देहरादून: उत्तराखंड आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने रविवार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में गड़बड़ी होने की बात कही. साथ ही कहा कि वोटर लिस्ट में ऐसे लोगों के नाम भी आए हैं जो सालों पहले ही गांव छोड़ कर चले गए हैं. इसी के विरोध में रविंद्र जुगरान ने चुनाव आयोग से संशोधन की मांग कर राज्य में लोकसभा, विधानसभा, निकाय और पंचायत चुनाव की एक ही मतदाता सूची होने की बात कही.
आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने कहा कि उच्च न्यायालय ने 12 सितंबर 2019 को राज्य निर्वाचन आयोग को कई बिंदुओं पर दिशा निर्देश दिए थे. जिसमें लोकसभा, विधानसभा, पंचायत चुनाव व निकाय की एक ही मतदाता सूची होने और मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक किया जाने के निर्देश दिए थे. साथ ही जिसके पास मतदाता पहचान पत्र हो उसका अनिवार्य रूप से मतदान का अधिकार सुनिश्चित किया जाए. लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार ने इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की.
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रविंद्र जुगरान ने आरोप लगाते हुए कहा कि न ही स्थाई निवास का सत्यापन हुआ और न ही उत्तराखंड में रहने का सत्यापन हुआ, घर में ही बैठकर मतदाता सूची तैयार करने का काम किया जा रहा है. इस मामले को लेकर निर्वाचन आयोग को दो बार पत्र लिख चुके हैं कि दूसरे राज्यों की तरह इस राज्य में भी एक मतदाता सूची तैयार की जाए. रविंद्र ने कहा कि अगर गांवों में अगर 80 प्रतिशत तक मतदान हो रहे है, तो फिर पलायन कहां हो रहा है.