हरिद्वार: 20 अप्रैल बीत जाने के बाद उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू हो गया है. जिसे लेकर वन महकमा अब अलर्ट हो गया है. फायर सीजन के दौरान पिछले सालों में वनाग्नि ने राज्य के हजारों हेक्टेयर वन क्षेत्र में तबाही मचा दी थी. जिसके चलते ना केवल पर्यावरण बल्कि वन्यजीवों को भी काफी नुकसान हुआ था.
बता दें कि पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में भी आग ने जमकर तांडव मचाया था. फायर सीजन शुरू होने के बाद कोरोना की ड्यूटी में लगे वन विभाग के अधिकारियों के लिए मुख्य सचिव ने आदेश जारी किए हैं. जब तक बहुत जरूरी ना हो वन विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी कोरोना से निपटने में नहीं लगाई जाएगी. उधर पहले ही ट्रेनिंग के अभाव में कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे वन विभाग में वनाग्नि से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद नहीं है. ऐसे में केवल पारंपरिक तरीकों पर ही वन विभाग निर्भर है.
यह भी पढ़ें: पाक ने मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड लखवी समेत हजारों आतंकियों को वॉच लिस्ट से हटाया
गौरतलब है कि राज्य का बड़ा हिस्सा जंगल हैं और तमाम आबादी क्षेत्र जंगलों से सटे हुए हैं. ऐसे में शुरू हुए फायर सीजन में वन विभाग के सामने कई नई चुनौतीयां हैं. आम लोग भी डरे और सहमे हुए हैं. वहीं हरिद्वार के डीएफओ आकाश वर्मा का कहना है कि हमारे द्वारा सभी तैयारियां कर ली गई हैं. पिछले साल हरिद्वार प्रशासन ने हमारा काफी सहयोग किया था. जिससे हरिद्वार के जंगलों में आग लगने से रोकने में काफी सफल रहे थे.