हल्द्वानी: कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के दरबार में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. यहां एक फरियादी यह कहने आया कि साहब मैं जिंदा हूं. दरअसल कागजों में इस शख्स को मार दिया गया है. ये सुनकर कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत भी सकते में आ गए. कमिश्नर साहब ने हरिकिशन बुधलाकोटी की पूरी बात इत्मीनान से सुनी.
ये है पूरा मामला: यह मामला नैनीताल जनपद के कुश्या कुटौली तहसील का है. यहां के रहने वाले हरिकिशन (हरिकृष्ण) बुधलाकोटी जिन्हें तहसील और ग्राम पंचायत के कर्मचारियों द्वारा फर्जी तरीके से 1980 में मृत घोषित कर दिया गया. 2010 में प्रमाण पत्र बना कर मृतक घोषित होने के बाद उनकी नैनीताल के पंगोट स्थित जमीन को 2011 में कुछ भू माफियाओं ने खरीद लिया.
जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर जमीन हड़पी: अब हरिकिशन (हरिकृष्ण) बुधलाकोटी जमीन पर हक के लिए सरकारी ऑफिसों के चक्कर काट रहे हैं. सरकारी विभागों से निराश होकर बुधलाकोटी कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के दरबार में पहुंचे. उन्हें अपना दुखड़ा सुनाया. बताया कि रामनगर में तैनात वन विभाग के एक बड़े अधिकारी ने उनकी पंगोट स्थित 3 नाली जमीन को भूमाफियाओं से मिलकर खरीदा गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कुश्या कुटौली तहसील के कर्मचारियों की भी इसमें मिलीभगत है.
तहसीलदार पर निष्क्रियता का आरोप: हरिकिशन बुधलाकोटी ने इस संबंध में तहसील में भी शिकायत दर्ज कराई है. उनका आरोप है कि तहसीलदार भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनके डेथ सर्टिफिकेट को पंचायत के अधिकारी और तहसील के कर्मचारियों की मिलीभगत से बनाया गया है. हरिकिशन बुधलाकोटी ने बताया कि वो सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं. अब उन्हें कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत से न्याय की उम्मीद है.
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कुमाऊं कमिश्नर ने क्या कहा: मृत घोषित कर दिए गए हरिकिशन बुधलाकोटी की समस्या पर कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने तहसीलदार कुश्या कुटौली को पूरे मामले में निष्पक्ष जांच करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि यह बेहद गंभीर मामला है. इसकी निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.