देहरादून: साल 2020 के मार्च महीने में मैक्सिको में सिस्मोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ अमेरिका की एनुअल मीटिंग आयोजित की जाएगी. जिसमें वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक भी बतौर कन्वीनर शामिल होंगे. इस मीटिंग में 'स्लो एंड फास्ट अर्थक्वेक इन एशियन रीजन' टॉपिक पर चर्चा की जाएगी.
भूकंप को लेकर न सिर्फ देश के वैज्ञानिक बल्कि विदेशों के वैज्ञानिक भी लगातार शोध कर रहे हैं, ताकि भूकंप का प्रीडिक्शन किया जा सके. दुनिया में अभीतक ऐसा कोई उपकरण नहीं बना है जिससे भूकंप आने का प्रीडिक्शन किया जा सके. लिहाजा, समय-समय पर देश और विदेश के वैज्ञानिक इस पर चर्चा करते रहते हैं.
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वाडिया संस्थान के वैज्ञानिक सुशील कुमार ने बताया कि इस एनुअल मीटिंग में स्लो अर्थक्वेक की कितनी संभावनाएं हैं, इस पर चर्चा की जाएगी. साथ ही इस मीटिंग में विदेशों के वैज्ञानिकों से समन्वय बनाया जाएगा, ताकि हिमालय को भी जाना जा सके कि क्या हिमालय रीजन में भी स्लो अर्थक्वेक के माध्यम से एनर्जी रिलीज हो रही है या नहीं.
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वैज्ञानिक सुशील कुमार ने बताया अभी उत्तराखंड में जो अर्थक्वेक आ रहे हैं वे सभी फास्ट अर्थक्वेक हैं. उन्होंने बताया साल 1950 के बाद से इन 70 सालों में कोई भी बड़ा भूकंप नहीं आया है. ऐसे में एक बड़ा सवाल है कि कहीं एनर्जी स्टोर तो नहीं हो रही है?