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देश की प्रगति में देवभूमि की अहम भूमिका, हर क्षेत्र में योगदान - उत्तराखंड

राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड कई क्षेत्रों में देश के काम आ रहा है. फिर चाहे धार्मिक स्थलों की बात करें या फिर देश की सुरक्षा की, उत्तराखंड राज्य हर क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहा है.

देश की उन्नति में उत्तराखंड निभा रहा अहम भूमिका.
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Published : Nov 3, 2019, 10:42 PM IST

Updated : Nov 4, 2019, 12:04 PM IST

देहरादून: साल 2000 में उत्तरप्रदेश से अलग होकर एक पहाड़ी राज्य उत्तराखंड बना था. उत्तराखंड राज्य अपनी भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है. बावजूद इसके उत्तराखंड देश-दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब हुआ है. उत्तराखंड राज्य का अब तक देश में क्या रहा योगदान, देखिए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट में...

देश की उन्नति में उत्तराखंड निभा रहा अहम भूमिका.

राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड देश में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है. चाहे धार्मिक स्थलों की बात करें या फिर देश की सुरक्षा की, उत्तराखंड राज्य हर क्षेत्र में देश के काम आ रहा है. यहां के शांत वातावरण का लोग जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. इसके अलावा उत्तराखंड राज्य पर्यावरण, जल, ऊर्जा, सुरक्षा समेत कई चीजों में अपना बड़ा योगदान दे रहा है.

पढ़ें: सीएम त्रिवेंद्र से मिले फिल्म निर्माता विनोद बच्चन, बोले-राज्य में शूटिंग के लिए बेहतरीन लोकेशन

पर्यावरण संतुलित करने में राज्य की अहम भूमिका
उत्तराखंड राज्य उन हिमालयी राज्यों में शुमार है जो देश को ताजी हवा देता है. राज्य में करीब 70 फीसदी वन क्षेत्र है, जो देश ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों के पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में अपनी अहम भूमिका निभा रही है.

देश के करीब 40 फीसदी हिस्से को देता है साफ पानी
उत्तराखंड राज्य में कई बड़ी नदियों का उद्गम स्थल है. जिसमें गंगा, यमुना, मंदाकिनी, अलकनंदा जैसी कई नदियां शामिल हैं, जो न सिर्फ उत्तराखंड राज्य के पानी की जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि देश के करीब 40 फीसदी हिस्से की पानी की आपूर्ति यहां की नदियों से पूरी होती है.

विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा और अन्य बड़े धार्मिक स्थल
चारधाम यात्रा यानि गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ जैसे धार्मिक स्थल उत्तराखंड में ही है. जहां हर साल देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं साथ ही पिरान कलियर और हेमकुंड साहिब भी उत्तराखंड में मौजूद हैं. यही नहीं, देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में हरिद्वार समेत हजारों, धार्मिक स्थल मौजूद है, जिनकी मान्यताएं वैदिक काल से जुड़ी हुई हैं. इसके अलावा वेदव्यास ने उत्तराखंड में ही चारों वेदों की रचना की थी.

सैन्य बाहुल्य प्रदेश है उत्तराखंड
उत्तराखंड राज्य देश का पहला ऐसा राज्य है जहां गढ़वाल और कुमाऊं दो रेजिमेंट है. जिसमें यहां के करीब एक लाख से अधिक सैनिक दोनों रेजिमेंट में कार्यरत है. जो देश की सुरक्षा में अपना अहम योगदान निभा रहा है. इसके साथ ही पहले विश्व युद्ध में उत्तराखंड राज्य के सैनिकों को विक्टोरिया क्रॉस, परमवीर चक्र मिले हैं. इसके अलावा उत्तराखंड ने जनरल बीसी जोशी और जनरल बिपिन रावत के रूप में थल सेना को दो अध्यक्ष दिए हैं. वहीं नौसेना अध्यक्ष पद पर उत्तराखंड के डीके जोशी रह चुके हैं.

