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सेना के जवान को अंतिम विदाई देने नहीं पहुंचा कोई भी 'माननीय', परिजनों में आक्रोश

चमोली के रहने वाले रमेश सिंह नेगी भारतीय सेना में 11 जाट रेजीमेंट में हवलदार के पद पर थे. जो अफ्रीका के लेबनान देश में शांति सेना में तैनात थे. बीती 10 जुलाई को हार्ट अटैक से रमेश सिंह नेगी की मौत हो गई थी.

शहीद को अंतिम विदाई.
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Published : Jul 18, 2019, 6:20 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 7:29 PM IST

हरिद्वार: सेना के जवानों को लेकर हमारे राजनेता और अधिकारी कितने गंभीर हैं, इसकी बानगी गुरुवार को हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर देखने को मिली. जहां सैनिक रमेश सिंह नेगी के अंतिम संस्कार में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी और न ही कोई राजनेता पहुंचा. गुरुवार को खड़खड़ी घाट पर शहीद रमेश सिंह नेगी को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. लेकिन इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता वहां से नदारद रहे.

शहीद को अंतिम विदाई.

पढ़ें- क्रेन से गिरकर श्रमिक की मौत, परिजन ने कंपनी पर लगाए गंभीर आरोप

बता दें कि चमोली के रहने वाले रमेश सिंह नेगी भारतीय सेना में 11 जाट रेजीमेंट में हवलदार के पद पर थे. जो अफ्रीका के लेबनान देश में शांति सेना में तैनात थे. बीती 10 जुलाई को हार्ट अटैक से रमेश सिंह नेगी की मौत हो गई थी. जिसके बाद कल देर रात उनका पार्थिव शरीर उनके रुड़की स्थित आवास पर लाया गया. गुरुवार को हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. सेना के जवान को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में परिवारिक और आसपास के क्षेत्रों के लोग पहुंचे. लेकिन इस दौरान जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार का कोई भी नुमाइंदा इस अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा. जिसे लेकर लोगों में नाराजगी देखने को मिली.

रमेश सिंह नेगी के अंतिम संस्कार में किसी भी प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता के न पहुंचने पर मित्र हेमंत बड़थ्वाल ने कहा कि उनके द्वारा इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी गई. बावजूद इसके कोई भी अधिकारी सेना के जवान के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा. जिससे उनका सेना के प्रति रवैया पता चलता है.

वहीं, सैनिक के परिजनों का कहना है कि रमेश सिंह नेगी बहुत ही मिलनसार व्यक्ति थे. उनका चले जाना न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. रमेश सिंह नेगी के परिवार में माता-पिता और दो बच्चे हैं.

हरिद्वार: सेना के जवानों को लेकर हमारे राजनेता और अधिकारी कितने गंभीर हैं, इसकी बानगी गुरुवार को हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर देखने को मिली. जहां सैनिक रमेश सिंह नेगी के अंतिम संस्कार में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी और न ही कोई राजनेता पहुंचा. गुरुवार को खड़खड़ी घाट पर शहीद रमेश सिंह नेगी को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. लेकिन इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता वहां से नदारद रहे.

शहीद को अंतिम विदाई.

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बता दें कि चमोली के रहने वाले रमेश सिंह नेगी भारतीय सेना में 11 जाट रेजीमेंट में हवलदार के पद पर थे. जो अफ्रीका के लेबनान देश में शांति सेना में तैनात थे. बीती 10 जुलाई को हार्ट अटैक से रमेश सिंह नेगी की मौत हो गई थी. जिसके बाद कल देर रात उनका पार्थिव शरीर उनके रुड़की स्थित आवास पर लाया गया. गुरुवार को हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. सेना के जवान को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में परिवारिक और आसपास के क्षेत्रों के लोग पहुंचे. लेकिन इस दौरान जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार का कोई भी नुमाइंदा इस अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा. जिसे लेकर लोगों में नाराजगी देखने को मिली.

रमेश सिंह नेगी के अंतिम संस्कार में किसी भी प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता के न पहुंचने पर मित्र हेमंत बड़थ्वाल ने कहा कि उनके द्वारा इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी गई. बावजूद इसके कोई भी अधिकारी सेना के जवान के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा. जिससे उनका सेना के प्रति रवैया पता चलता है.

