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अल्मोड़ा में प्रस्तावित कैबिनेट बैठक को लेकर तेज हुई सियासत, कांग्रेस ने करार दिया पिकनिक

त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक 23 अक्टूबर को अल्मोड़ा में होने जा रही है. इस कैबिनेट मीटिंग से खासी उम्मीद की जा रही है कि सरकार पहाड़ में बैठक कर पहाड़ पर चर्चा करेगी. वहीं अल्मोड़ा में होने वाली त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक पर कांग्रेस ने कई सवाल खड़े किये हैं.

अल्मोड़ा में प्रस्तावित कैबिनेट बैठक को लेकर तेज हुई सियासत.
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Published : Oct 17, 2019, 9:40 PM IST

Updated : Oct 17, 2019, 10:52 PM IST

देहरादून: प्रदेश में आचार संहिता खत्म होने के बाद अल्मोड़ा में त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक होनी है. जिसे लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. कैबिनेट के आयोजन को लेकर पक्ष-विपक्ष एक दूसरे के आमने सामने आ गये हैं. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी नेता जहां इस बैठक को जायज बता रहे हैं वहीं कांग्रेसी नेता इस कैबिनेट बैठक को पिकनिक बता रहे हैं.

अल्मोड़ा में प्रस्तावित कैबिनेट बैठक को लेकर तेज हुई सियासत.

त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक 23 अक्टूबर को अल्मोड़ा में होने जा रही है. इस कैबिनेट मीटिंग से खासी उम्मीद की जा रही है कि सरकार पहाड़ में बैठक कर पहाड़ पर चर्चा करेगी. पहाड़ में होने वाली इस कैबिनेट बैठक में सरकार मुख्य रूप से पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए निर्णय लेगी. ताकि पहाड़ी क्षेत्रों की जनता के विकास के सपने को साकार किया जा सके. हालांकि अल्मोड़ा में होने वाली त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक पर कांग्रेस ने कई सवाल खड़े किये हैं. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अल्मोड़ा में होने जा रही कैबिनेट को पिकनिक तक करार दे दिया है.

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वहीं सियासी पंडितों का भी मानना है कि कैबिनेट बैठक को दूसरे जिलों में आयोजित कर जो फैसले लिए जाते हैं वो देहरादून में बैठकर भी लिये जा सकते हैं. उनका कहना है कि बिना किसी दिखावे के कम लागत में पहाड़ी जिलों में कैबिनेट बैठक आयोजित करवाई जाए. जो कि एक बेहतर आर्थिक प्रबन्धन के साथ जनहित में एक मील का पत्थर साबित हो सकेगा.

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वहीं बीजेपी नेताओं की राय इससे उलट है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि अल्मोड़ा में होने वाली कैबिनट बैठक को पहाड़ के हित में है. कैबिनेट आहूत होने के सम्बंध में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने आदेश जारी कर दिए हैं. गौरतलब है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के शासन काल मे तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने गैरसैंण और हरीश रावत ने तीर्थ नगरी हरिद्वार में कैबिनेट बैठक आयोजित की थी.

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मौजूदा सीएम त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व में भी टिहरी झील में मरीना बोट पर कैबिनेट बैठक हुई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री के गृह जनपद पौड़ी गढ़वाल में भी एक कैबिनेट की बैठक की गई. जिसके बाद अब फिर से अल्मोड़ा में कैबिनेट बैठक आयोजित की जा रही है.

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विपक्षी पार्टी त्रिवेंद्र कैबिनेट के अल्मोड़ा में आहूत होने पर कई सवाल खड़े कर रही है. वहीं सत्ताधारी पार्टी के नेता सरकार की पैरोकारी कर रहे हैं लेकिन इन सबके बीच ये देखना दिलचस्प होगा कि अल्मोड़ा में आयोजित होने वाली इस कैबिनेट के बाद ही पहाड़ी क्षेत्रों के विकास को कितना आगे बढ़ाया जाता है. यहां बैठकर आखिर त्रिवेंद्र सरकार ऐसे कौन स फैसले लेती है जो पहाड़ में रुके हुए विकास को रफ्तार देती है.