कई महत्वपूर्ण केंद्रीय संस्थान उत्तराखंड में स्थित
उत्तराखंड राज्य में भारतीय वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय सैन्य अकादमी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधानशाला, भारतीय सर्वेक्षण विभाग, हाई एल्टीट्यूड प्लांट फिजियोलॉजी रिसर्च सेंटर, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं शिक्षण परिषद, ड्रग्स कम्पोजिट रिसर्च यूनिट, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर, औद्योगिक प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र समेत करीब 56 महत्वपूर्ण केंद्रीय संस्थान हैं.

उत्तराखंड में हैं जड़ी बूटियों का भरमार
उत्तराखंड राज्य को प्रकृति ने न सिर्फ खूबसूरत पहाड़ी वादियों से नवाजा है, बल्कि बेशकीमती जड़ी-बूटियों का तोहफा भी दिया है. इन जड़ी-बूटियों की मदद से बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. हिमालयी क्षेत्रों में जड़ी बूटियों का भरमार है, जिससे कैंसर जैसे बड़ी बीमारियों के इलाज भी संभव है.

कई राज्यों को ऊर्जा प्रदान करता है उत्तराखंड
एशिया के सबसे बड़े डैम में शुमार टिहरी डैम उत्तराखंड राज्य में ही स्थित है. साथ ही करीब 13 अन्य छोटे-बड़े विद्युत परियोजनाएं भी उत्तराखंड से संचालित हो रही है. यही वजह है कि उत्तराखंड राज्य, एक ऊर्जा प्रदेश के रूप मे जाना जाता है और कई राज्यों को ऊर्जा देने का काम करता है.

देहरादून: साल 2000 में उत्तरप्रदेश से अलग होकर एक पहाड़ी राज्य उत्तराखंड बना था. उत्तराखंड राज्य अपनी भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है. बावजूद इसके उत्तराखंड देश-दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब हुआ है. उत्तराखंड राज्य का अब तक देश में क्या रहा योगदान, देखिए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट में...

देश की उन्नति में उत्तराखंड निभा रहा अहम भूमिका.

राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड देश में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है. चाहे धार्मिक स्थलों की बात करें या फिर देश की सुरक्षा की, उत्तराखंड राज्य हर क्षेत्र में देश के काम आ रहा है. यहां के शांत वातावरण का लोग जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. इसके अलावा उत्तराखंड राज्य पर्यावरण, जल, ऊर्जा, सुरक्षा समेत कई चीजों में अपना बड़ा योगदान दे रहा है.

पढ़ें: सीएम त्रिवेंद्र से मिले फिल्म निर्माता विनोद बच्चन, बोले-राज्य में शूटिंग के लिए बेहतरीन लोकेशन

पर्यावरण संतुलित करने में राज्य की अहम भूमिका
उत्तराखंड राज्य उन हिमालयी राज्यों में शुमार है जो देश को ताजी हवा देता है. राज्य में करीब 70 फीसदी वन क्षेत्र है, जो देश ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों के पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में अपनी अहम भूमिका निभा रही है.

देश के करीब 40 फीसदी हिस्से को देता है साफ पानी
उत्तराखंड राज्य में कई बड़ी नदियों का उद्गम स्थल है. जिसमें गंगा, यमुना, मंदाकिनी, अलकनंदा जैसी कई नदियां शामिल हैं, जो न सिर्फ उत्तराखंड राज्य के पानी की जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि देश के करीब 40 फीसदी हिस्से की पानी की आपूर्ति यहां की नदियों से पूरी होती है.

विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा और अन्य बड़े धार्मिक स्थल
चारधाम यात्रा यानि गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ जैसे धार्मिक स्थल उत्तराखंड में ही है. जहां हर साल देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं साथ ही पिरान कलियर और हेमकुंड साहिब भी उत्तराखंड में मौजूद हैं. यही नहीं, देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में हरिद्वार समेत हजारों, धार्मिक स्थल मौजूद है, जिनकी मान्यताएं वैदिक काल से जुड़ी हुई हैं. इसके अलावा वेदव्यास ने उत्तराखंड में ही चारों वेदों की रचना की थी.

