशक से निशंक के तमाम चुनाव का प्रबंधक संभालते रहे ओमप्रकाश की कूटनीति के चलते निशंक को कामयाबी मिलती गई लेकिन साल 2019 का लोकसभा चुनाव निशंक के हरिद्वार सीट पर बहुत कठिन माना जा रहा था निशंक हरिद्वार की जनता की अपेक्षाओं पर पूरी तरह से फिट नहीं बैठ पा रहे थे क्योंकि 2010 के महाकुंभ में घोटाले के आरोप में निशंक को मुख्यमंत्री का पद गंवाना पड़ा था उस वक्त निशंक के सारथी बने ओमप्रकाश जगदमनी निशंक के चुनाव में ओम प्रकाश जगदमनी ने निशंक के पक्ष में वातावरण तैयार किया और निशंक के पक्ष में माहौल बना दिया


हरिद्वार में भाजपा के दो गुट माने जाते हैं जिसमें हरिद्वार से विधायक और उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक और दूसरा गुट निशंक का अंदर खाने दोनों ही गुड एक दूसरे की खिलाफत करते नजर आते हैं और ऐसा नहीं है कि एक समय में निशंक और कौशिक ने एक साथ मिलकर काम नहीं किया हो 2010 का कुंभ इन दोनों के नेतृत्व में ही संपन्न हुआ था क्योंकि उस वक्त निशंक मुख्यमंत्री थे और मदन कौशिक कैबिनेट मंत्री थे मगर जब 2014 में हरिद्वार से रमेश पोखरियाल निशंक को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया तभी से इनके बीच विवाद भी शुरू हो गया क्योंकि 2014 में मदन कौशिक को लोकसभा चुनाव का टिकट मिल गया था और अगले ही दिन उनका टिकट काटकर निशंक को दे दिया गया था बस तभी से मदन गुट निशंक को हराने में लग गया था मगर उस वक्त ओमप्रकाश जगदमनी ने निशंक को चुनाव जिताने में जी जान लगा दी थी और उनकी मेहनत सफल भी हुई निशंक ने उस वक्त उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को तकरीबन डेढ़ लाख वोट से पराजित किया था बस तभी से हरिद्वार में जगदमनी निशंक की जीत के चाणक्य के नाम जाने जाने लगे


Conclusion:ओमप्रकाश जगदमनी के चुनावी कौशल को देखते हुए मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में इनको भी आमंत्रित किया गया था शपथ ग्रहण समारोह के बाद केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भाजपा के चाणक्य अमित शाह से ओमप्रकाश जगदमनी की मुलाकात कराई और उसकी खूबियां बताई जिसके बाद अमित शाह ने ओमप्रकाश जगदमनी को आशीर्वाद दिया और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी साथी निसंग ने कई कैबिनेट मिनिस्टर से भी जगदमनी की मुलाकात कराई अमित शाह और कई कैबिनेट मंत्रीयो से मुलाकात के बाद कई सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं कि ओमप्रकाश जगदमनी को हरिद्वार की राजनीति में आगे बढ़ाने का भी रास्ता साफ हो गया है क्योकि जगदमनी हरिद्वार विधानसभा से विधायक का चुनाव भी लड़ना चाहते हैं और उनके सामने चार बार के विधायक और दो बार के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक है अब देखना होगा क्या इस बार हरिद्वार विधानसभा से जगदमनी पर पार्टी विश्वास जताकर उनको विधानसभा का चुनाव लड़वाती है या उनको कोई और बडी जिमेदारी देती है यह देखने वाली बात होगी

Last Updated : Jun 3, 2019, 5:52 PM IST
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