देहरादून: राजधानी में इन दिनों पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन चल रहा है. सम्मेलन में पहुंचे राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने विधानसभा और लोकसभा की कार्यवाही को लोकत्रंत्र में महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि साल 1952 के बाद से लोकसभा और विधानसभा सदन में हुई कार्यवाही से लोकतंत्र और मजबूत हुआ है. उन्होंने कहा कि जब लोकतंत्र मजबूत और इंवॉल्व होता है तो इससे अलग-अलग अनुभव सामने आते हैं.
पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में पहुंचे जोशी ने बताया कि पहले एक पार्टी की डोमिनेंस थी फिर कॉलिजेंन सरकारें आई. उसके बाद जब दल-बदल हुआ तो टेन शेड्यूल आ गया. इसके बाद टेन शेड्यूल के इंटरप्रिटेशन में कोर्ट ने इंटरवेंशन किया. जिसमें अलग-अलग कोर्ट के जजमेंट हैं. ऐसे में स्पीकर की एक अहम भूमिका होती है कि किस तरह से निर्णय दे कि लोगों का लोकतंत्र पर भरोसा बना रहे.
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जोशी ने बताया कि आजादी के समय सदन के भीतर सदस्यों की संख्या कम होती थी, बावजूद इसके अच्छी डिबेट होती थी. अब सदस्यों की संख्या सदन में बढ़ गई है जिससे डिबेट की गुणवत्ता में कमी आई है. उन्होंने कहा कि आजादी के समय और अब की लोकसभा और विधानसभा की कार्यवाही में थोड़ा अंतर आया है. उन्होंने कहा कि ये बदलाव देश में मजबूत लोकतंत्र की ओर इशारा करता है. जोशी ने कहा जब भी कोई चैलेंज सामने होता है तो अच्छी चीजें निकलकर सामने आती हैं जो कि भविष्य के लिए मार्गदर्शन का काम करती हैं.