देहरादून: विश्व भर में 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 16 अक्टूबर 1980 में इस दिन की शुरुआत की थी. इसका मकसद पूरी दुनिया में भूखमरी के प्रति लोगों को जागरुक कर इसे खत्म करना था. वहीं, विश्व खाद्य दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने प्रदेश की राजधानी देहरादून में रियलिटी चेक किया. इस दौरान अन्न की बर्बादी रोकने के मकसद से 'सेवा बैंक' शुरू करने वाले समाजसेवी संदीप गुप्ता से खास बातचीत की.
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में आज भी हर दिन 244 करोड़ रुपए का खाना बर्बाद होता है. इतने पैसे में 20 करोड़ से अधिक भूखे लोगों का पेट भरा जा सकता है. वहीं, नोबल हंगर इंडेक्स में भारत दुनिया के 119 देशों में से 103 स्थान पर है. ऐसे में अब खुद ही देश की गरीबी और भूखमरी का अंदाजा लगा सकते हैं.
अन्न की बर्बादी को रोकने के लिए राजधानी देहरादून के रहने वाले समाजसेवी संदीप गुप्ता ने एक खास सामाजिक संगठन 'सेवा बैंक' की साल 2016 में शुरुआत की. जिसका मकसद अन्न की बर्बादी को रोकना है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए संदीप गुप्ता ने बताया की सेवा बैंक के माध्यम से वे और उनके अन्य साथी आम जनता को खाने की बर्बादी के प्रति जागरुक करने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि अक्सर शादियों में सबसे ज्यादा खाने की बर्बादी देखने को मिलती है. ऐसे में संगठन से जुड़े लोग शादी समारोह में जा कर लोगों को 'भोजन उतना ही लो थाली में, व्यर्थ न हो नाली में' का संदेश देते हैं.