देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में महीने से भी कम समय बचा है. उत्तराखंड में 14 फरवरी को वोटिंग है. इधर कांग्रेस में हरक सिंह रावत के खिलाफ विरोध का स्वर तेज होता जा रहा है. हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की अभी चर्चाएं ही हैं लेकिन चर्चाओं के बीच ही उनकी कांग्रेस में वापसी का भारी विरोध हो रहा है. कांग्रेस कार्यकर्ता हरक सिंह रावत को कांग्रेस में वापस नहीं लेने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय देहरादून में आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन हरक सिंह रावत के खिलाफ था.
मुश्किल दौर से गुजर रहे हरक: पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत इस समय मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. भाजपा ने उन पर कड़ी कार्रवाई करते हुए पहले कैबिनेट मंत्री के पद से बर्खास्त किया. फिर संगठन ने अगले 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. ऐसे में हरक सिंह रावत अब कांग्रेस में शामिल होने की जुगत में जुटे हुए हैं. दरअसल लंबे समय से चर्चा चल रही थी कि कभी भी हरक सिंह रावत कांग्रेस में घर वापसी कर सकते हैं. इससे से पहले कि हरक अपना दांव चलते भाजपा संगठन ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए हरक सिंह रावत को पैदल कर दिया.
कांग्रेस से नहीं मिली हरी झंडी: हरक सिंह रावत को भाजपा संगठन से बर्खास्त हुए आज चौथा दिन है. अभी तक उन्हें कांग्रेस से ज्वाइनिंग लेटर प्राप्त नहीं हुआ है. फिलहाल चर्चा यही है कि वो कभी भी कांग्रेस में घर वापसी कर सकते हैं. कांग्रेस में घर वापसी करने से पहले ही उत्तराखंड कांग्रेस में हरक सिंह का विरोध शुरू हो गया है. एक ओर केदारनाथ विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक मनोज रावत ने हरक सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. वहीं, कांग्रेस भवन देहरादून में भी तमाम कांग्रेसी नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थन में नारे लगाते हुए हरक सिंह रावत का विरोध जताया है. इन लोगों का कहना है कि दल-बदलुओं को कांग्रेस में स्थान नहीं मिलना चाहिए.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कड़ा विरोध: कांग्रेस भवन में नारेबाजी करते हुए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कहा कि उन्हें दल-बदलू नेताओं की जरूरत नहीं है. क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर हरक सिंह रावत कांग्रेस में घर वापसी करते हैं तो ऐसे में न सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बल्कि नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को भी नुकसान पहुंचाने का काम करेंगे. कार्यकर्ताओं ने कहा कि हरक सिंह रावत इन दोनों बड़े नेताओं को हरवाकर खुद मुख्यमंत्री की दावेदारी ठोकेंगे. ऐसे में जिस नेता ने लोकतंत्र की हत्या की है उस नेता को कांग्रेस में शामिल होने नहीं दिया जाएगा.
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गौरतलब है कि कुछ महीने पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य ने भी कांग्रेस में घर वापसी की थी. तब भी इन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कहा था कि उन्हें दल बदलू नेताओं की जरूरत नहीं है. लिहाजा वह कांग्रेस आलाकमान से मांग करते हैं कि इन दल बदलू नेताओं को पार्टी में शामिल न किया जाए. क्योंकि, इससे पार्टी को नुकसान पहुंचेगा. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह सभी दल-बदलू नेता सिर्फ और सिर्फ पद के लालच में ही कांग्रेस में घर वापसी कर रहे हैं.