देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिसको देखते हुए सरकारी कर्मचारियों की परेशानी बढ़ने लगी है. सचिवालय संघ के कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार द्वारा इस कोरोना काल में उनकी कोई मदद नहीं की जा रही है. वहीं सरकार की ओर से भी अपना पक्ष रखा जा रहा है.
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार द्वारा कर्मचारियों के चिकित्सा आपूर्ति के संबंध में बेहद संवेदनशील रवैया अपनाया जा रहा है. सचिवालय संघ कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि सरकार द्वारा गोल्डन कार्ड के नाम पर केवल बेवकूफ बनाया जा रहा है. जिसको लेकर कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है. उन्होंने बताया कि गोल्डन कार्ड के नाम पर कर्मचारियों के पैसे काटे जा रहे हैं. साथ ही गोल्डन कार्ड को लेकर कई अस्पतालों द्वारा इलाज मुहैया नहीं करवाया जा रहा है. जिसकी शिकायत लगातार शासन से की जा रही है.
![Golden card scheme](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11727930_sd.jpeg)
उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारी अपने गोल्डन कार्ड इकट्ठा करके सरकार को सौंपेंगे. उन्होंने अपने कई कर्मचारी साथियों को इस कोरोना काल में खो दिया है और कई अभी भी जूझ रहे हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि कर्मचारियों की सुध ली जाए.
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वहीं, सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिकारी अरुणेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों को लेकर सरकार पूरी तरह से संवेदनशील है. हर एक कर्मचारी को प्रदेश के सभी अस्पतालों में कैशलेस इलाज दिया जा रहा है. साथ ही आयुष्मान कार्ड के तहत भी अब तक 1,100 मरीजों को इलाज दिया जा चुका है. जिसमें से 250 अभी भी अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं. इस संख्या में तकरीबन 20 फीसदी सरकारी कर्मचारी हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना के शुरूआती दौर से ही सरकार द्वारा कर्मचारियों को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कोरोना से मौत पर ₹1 करोड़ का मुआवजा भी निर्धारित किया गया था, जिसका भुगतान भी किया गया.