देहरादून: देश में लॉकडाउन के एलान के बाद से ही राज्य में फैक्ट्रियां, शिक्षण और निजी संस्थान बंद हो गये हैं. जिसके कारण यहां काम करने वाले श्रमिकों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है.
लॉकडाउन के संकट के बीच गृह मंत्रालय ने ऐसे श्रमिकों के बारे में निर्णय लिया है की सभी मालिकों द्वारा अपने श्रमिकों को पूरी सैलरी दी जाएगी. इसके अलावा जितने भी छात्र और श्रमिक जिस भी मकान में किराये पर रह रहे हैं उसे वहां से नहीं निकाला जा सकता है.
लॉकडाउन के बाद राज्य की सभी फैक्ट्रियां, प्राइवेट सेक्टर, कॉन्ट्रेक्टर और निजी संस्थान बंद पड़े हैं. जिसके कारण बाहरी राज्यों से आये लोगों के सामने बड़ी परेशानियां खड़ी हो गई हैं. फैक्ट्रियां, ऑफिस बंद होने के कारण सभी मालिक अपने श्रमिकों को तनख्वाह देने में असमर्थता जता रहे हैं. जिसके कारण सभी लोग अपने-अपने घरों की ओर वापस लौट रहे हैं.
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श्रमिकों, मजदूरों की घर वापसी के बाद देश भर में बनी स्थिति के बाद गृह मंत्रालय ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है. गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से प्रवासी कामगारों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए कहा है.
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डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि इस मामले में जिलों के सभी प्रभारियों को निर्देशित कर दिया गया है. उन्होंने कहा जो भी इन नियमों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने श्रमिकों, मजदूरों और कामगारों से कोरोना से जंग में सहयोग देने की अपील करते हुए लॉकडाउन को सफल बनाने की बात कही है.