देहरादून: प्रदेश में आचार संहिता खत्म होने के बाद अल्मोड़ा में त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक होनी है. जिसे लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. कैबिनेट के आयोजन को लेकर पक्ष-विपक्ष एक दूसरे के आमने सामने आ गये हैं. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी नेता जहां इस बैठक को जायज बता रहे हैं वहीं कांग्रेसी नेता इस कैबिनेट बैठक को पिकनिक बता रहे हैं.

अल्मोड़ा में प्रस्तावित कैबिनेट बैठक को लेकर तेज हुई सियासत.

त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक 23 अक्टूबर को अल्मोड़ा में होने जा रही है. इस कैबिनेट मीटिंग से खासी उम्मीद की जा रही है कि सरकार पहाड़ में बैठक कर पहाड़ पर चर्चा करेगी. पहाड़ में होने वाली इस कैबिनेट बैठक में सरकार मुख्य रूप से पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए निर्णय लेगी. ताकि पहाड़ी क्षेत्रों की जनता के विकास के सपने को साकार किया जा सके. हालांकि अल्मोड़ा में होने वाली त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक पर कांग्रेस ने कई सवाल खड़े किये हैं. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अल्मोड़ा में होने जा रही कैबिनेट को पिकनिक तक करार दे दिया है.

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वहीं सियासी पंडितों का भी मानना है कि कैबिनेट बैठक को दूसरे जिलों में आयोजित कर जो फैसले लिए जाते हैं वो देहरादून में बैठकर भी लिये जा सकते हैं. उनका कहना है कि बिना किसी दिखावे के कम लागत में पहाड़ी जिलों में कैबिनेट बैठक आयोजित करवाई जाए. जो कि एक बेहतर आर्थिक प्रबन्धन के साथ जनहित में एक मील का पत्थर साबित हो सकेगा.

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वहीं बीजेपी नेताओं की राय इससे उलट है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि अल्मोड़ा में होने वाली कैबिनट बैठक को पहाड़ के हित में है. कैबिनेट आहूत होने के सम्बंध में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने आदेश जारी कर दिए हैं. गौरतलब है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के शासन काल मे तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने गैरसैंण और हरीश रावत ने तीर्थ नगरी हरिद्वार में कैबिनेट बैठक आयोजित की थी.

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मौजूदा सीएम त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व में भी टिहरी झील में मरीना बोट पर कैबिनेट बैठक हुई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री के गृह जनपद पौड़ी गढ़वाल में भी एक कैबिनेट की बैठक की गई. जिसके बाद अब फिर से अल्मोड़ा में कैबिनेट बैठक आयोजित की जा रही है.

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विपक्षी पार्टी त्रिवेंद्र कैबिनेट के अल्मोड़ा में आहूत होने पर कई सवाल खड़े कर रही है. वहीं सत्ताधारी पार्टी के नेता सरकार की पैरोकारी कर रहे हैं लेकिन इन सबके बीच ये देखना दिलचस्प होगा कि अल्मोड़ा में आयोजित होने वाली इस कैबिनेट के बाद ही पहाड़ी क्षेत्रों के विकास को कितना आगे बढ़ाया जाता है. यहां बैठकर आखिर त्रिवेंद्र सरकार ऐसे कौन स फैसले लेती है जो पहाड़ में रुके हुए विकास को रफ्तार देती है.

Intro:नोट - फीड ftp से भेजी गई है....
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पहाड़ी जनपद में आहूत होने वाली त्रिवेंद्र कैबिनेट बैठक पर बैठक से पहले ही सियासत तेज हो गई है। यानी कैबिनेट के आयोजन को लेकर पक्ष- विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया हैं। दरअसल अल्मोड़ा में 23 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट बैठक पर विपक्षी पार्टी नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं। हालांकि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी नेता इस मीटिंग को जायज बता रहे हैं। आखिर क्या हैं ये पूरा मामला, देखिये ईटीवी भारत की रिपोर्ट.....





