देहरादून: प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं विधानसभा चुनाव में पार्टी अनुशासन के खिलाफ कार्य करने वाले लोगों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है.
ये नेता हुए सस्पेंड: उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव संगठन मथुरा दत्त जोशी ने बताया कि रामनगर से पूर्व ब्लाक प्रमुख संजय नेगी, कालाढूंगी से संध्या डालाकोटी, रुद्रप्रयाग से पूर्व विधायक मातबर सिंह कण्डारी एवं यमुनोत्री से प्रदेश कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संजय डोभाल को पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं अनुशासनहीनता के चलते तत्काल प्रभाव से पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है.
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मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक अनुशासित संगठन है. इसमें यदि अनुशासनहीनता होती है तो उसे कतई बर्दास्त नहीं किया जायेगा. जो भी पार्टी अनुशासन की लाइन पार करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. कांग्रेस पार्टी ने सभी जिला एवं शहर अध्यक्षों को भी निर्देश दिये हैं कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जाये.
संध्या डालाकोटी इसलिए हुईं बागी: संध्या डालाकोटी को कांग्रेस ने पहले लालकुआं सीट से टिकट दिया था. फिर हरीश रावत का रामनगर सीट से टिकट बदलकर उन्हें लालकुआं से प्रत्याशी बना दिया. इस तरह संध्या डालाकोटी का टिकट कट गया. इससे संध्या नाराज हो गईं. उन्होंने बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करा दिया.
संजय नेगी ने इसलिए की बगावत: रामनगर सीट पर रणजीत रावत और संजय नेगी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. अचानक रामनगर सीट पर हरीश रावत की एंट्री हुई. हरीश रावत को कांग्रेस ने टिकट दे दिया. विरोध देख हरीश रावत की सीट बदलकर उन्हें लालकुआं से टिकट दे दिया गया. रणजीत रावत को तो सल्ट सीट से टिकट मिल गया लेकिन संजय नेगी लटके रह गए. संजय नेगी ने अपनी नाराजगी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराकर दर्ज कराई.
मातवर सिंह कण्डारी भी हुए बागी: मातबर सिंह कंडारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. कंडारी रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से टिकट चाहते थे. कांग्रेस ने इस सीट से प्रदीप थपलियाल को टिकट दे दिया. इससे नाराज मातबर सिंह कंडारी ने निर्दलीय नामांकन करा दिया.
कांग्रेस ने इन नेताओं के नामांकन को अनुशासनहीनता मानते हुए कड़ा एक्शन ले लिया. तीनों नेताओं को पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया है. लेकिन ये तय है कि इन तीनों नेताओं के निर्दलीय चुनाव लड़ने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान होना तय है. क्योंकि ये तीनों कांग्रेस उम्मीदवार के ही वोट काटेंगे.