सैन्य बाहुल्य प्रदेश है उत्तराखंड
उत्तराखंड राज्य देश का पहला ऐसा राज्य है जहां गढ़वाल और कुमाऊं दो रेजिमेंट है. जिसमें यहां के करीब एक लाख से अधिक सैनिक दोनों रेजिमेंट में कार्यरत है. जो देश की सुरक्षा में अपना अहम योगदान निभा रहा है. इसके साथ ही पहले विश्व युद्ध में उत्तराखंड राज्य के सैनिकों को विक्टोरिया क्रॉस, परमवीर चक्र मिले हैं. इसके अलावा उत्तराखंड ने जनरल बीसी जोशी और जनरल बिपिन रावत के रूप में थल सेना को दो अध्यक्ष दिए हैं. वहीं नौसेना अध्यक्ष पद पर उत्तराखंड के डीके जोशी रह चुके हैं.

कई महत्वपूर्ण केंद्रीय संस्थान उत्तराखंड में स्थित
उत्तराखंड राज्य में भारतीय वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय सैन्य अकादमी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधानशाला, भारतीय सर्वेक्षण विभाग, हाई एल्टीट्यूड प्लांट फिजियोलॉजी रिसर्च सेंटर, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं शिक्षण परिषद, ड्रग्स कम्पोजिट रिसर्च यूनिट, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर, औद्योगिक प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र समेत करीब 56 महत्वपूर्ण केंद्रीय संस्थान हैं.

उत्तराखंड में हैं जड़ी बूटियों का भरमार
उत्तराखंड राज्य को प्रकृति ने न सिर्फ खूबसूरत पहाड़ी वादियों से नवाजा है, बल्कि बेशकीमती जड़ी-बूटियों का तोहफा भी दिया है. इन जड़ी-बूटियों की मदद से बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. हिमालयी क्षेत्रों में जड़ी बूटियों का भरमार है, जिससे कैंसर जैसे बड़ी बीमारियों के इलाज भी संभव है.

कई राज्यों को ऊर्जा प्रदान करता है उत्तराखंड
एशिया के सबसे बड़े डैम में शुमार टिहरी डैम उत्तराखंड राज्य में ही स्थित है. साथ ही करीब 13 अन्य छोटे-बड़े विद्युत परियोजनाएं भी उत्तराखंड से संचालित हो रही है. यही वजह है कि उत्तराखंड राज्य, एक ऊर्जा प्रदेश के रूप मे जाना जाता है और कई राज्यों को ऊर्जा देने का काम करता है.

Intro:नोट - फीड ftp से भेजी जा रही है......
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साल 2000 में उत्तरप्रदेश से अलग होकर एक पहाड़ी राज्य, उत्तराखंड बने 19 साल का समय हो गया है। यू तो उत्तराखंड राज्य अपनी विषम भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है। बावजूद इसके देश-दुनिया मे अपनी अलग पहचान बनाने में कामियाब हुआ है यही नही उत्तराखंड राज्य का देश मे कई मायनों में बड़ा योगदान है। आखिर क्या है उत्तराखंड राज्य का देश में योगदान और देश को क्यों है उत्तराखंड की जरूरत? देखिये ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट........


Body:उत्तराखंड राज्य, उत्तरप्रदेश से अलग होकर एक अलग पहाड़ी राज्य बनने से पहले और राज्य गठन के बाद भी देश मे अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। जिसकी वजह यह है कि प्रकृति ने ना सिर्फ राज्य को पहाड़ी क्षेत्र दिए है बल्कि कई अनमोल तौफो से भी नवाजा है। चाहे धार्मिक स्थलों की बात करे या फिर पर्यटक स्थलों की। यही नही पर्यटक स्थलों के साथ ही राज्य पर्यावरण, जल, ऊर्जा, सुरक्षा समेत तमाम केंद्रीय संस्थानों के माध्यम से अपना बड़ा योगदान दे रहा है। 


पर्यावरण संतुलित करने में राज्य की है अहम भूमिका.....

यू तो उत्तराखंड राज्य उन हिमालयी राज्यो में सुमार है जो देश को ताजी हवा देता है। क्योंकि राज्य में करीब 70 फीसदी वन क्षेत्र है जो देश ही नही बल्कि पड़ोसी देशों के पर्यावरण को स्वच्छ रखने और जैवविविधता को बरकरार रखने में अपनी अहम भूमिका निभा रही है। 


देश के करीब 40 फीसदी हिस्सो को देता है साफ पानी...

