देहरादून: साल 2013 की त्रासदी से सीख लेते हुए उत्तराखंड सरकार प्रदेश के हिमालयी क्षेत्रों की सैटेलाइट के जरिए मॉनिटरिंग करेगी. उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के माध्यम से प्रदेश के हिम शिखरों पर नजर रखी जाएगी. वहीं, आपदा के खतरे को देखते हुए नदियों के दूर वैकल्पिक मार्ग बनाने का भी काम शुरू किया जाएगा.
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि दोबारा कोई चोराबाड़ी जैसी झील न बने इसके लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की मदद ली जाएगी. वहीं, वाडिया और यूसेक संस्थान सभी छोटे-बड़े जलाशयों पर नजर रखेंगे. ताकि भविष्य में 2013 जैसी कोई परिस्थिति न बने और अगर बने तो वैज्ञानिक पहले से इसके लिए तैयार रहें.
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वहीं, सतपाल महाराज ने कहा कि साल 2013 में नदियों के किनारे सभी मार्गों के टूटने से बचाव और रेस्क्यू कार्य चुनौती भरा हो गया था. जिसके चलते नदियों से हटकर पहाड़ी के ऊपर से सुरक्षित मार्ग बनाए जाने की भी योजना सरकार बना रही है.
सतपाल महाराज ने कहा कि जल संवर्धन के लिए भी सैटेलाइट मॉनिटरिंग के जरिए प्रदेश के अलग-अलग इलाकों की निगरानी की जाएगी.