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World Food Day: देश में हर दिन 244 करोड़ का खाना होता है बर्बाद, देखें ईटीवी भारत का रियलिटी चेक

विश्व खाद्य दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने देहरादून में एक रियलिटी चेक किया. इस दौरान 'सेवा बैंक' शुरू करने वाले समाजसेवी संदीप गुप्ता से भी खास बातचीत की.

विश्व खाद्य दिवस.
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Published : Oct 16, 2019, 8:32 PM IST

देहरादून: विश्व भर में 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 16 अक्टूबर 1980 में इस दिन की शुरुआत की थी. इसका मकसद पूरी दुनिया में भूखमरी के प्रति लोगों को जागरुक कर इसे खत्म करना था. वहीं, विश्व खाद्य दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने प्रदेश की राजधानी देहरादून में रियलिटी चेक किया. इस दौरान अन्न की बर्बादी रोकने के मकसद से 'सेवा बैंक' शुरू करने वाले समाजसेवी संदीप गुप्ता से खास बातचीत की.

विश्व खाद्य दिवस.

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में आज भी हर दिन 244 करोड़ रुपए का खाना बर्बाद होता है. इतने पैसे में 20 करोड़ से अधिक भूखे लोगों का पेट भरा जा सकता है. वहीं, नोबल हंगर इंडेक्स में भारत दुनिया के 119 देशों में से 103 स्थान पर है. ऐसे में अब खुद ही देश की गरीबी और भूखमरी का अंदाजा लगा सकते हैं.

पढ़ें: कुलपति ने चुनाव आयुक्त को भेजा पत्र, कहा- प्राध्यापकों और कर्मचारियों को रखा जाए चुनाव ड्यूटी से बाहर

अन्न की बर्बादी को रोकने के लिए राजधानी देहरादून के रहने वाले समाजसेवी संदीप गुप्ता ने एक खास सामाजिक संगठन 'सेवा बैंक' की साल 2016 में शुरुआत की. जिसका मकसद अन्न की बर्बादी को रोकना है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए संदीप गुप्ता ने बताया की सेवा बैंक के माध्यम से वे और उनके अन्य साथी आम जनता को खाने की बर्बादी के प्रति जागरुक करने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि अक्सर शादियों में सबसे ज्यादा खाने की बर्बादी देखने को मिलती है. ऐसे में संगठन से जुड़े लोग शादी समारोह में जा कर लोगों को 'भोजन उतना ही लो थाली में, व्यर्थ न हो नाली में' का संदेश देते हैं.

देहरादून: विश्व भर में 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 16 अक्टूबर 1980 में इस दिन की शुरुआत की थी. इसका मकसद पूरी दुनिया में भूखमरी के प्रति लोगों को जागरुक कर इसे खत्म करना था. वहीं, विश्व खाद्य दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने प्रदेश की राजधानी देहरादून में रियलिटी चेक किया. इस दौरान अन्न की बर्बादी रोकने के मकसद से 'सेवा बैंक' शुरू करने वाले समाजसेवी संदीप गुप्ता से खास बातचीत की.

विश्व खाद्य दिवस.

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में आज भी हर दिन 244 करोड़ रुपए का खाना बर्बाद होता है. इतने पैसे में 20 करोड़ से अधिक भूखे लोगों का पेट भरा जा सकता है. वहीं, नोबल हंगर इंडेक्स में भारत दुनिया के 119 देशों में से 103 स्थान पर है. ऐसे में अब खुद ही देश की गरीबी और भूखमरी का अंदाजा लगा सकते हैं.

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अन्न की बर्बादी को रोकने के लिए राजधानी देहरादून के रहने वाले समाजसेवी संदीप गुप्ता ने एक खास सामाजिक संगठन 'सेवा बैंक' की साल 2016 में शुरुआत की. जिसका मकसद अन्न की बर्बादी को रोकना है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए संदीप गुप्ता ने बताया की सेवा बैंक के माध्यम से वे और उनके अन्य साथी आम जनता को खाने की बर्बादी के प्रति जागरुक करने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि अक्सर शादियों में सबसे ज्यादा खाने की बर्बादी देखने को मिलती है. ऐसे में संगठन से जुड़े लोग शादी समारोह में जा कर लोगों को 'भोजन उतना ही लो थाली में, व्यर्थ न हो नाली में' का संदेश देते हैं.

Intro:देहरादून- 16 ओक्टोबर को विषय भर में खाद्य दिवस मनाया जाता है । दरअसल संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से 16 अक्टूबर 1980 में इस दिन की शुरुआत की गई थी। इसका मकसद विश्व भर में व्याप्त भूखमरी के प्रति लोगों को जागरूक कर इसे जड़ से खत्म करना था ।

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट पर अगर गौर करें तो भारत में आज भी हर दिन 244 करोड़ रुपए का खाना बर्बाद होता है। इतने पैसे में 20 करोड़ से अधिक भूखे लोगों का पेट भरा जा सकता है । वहीं बात नोबल हंगर इंडेक्स की करें तो इसमें भी भारत दुनिया के 119 देशों में से 103 वे स्थान पर हैं । ऐसे में अब खुद ही आप देश में गरीबी और भूखमरी का बखूबी अंदाजा लगा सकते हैं।







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विश्व खाद्य दिवस के मौके पर आज प्रदेश की राजधानी देहरादून में ईटीवी भारत की ओर से एक रियलिटी चेक किया गया । जिसमें हमारी नज़र राजधानी की मुख्य सड़कों के किनारे रह रहे कुछ ऐसे गरीब परिवारों पर पड़ी । जिन्हें दिन भर में एक वक्त की रोटी भी बमुश्किल ही नसीब हो पाती है । यहां हम उन लोगों की बात कर रहे हैं जिनके बच्चों को अक्सर आपने सड़क पर भीख मांगते देखा होगा।

यहां सोचने का विषय यह है कि एक तरफ हम अक्सर शादी पार्टियों , अपने घरों में बचे अन्न को कूड़े या नालियों में फेंक देते हैं ।वहीं दूसरी तरफ हमारे आस-पास ही एक तबका ऐसा भी है जिन्हें पूरे दिन भीख मांग कर अपने लिए एक वक्त की रोटी का इंतज़ाम करना पड़ता है।

गौरतलब है कि इसी अन्न की बर्बादी को रोकने के लिए राजधानी देहरादून के रहने वाले समाजसेवी संदीप गुप्ता की ओर से एक खास सामाजिक संगठन 'सेवा बैंक ' की साल 2016 में शुरुआत की गई है । जिसका मकसद अन्न की बर्बादी को रोकना है ।

ईटीवी भारत से बात करते हुए सेवादार संदीप गुप्ता ने बताया की सेवा बैंक के माध्यम से वह और उनके अन्य साथी आम जनता को खाने की बर्बादी के प्रति जागरूक करने का काम करते है । विशेषकर अक्सर शादियों में सबसे अधिक खाने की बर्बादी देखने को मिलती है । ऐसे में संगठन से जुड़े लोग शादी समारोह में जा कर लोगो को 'भोजन उतना ही लो थाली में, व्यर्थ न हो नाली में ' का संदेश देते हैं । जिससे कि थालियों में बचा भोजन डस्टबिन में न जाए ।


Conclusion:जज
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