Body:त्रिवेंद्र कैबिनेट 23 अक्टूबर को अल्मोड़ा में आहूत होने जा रही हैं। इस कैबिनेट मीटिंग से खासी उम्मीद की जा रही है कि सरकार पहाड़ में बैठक कर पहाड़ पर चर्चा करेंगी और मुख्य रूप से पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए निर्णय लेगी। ताकि पहाड़ी क्षेत्रों की जनता के विकास के सपने को साकार किया जा सके। हालांकि त्रिवेंद्र कैबिनेट की अल्मोड़ा में होने जा रही कैबिनेट पर कांग्रेस ने कई सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने तो अल्मोड़ा में होने जा रही कैबिनेट को पिकनिक तक करार दे दिया हैं। जबकि सियासी पंडित भी मानते हैं कि कैबिनेट में जो फैसले दूसरे जिलो में बैठक आयोजित कर लिए जाते हैं वो देहरादून में भी लिए जा सकते हैं क्योंकि ये न सिर्फ एक बेहतर आर्थिक प्रबन्धन होगा बल्कि जनहित में एक मील का पत्थर साबित हो सकेगा।


बाइट - सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश उपाध्यक्ष ,कांग्रेस
बाइट - भगीरथ शर्मा, राजनैतिक विश्लेषक

उत्तराखंड सरकार की अगली कैबिनट बैठक अल्मोड़ा में आहूत होने जा रही है। बीजेपी ने अल्मोड़ा में होने वाली कैबिनट बैठक को पहाड़ के हित में बताया है। कैबिनेट आहूत होने के सम्बंध में अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री ओम प्रकाश ने आदेश जारी कर दिए है। गौरतलब है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के शासन काल मे तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने गैरसैण और हरीश रावत ने तीर्थ नगरी हरिद्वार में कैबिनेट बैठक आयोजित की थी।


जबकि मौजूदा सीएम त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व में टिहरी झील में मरीना वोट पर कैबिनेट बैठक हुई थी हालांकि करोड़ो की लागत से बनी मरीना बोट के झील में डूबने के बाद मरीना पर काफी चर्चा भी हुई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री के गृह जनपद पौड़ी गढ़वाल में भी एक कैबिनेट की बैठक आहूत की गई थी। यानी अब अल्मोड़ा में होने वाली त्रिवेंद्र सरकार की यह कोई पहली कैबिनेट बैठक नही हैं जो पहाड़ी जिले में होने जा रही हैं। इससे पहले भी सरकार पहाड़ों के हितों को लेकर टिहरी और पौड़ी में कैबिनेट बैठक कर चुकी है, ये अलग बात है कि इन दोनों कैबिनेट बैठक से जनता को कोई खास फायदा नहीं मिला हो। 


त्रिवेंद्र सरकार की देहरादून से बाहर पहली कैबिनेट बैठक टिहरी झील में मरीना बोट पर हुई थी, लेकिन कैबिनेट बैठक के कुछ समय बाद ही मरीना बोट डूब गई थी। ऐसे में कैबिनेट दिखावा मात्र रह गई थी। ऐसे में कांग्रेस सरकार पर कई आरोप लगाए थे। अल्मोड़ा में होने जा रही इस कैबिनेट को लेकर भी यही उम्मीद की जा रही है कि पहाड़ में बैठक के होने से पहाड़ के  मुद्दों पर चर्चा होगी। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट का भी यही कहना है कि अल्मोड़ा में मंत्रिमंडल की बैठक का फायदा पहाड़ को ही होगा। 

बाइट- वीरेंद्र बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता बीजेपी 




Conclusion:भले ही विपक्षी पार्टी लीडर प्रदेश की त्रिवेंद्र कैबिनेट के अल्मोड़ा में आहूत होने पर कई सवाल खड़े कर रहे हो और सत्ताधारी पार्टी के नेता सरकार की पहरोकारी कर रहे हो। लेकिन अब देखना होगा कि अल्मोड़ा में आयोजित होने वाली इस कैबिनेट के बाद ही पहाड़ी क्षेत्रों के विकास को आगे बढ़ाने को लेकर आखिर त्रिवेंद्र कैबिनेट अल्मोड़ा में कौनसे अहम फैसले ले पाती हैं। इसकी वास्तविक तस्वीर तो बैठक के बाद ही साफ हो पायेगी? 
Last Updated : Oct 17, 2019, 10:52 PM IST
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