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रेखा आर्य के सचिव वी षणमुगम मामले की जांच पूरी, सीएस को सौंपी गई रिपोर्ट - देहरादून लेटेस्ट न्यूज

बाल विकास मंत्री रेखा आर्य और इसी विभाग के सचिव रहे 20 लोगों के बीच हुए विवाद को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसीएस मनीषा पवार द्वारा जांच की गई, जिसे मुख्य सचिव को सौंप दिया गया है.

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Published : Oct 28, 2020, 7:41 AM IST

देहरादून: महिला एवं बाल विकास विभाग में सचिव वी षणमुगम को लेकर चल रही जांच रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने मुख्य सचिव ओम प्रकाश को सौंप दी है. यह जांच रिपोर्ट मंगलवार शाम को मुख्य सचिव को सौंपी गई है.

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि उनको मिली रिपोर्ट काफी बड़ी है. इसलिए उन्हें रिपोर्ट पढ़ने में थोड़ा वक्त लगेगा, जिसके बाद रिपोर्ट को सीएम के समक्ष पेश किया जाएगा.

बता दें, मंत्री रेखा आर्य ने पुलिस में एक पत्र लिखकर अपने निदेशक के लापता होने की शिकायत की थी. छानबीन के बाद पता चला कि अधिकारी छुट्टी पर हैं. इस मामले में मुख्यमंत्री ने जांच बैठाई तो सचिव महिला एवं बाल विकास ने छुट्टी गए अधिकारी के पक्ष में अपने बयान दिए. कुछ ही दिनों में सचिव एवं बाल विकास सौजन्या को इस पद से हटा दिया गया और मनीषा पंवार को जिम्मेदारी दे दी गई.

पढ़ें- नौकरशाहों की जिद से परेशान मंत्री रेखा आर्य, महिला एवं बाल विकास का काम पड़ा ठप

दरअसल, उत्तराखंड में अधिकारियों की मनमानी किसी से छुपी नहीं है. हालांकि जब मंत्रियों के साथ अधिकारियों के विवाद हुए हैं तब-तब अधिकारी भी मंत्रियों को नीचा दिखाने से बाज नहीं आते हैं. यही लंबे समय से उत्तराखंड के महिला एवं बाल विकास विभाग में देखने को मिल रहा है. इसी को लेकर विभाग अपने विवादों के चलते लगातार चर्चाओं में है.

देहरादून: महिला एवं बाल विकास विभाग में सचिव वी षणमुगम को लेकर चल रही जांच रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने मुख्य सचिव ओम प्रकाश को सौंप दी है. यह जांच रिपोर्ट मंगलवार शाम को मुख्य सचिव को सौंपी गई है.

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि उनको मिली रिपोर्ट काफी बड़ी है. इसलिए उन्हें रिपोर्ट पढ़ने में थोड़ा वक्त लगेगा, जिसके बाद रिपोर्ट को सीएम के समक्ष पेश किया जाएगा.

बता दें, मंत्री रेखा आर्य ने पुलिस में एक पत्र लिखकर अपने निदेशक के लापता होने की शिकायत की थी. छानबीन के बाद पता चला कि अधिकारी छुट्टी पर हैं. इस मामले में मुख्यमंत्री ने जांच बैठाई तो सचिव महिला एवं बाल विकास ने छुट्टी गए अधिकारी के पक्ष में अपने बयान दिए. कुछ ही दिनों में सचिव एवं बाल विकास सौजन्या को इस पद से हटा दिया गया और मनीषा पंवार को जिम्मेदारी दे दी गई.

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दरअसल, उत्तराखंड में अधिकारियों की मनमानी किसी से छुपी नहीं है. हालांकि जब मंत्रियों के साथ अधिकारियों के विवाद हुए हैं तब-तब अधिकारी भी मंत्रियों को नीचा दिखाने से बाज नहीं आते हैं. यही लंबे समय से उत्तराखंड के महिला एवं बाल विकास विभाग में देखने को मिल रहा है. इसी को लेकर विभाग अपने विवादों के चलते लगातार चर्चाओं में है.

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