उत्तराखंड राज्य में कई बड़ी नदियों का उद्गम स्थल है। जिसमे गंगा, यमुना, मंदाकिनी, अलकनंदा आदि शामिल है। जो ना सिर्फ उत्तराखंड राज्य के पानी की जरूरतों को पूरा करता है बल्कि देश के करीब 40 फ़ीसदी हिस्सा उत्तराखंड के इन्ही नदियों से पानी प्राप्त करती है। 


विश्व प्रशिद्ध चारधाम यात्रा और अन्य बड़े धार्मिक स्थल.....

उत्तराखंड राज्य में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ जैसे महत्वपूर्ण धाम है जहाँ हर साल देश-विदेश से लाखों की संख्या में सैलानी दर्शन करने आते है। इसके साथ ही पिरान कलियर और हेमकुंड साहिब है यही उत्तराखंड में मौजूद है। यही नही देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में हरिद्वार समेत हजारों, धार्मिक स्थल मौजूद है। जिनकी मान्यताएं बैदिक काल से जुड़ी हुई है। इसके साथ ही वेदव्यास ने उत्तराखंड में ही चारों वेदों की रचना की थी।


सेना बाहुल्य प्रदेश है उत्तराखंड.....

उत्तराखंड राज्य, मात्र देश मे पहला ऐसा राज्य है जहाँ गढ़वाल और कुमाऊँ, दो रेजिमेंट है। जिसमे करीब एक लाख से अधिक व्यक्ति इन दोनों रेजिमेंट में कार्यरत है। जो देश की सुरक्षा में अपना अहम योगदान निभा रहा है। इसके साथ ही देश के सुरक्षा के मामले में उत्तराखंड राज्य का अहम योगदान रहा है पहले विश्व युद्ध में उत्तराखंड राज्य के  सैनिकों को विक्टोरिया क्रॉस, परमवीर चक्र मिले है। इसके साथ ही उत्तराखंड ने थल सेना को दो अध्यक्ष, जनरल बीसी जोशी और जनरल बिपिन रावत दिए है। और नौसेना अध्यक्ष पद पर उत्तराखंड के डीके जोशी भी रहे है।


कई बड़े महत्वपूर्ण केंद्रीय संस्थान उत्तराखंड में है स्तिथ......

उत्तराखंड राज्य मे भारतीय वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय सैन्य अकादमी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधानशाला, भारतीय सर्वेक्षण विभाग, हाई एल्टीट्यूड प्लांट फिजियोलॉजी रिसर्च सेंटर, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं शिक्षण परिषद, ड्रग्स कम्पोजिट रिसर्च यूनिट, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर, औद्योगिक प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र समेत करीब 56 महत्वपूर्ण केंद्रीय संस्थान स्तिथ है। 


उत्तराखंड में है जड़ी बुटियों का भरमार.......

उत्तराखंड राज्य को प्रकृति में न सिर्फ खूबसूरत पहाड़ी वादियों से नवाजा है बल्कि बेशकीमती जड़ी-बूटियों का तौफा भी दिया। जिससे बड़े से बड़े बीमारियों का इलाज किया जा सकता हैं। हालांकि हिमालयी क्षेत्रो में तमाम तरह के जड़ी बूटियों का भरमार है, जिससे कैंसर जैसे बड़ी बीमारियों के इलाज संभव है। 


कई राज्यो को ऊर्जा प्रदान करता है उत्तराखंड.....

एशिया के सबसे बड़े डैम में शुमार टिहरी डैम उत्तराखंड राज्य में ही स्थित है। यही नही इसके साथ ही करीब 13 अन्य छोटे-बड़े विधुत परियोजनाएं भी उत्तराखंड में संचालित हो रही है। यही वजह है कि उत्तराखंड राज्य, एक उर्जा प्रदेश के रूप मे जाना जाता है और कई राज्यो को ऊर्जा प्रदान करता है। 


बाइट - जय सिंह रावत, वरिष्ठ पत्रकार
बाइट - नेहा शर्मा, प्रोफेसर & समाजसेविका
बाइट - प्रदीप कुकरेती, राज्य आंदोलनकारी


Conclusion:
Last Updated : Nov 4, 2019, 12:04 PM IST
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