हरिद्वार: सेना के जवानों को लेकर हमारे राजनेता और अधिकारी कितने गंभीर हैं, इसकी बानगी गुरुवार को हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर देखने को मिली. जहां सैनिक रमेश सिंह नेगी के अंतिम संस्कार में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी और न ही कोई राजनेता पहुंचा. गुरुवार को खड़खड़ी घाट पर शहीद रमेश सिंह नेगी को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. लेकिन इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता वहां से नदारद रहे.
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बता दें कि चमोली के रहने वाले रमेश सिंह नेगी भारतीय सेना में 11 जाट रेजीमेंट में हवलदार के पद पर थे. जो अफ्रीका के लेबनान देश में शांति सेना में तैनात थे. बीती 10 जुलाई को हार्ट अटैक से रमेश सिंह नेगी की मौत हो गई थी. जिसके बाद कल देर रात उनका पार्थिव शरीर उनके रुड़की स्थित आवास पर लाया गया. गुरुवार को हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. सेना के जवान को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में परिवारिक और आसपास के क्षेत्रों के लोग पहुंचे. लेकिन इस दौरान जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार का कोई भी नुमाइंदा इस अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा. जिसे लेकर लोगों में नाराजगी देखने को मिली.
रमेश सिंह नेगी के अंतिम संस्कार में किसी भी प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता के न पहुंचने पर मित्र हेमंत बड़थ्वाल ने कहा कि उनके द्वारा इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी गई. बावजूद इसके कोई भी अधिकारी सेना के जवान के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा. जिससे उनका सेना के प्रति रवैया पता चलता है.
वहीं, सैनिक के परिजनों का कहना है कि रमेश सिंह नेगी बहुत ही मिलनसार व्यक्ति थे. उनका चले जाना न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. रमेश सिंह नेगी के परिवार में माता-पिता और दो बच्चे हैं.