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उत्तराखंड पुलिस चलाएगी ऑपरेशन मुक्ति, भिक्षावृत्ति से मिलेगी बच्चों को मुक्ति

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Published : Jan 12, 2020, 5:30 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 12:01 AM IST

उत्तराखंड पुलिस ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाने जा रही है. इस अभियान के तहत प्रदेश में सड़कों पर भीख मांगने, गुब्बारे बचने और कूड़ा बीनने वालों बच्चों की पहचान कर उन्हें इस काम से मुक्त करवाकर स्कूलों में दाखिला करवाएंगे.

dehradun
ऑपरेशन मुक्ति अभियान

देहरादून: सड़कों पर भीख मांग कर गुजारा करने वाले मासूमों के जीवन को दिशा देने के लिए उत्तराखंड पुलिस आगे आई है. उत्तराखंड पुलिस प्रदेश भर में ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाने जा रही है. जिसके तहत भिक्षावृत्ति में फंसे बच्चों को नजदीकी स्कूलों में दाखिला करवाया जाएगा. वहीं, पुलिस लोगों को भी इसके लिए जागरूक कर रही है.

ऑपरेशन मुक्ति.

गौरतलब है कि पिछले साल भी उत्तराखंड पुलिस ने ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाकर 292 बच्चों को चिन्हित किया था. ये बच्चे भीख मांगने, कूड़ा बीनने, गुब्बारा बेचने का काम करते थे. ये बच्चे ऐसे परिवार से थे जिनकी आर्थिक स्थिति दयनीय थी. पुलिस ने इनमें से 70 बच्चों का विभिन्न स्कूलों में करवाया था. वहीं, 42 बच्चों की आर्थिक सहायता के लिए बाल कल्याण अधिकार संरक्षण आयोग को रिपोर्ट प्रेषित की थी.

ये भी पढ़े: उत्तराखंड: बोर्ड टॉपर छात्राएं 24 जनवरी को होंगी सम्मानित, मिलेगा स्मार्टफोन

सीओ सिटी देहरादून शेखर सुयाल ने जानकारी देते हुए बताया कि आपरेशन मुक्ति अभियान के लिए जिले में दो टीमों का गठन किया है. जो सड़कों पर भीख मांगने, कूड़ा बीनने वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें इस काम से मुक्ति दिलाएंगे साथ ही इनका एडमिशन नजदीक के स्कूलों में कराया जाएगा.

उन्होने बताया कि कुछ दिनों से शिकायतें आ रही है कि शहर में अस्थाई लोग आकर रह रहे हैं. उनके बच्चे सड़कों पर भीख मांगने का काम कर रहे है. इसका संज्ञान में लेते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा निर्देशित किया गया है कि दोबारा से ऑपरेशन मुक्ति चलाया जाये.

देहरादून: सड़कों पर भीख मांग कर गुजारा करने वाले मासूमों के जीवन को दिशा देने के लिए उत्तराखंड पुलिस आगे आई है. उत्तराखंड पुलिस प्रदेश भर में ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाने जा रही है. जिसके तहत भिक्षावृत्ति में फंसे बच्चों को नजदीकी स्कूलों में दाखिला करवाया जाएगा. वहीं, पुलिस लोगों को भी इसके लिए जागरूक कर रही है.

ऑपरेशन मुक्ति.

गौरतलब है कि पिछले साल भी उत्तराखंड पुलिस ने ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाकर 292 बच्चों को चिन्हित किया था. ये बच्चे भीख मांगने, कूड़ा बीनने, गुब्बारा बेचने का काम करते थे. ये बच्चे ऐसे परिवार से थे जिनकी आर्थिक स्थिति दयनीय थी. पुलिस ने इनमें से 70 बच्चों का विभिन्न स्कूलों में करवाया था. वहीं, 42 बच्चों की आर्थिक सहायता के लिए बाल कल्याण अधिकार संरक्षण आयोग को रिपोर्ट प्रेषित की थी.

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सीओ सिटी देहरादून शेखर सुयाल ने जानकारी देते हुए बताया कि आपरेशन मुक्ति अभियान के लिए जिले में दो टीमों का गठन किया है. जो सड़कों पर भीख मांगने, कूड़ा बीनने वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें इस काम से मुक्ति दिलाएंगे साथ ही इनका एडमिशन नजदीक के स्कूलों में कराया जाएगा.

उन्होने बताया कि कुछ दिनों से शिकायतें आ रही है कि शहर में अस्थाई लोग आकर रह रहे हैं. उनके बच्चे सड़कों पर भीख मांगने का काम कर रहे है. इसका संज्ञान में लेते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा निर्देशित किया गया है कि दोबारा से ऑपरेशन मुक्ति चलाया जाये.

Intro:सड़कों पर भीख मांग कर गुजारा करने वाले मासूमों के जीवन को दिशा देने के लिए उत्तराखंड पुलिस आगे आई है. उत्तराखंड पुलिस द्वारा प्रदेश भर में आपरेशन मुक्तिअभियान चलाया जाऐगा. जिसके तहत भिक्षावृत्ति में फंसे बच्चों को नजदीकी स्कूलों में पढ़ाई के लिए उनका दाखिला करवाया जाएगा. इतना ही नहीं उत्तराखंड पुलिस लोगों को भी इसके लिए जागरूक कर रही है.उत्तराखंड पुलिस का कहना हैं कि लोग बच्चों को भीख ना दें बल्कि उन्हें शिक्षित करने का प्रयास करें!Body:दरअसल पिछले साल भी देहरादून में आपरेशन मुक्ति अभियान चलाया गया था इस दौरान महत्वपूर्ण, भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर अभियान चलाकर 292 बच्चों को भीख मांगने, कूड़ा बीनने, गुब्बारा बेचने आदि के कार्य में चिह्नित किया गया। इनमें से 70 बच्चे ऐसे थे, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, उन्हें विभिन्न स्कूलों में ऐडमीशन दिलवाया गया। 42 बच्चे, जिनकी पारिवारिक आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब थी, उनकी आर्थिक सहायता के लिए बाल कल्याण अधिकार संरक्षण आयोग को भी रिपोर्ट प्रेषित की गई।Conclusion:सिओ सिटी शेखर सुयाल ने जानकारी देते हुए बताया कि आपरेशन मुक्ति अभियान के लिए जिले में दो टीमों का गठन किया है जो सडकों पर भीख मांगकर गुजारा करने वाले सहित ऐसे बच्चों की पहचान करेगें जो कूडा बीनने सहित अन्य काम कर रहे है ।साथ ही कहा कि पुलिस मुख्यालय के स्तर से पिछले साल मई ओर जून में दो महीने में जो बच्चे भीख मांगने का काम,कूड़े बीनना ओर चौराहों पर समान बेचने का काम करते है जिनको स्कूल का हिस्सा होना चाहिए लेकिन स्कूल में नही जा रहे है उन बच्चो को लेकर एक अभियान ऑपरेशन मुक्ति चलाया गया था।और इस अभियान के दौरान करीब 70 बच्चो को स्कूल में भेजा था।लेकिन कुछ दिनों से शिकायतें आ रही है कि शहर में कुछ नए लोग जो अस्थाई लोग शहर में आकर उनके बच्चे सड़को पर भीख मांगने के काम कर रहे है।इस शिकायत को सज्ञान में लेते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा निर्देशित किया गया है कि दोबारा से ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाया जाए! 

बाइट- शेखर सुयाल , सीओ सिटी देहरादून  
Last Updated : Jan 13, 2020, 12:01 AM IST
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