वहीं, सैनिक के परिजनों का कहना है कि रमेश सिंह नेगी बहुत ही मिलनसार व्यक्ति थे. उनका चले जाना न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. रमेश सिंह नेगी के परिवार में माता-पिता और दो बच्चे हैं.

Intro:फीड लाइव व्यू से भेजी गई है

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शहीदों को लेकर हमारे राजनेता और अधिकारी कितना गंभीर है इसका अंदाजा आज हरिद्वार में शहीद रमेश सिंह नेगी के अंतिम संस्कार में देखने को मिला जहां पर हरिद्वार खड़खड़ी श्मशान घाट पर शहीद रमेश सिंह नेगी को पूरे सैनिक सम्मान से अंतिम विदाई दी गई मगर हरिद्वार प्रशासनिक अधिकारियों को परिजनों द्वारा जानकारी देने के बाद भी ना तो कोई प्रशासनिक अधिकारी सहित के अंतिम संस्कार में पहुंचा और ना ही कोई राजनेता इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहीदों को लेकर प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता कितने गंभीर होते हैं


Body:चमोली के रहने वाले रमेश सिंह नेगी भारतीय सेना में 11 जाट रेजीमेंट में हवलदार के पद पर थे और अफ्रीका के लेबनान देश में शांति सेना में तैनात थे बीती 10 जुलाई को हार्टअटैक से रमेश सिंह नेगी की मौत हो गई थी जिसके बाद कल देर रात उनका पार्थिव शरीर उनके रुड़की स्थित आवास पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ लाया गया था आज हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ सहित का अंतिम संस्कार कर दिया गया शहीद के अंतिम संस्कार में श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में परिवारिक और आसपास के क्षेत्रों के लोग पहुंचे लेकिन जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार का कोई भी नुमाइंदा शहीद के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा जिसको लेकर लोगों में नाराजगी देखने को मिली

शहीद के भाई और मित्र का कहना है कि रमेश सिंह नेगी बहुत ही मिलनसार व्यक्ति थे वह परिवार के साथ सभी लोगों को एक सम्मान देखते थे उनके अंदर पूरे समाज और परिवार के लिए समर्पित भाव था उनके चले जाने से ना सिर्फ परिवार बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए बहुत बड़ी क्षति है रमेश सिंह नेगी के परिवार में माता-पिता और दो बच्चे है वही रमेश सिंह नेगी के अंतिम संस्कार में किसी भी प्रशासनिक और राजनेता के ना पहुंचने पर मित्र हेमंत बड़थ्वाल का कहना है कि उनके द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी गई थी मगर बड़े दुख का विषय है कि शहीद के अंतिम संस्कार में कोई भी प्रशासनिक और राजनेता उनको अंतिम विदाई देने नहीं पहुंचा इससे उनका सेना के प्रति रवैया पता चलता है रमेश सिंह नेगी देश की सेवा करते हुए शहीद हुए हैं यह बड़ी दुख की बात है कि कोई भी अधिकारी और राजनेता यहां नहीं आया

बाइट--राकेश सिंह नेगी-- शहीद के भाई
बाइट-- हेमंत बड़थ्वाल-- शहीद के मित्र


Conclusion:रमेश सिंह नेगी आज देश की सेवा करते हुए पंचतत्व में विलीन हो गए और सेना ने उनको पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी मगर रमेश सिंह नेगी के अंतिम संस्कार के बाद एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर देश के लिए जो मर मिटने को तैयार हो जाते हैं क्या उनके सम्मान के लिए प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता थोड़ा सा समय निकाल कर उनको सम्मान नहीं दे सकते क्योंकि रमेश सिंह नेगी देश की तरफ से सेना में अफ्रीका के लेबनान में तैनात थे और शांति सेना में किसी भी सैनिक को तैनाती तभी मिलती है जब वह सैनिक कुशल क्षमता क्षमता का धनी हो और यही रमेश सिंह नेगी के कार्य करने की क्षमता थी जो वह शांति सेना में तैनात किए गए थे
Last Updated : Jul 18, 2019, 7:29 PM IST
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