हल्द्वानी: प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा खनन से राजस्व की प्राप्ति होती है लेकिन खनन कारोबारियों के हड़ताल पर चले जाने से जहां खनन कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है. वहीं, अब स्टोन क्रशर संचालकों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए रेता बजरी की बिक्री बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है.
बता दें कि हड़ताल के चलते सरकार को भी खनन से मिलने वाले राजस्व का नुकसान हो रहा है. खनन ढुलाई किराया बढ़ाने को लेकर पिछले 4 दिनों से खनन कारोबार से जुड़े करीब 7500 वाहन स्वामी हड़ताल पर हैं. जिससे नदी से खनन निकासी कार्य पूरी तरह से ठप है.
स्टोन क्रशर एसोसिएशन का कहना है कि सरकार द्वारा खनन की रॉयल्टी की वृद्धि की गई है. रॉयल्टी अधिक होने के चलते जहां महंगाई बढ़ गई है तो वहीं क्षेत्र के स्टोन क्रशर संचालकों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. स्टोन क्रशर संचालक को अपने माल को 'नो प्रॉफिट नो लॉस' में बेचना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि रेता बजरी की रॉयल्टी को तुरंत कम किया जाए, जिससे कि उनका कारोबार ठीक ढंग से चल सके.
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स्टोन क्रशर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि जब तक रॉयल्टी कम नहीं हो जाती तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी. उन्होंने बताया कि नैनीताल जनपद क्षेत्र के 18 स्टोन क्रशर शनिवार से हड़ताल पर चले गए हैं.