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लॉकडाउन 2.0 तोड़ा या फैलाई अफवाह तो लगेगी रासुका - national security act in uttarakhand

डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के मुताबिक नैनीताल जिले के हल्द्वानी में रासुका कार्रवाई को लेकर कुछ गलतफहमी पैदा हुई. कुछ खबरों में ऐसी जानकारी सामने आई जिसमें मुख्य रूप से हल्द्वानी और रुद्रपुर के कर्फ्यू वाले इलाके में ही रासुका लगाने की सूचना प्रसारित गई है, जबकि उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय के मुताबिक रासुका कानून पूरे प्रदेश में लागू किया गया है.

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लॉकडाउन 2.0 तोड़ा या फैलाई अफवाह तो लगेगी रासुका
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Published : Apr 15, 2020, 7:46 PM IST

Updated : Apr 16, 2020, 12:11 PM IST

देहरादून: लॉकडाउन 2.0 के पहले ही दिन उत्तराखंड पुलिस ने बड़ा फैसला लिया है. पुलिस लॉकडाउन के दौरान अफवाह फैलाकर कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने की तैयारी कर कर रही है. हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र के मामले को देखते हुए पूरे प्रदेश में रासुका लागू कर दिया गया है.

लॉकडाउन 2.0 तोड़ा या फैलाई अफवाह तो लगेगी रासुका

इसके अलावा लॉकडाउन 2.0 के बाद उत्तराखंड पुलिस केंद्रीय सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियों के सहयोग से और भी अधिक सख्ती से लॉकडाउन का पालन करने में जुट गई है. ईटीवी भारत से फोन पर खास बातचीत करते हुए डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने इसकी कार्रवाई को लेकर पुष्टि की.

डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के मुताबिक नैनीताल जिले के हल्द्वानी में रासुका कार्रवाई को लेकर कुछ गलतफहमी पैदा हुई. कुछ खबरों में ऐसी जानकारी सामने आई जिसमें मुख्य रूप से हल्द्वानी और रुद्रपुर के कर्फ्यू वाले इलाके में ही रासुका लगाने की सूचना प्रसारित गई है, जबकि उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय के मुताबिक रासुका कानून पूरे प्रदेश में लागू किया गया है. हल्द्वानी में फैली इस गलतफहमी का स्पष्टीकरण देते हुए डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए राज्यभर में रासुका लागू है.

पढ़ें- पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट और N95 मास्क है उपलब्धः उत्तराखंड: अपर स्वास्थ्य सचिव

पुलिस के मुताबिक राज्य में बार-बार लॉकडाउन का उल्लंघन, जानबूझकर कोरोना महामारी को लेकर अफवाह और अन्य तरह की भ्रामक जानकारियां सोशल मीडिया के साथ ही अन्य जगहों पर प्रचारित कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है, जिसे देखते हुए रासुका जैसी कड़ी कार्रवाई की गई है.

पढ़ें- लॉकडाउन में निजी सुरक्षा गार्ड भी बखूबी निभा रहे ड्यूटी, देखिए खास रिपोर्ट

बता दें रासुका लगने पर आरोपी को गिरफ्तार कर 12 महीनों के लिए जेल भेजा जाता है. इस दौरान उसकी कोई भी सुनवाई नहीं होती है. जब भी किसी व्यक्ति द्वारा ऐसा काम किया जाता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा महसूस होता है तो ऐसी स्थिति में राज्य सरकार रासुका लगाती है.

पढ़ें- पार्षद के पति ने की सेक्टर मजिस्ट्रेट से हाथापाई, मुकदमा दर्ज

लॉकडाउन के दूसरे चरण के पहले दिन की पुलिस कार्रवाई

लॉकडाउन 2.0 के पहले दिन प्रदेशभर में लॉकडाउन उल्लंघन मामले में कुल 50 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जिसमें 285 अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया गया है. ऐसे में अभी तक उत्तराखंड में लॉकडाउन उल्लंघन संबंधित मामलों में 15 अप्रैल 2020 तक कुल 1584 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि 6394 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. लॉकडाउन के दौरान अनावश्यक रूप से बेवजह सड़कों पर वाहन दौड़ाने वाले लोगों पर अभीतक राज्य भर में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 17141 वाहनों का चालान किया गया है, जबकि 4296 वाहनों को सीज कर 81.91 लाख रुपए वसूले गये हैं.

देहरादून: लॉकडाउन 2.0 के पहले ही दिन उत्तराखंड पुलिस ने बड़ा फैसला लिया है. पुलिस लॉकडाउन के दौरान अफवाह फैलाकर कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने की तैयारी कर कर रही है. हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र के मामले को देखते हुए पूरे प्रदेश में रासुका लागू कर दिया गया है.

लॉकडाउन 2.0 तोड़ा या फैलाई अफवाह तो लगेगी रासुका

इसके अलावा लॉकडाउन 2.0 के बाद उत्तराखंड पुलिस केंद्रीय सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियों के सहयोग से और भी अधिक सख्ती से लॉकडाउन का पालन करने में जुट गई है. ईटीवी भारत से फोन पर खास बातचीत करते हुए डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने इसकी कार्रवाई को लेकर पुष्टि की.

डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के मुताबिक नैनीताल जिले के हल्द्वानी में रासुका कार्रवाई को लेकर कुछ गलतफहमी पैदा हुई. कुछ खबरों में ऐसी जानकारी सामने आई जिसमें मुख्य रूप से हल्द्वानी और रुद्रपुर के कर्फ्यू वाले इलाके में ही रासुका लगाने की सूचना प्रसारित गई है, जबकि उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय के मुताबिक रासुका कानून पूरे प्रदेश में लागू किया गया है. हल्द्वानी में फैली इस गलतफहमी का स्पष्टीकरण देते हुए डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए राज्यभर में रासुका लागू है.

पढ़ें- पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट और N95 मास्क है उपलब्धः उत्तराखंड: अपर स्वास्थ्य सचिव

पुलिस के मुताबिक राज्य में बार-बार लॉकडाउन का उल्लंघन, जानबूझकर कोरोना महामारी को लेकर अफवाह और अन्य तरह की भ्रामक जानकारियां सोशल मीडिया के साथ ही अन्य जगहों पर प्रचारित कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है, जिसे देखते हुए रासुका जैसी कड़ी कार्रवाई की गई है.

पढ़ें- लॉकडाउन में निजी सुरक्षा गार्ड भी बखूबी निभा रहे ड्यूटी, देखिए खास रिपोर्ट

बता दें रासुका लगने पर आरोपी को गिरफ्तार कर 12 महीनों के लिए जेल भेजा जाता है. इस दौरान उसकी कोई भी सुनवाई नहीं होती है. जब भी किसी व्यक्ति द्वारा ऐसा काम किया जाता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा महसूस होता है तो ऐसी स्थिति में राज्य सरकार रासुका लगाती है.

पढ़ें- पार्षद के पति ने की सेक्टर मजिस्ट्रेट से हाथापाई, मुकदमा दर्ज

लॉकडाउन के दूसरे चरण के पहले दिन की पुलिस कार्रवाई

लॉकडाउन 2.0 के पहले दिन प्रदेशभर में लॉकडाउन उल्लंघन मामले में कुल 50 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जिसमें 285 अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया गया है. ऐसे में अभी तक उत्तराखंड में लॉकडाउन उल्लंघन संबंधित मामलों में 15 अप्रैल 2020 तक कुल 1584 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि 6394 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. लॉकडाउन के दौरान अनावश्यक रूप से बेवजह सड़कों पर वाहन दौड़ाने वाले लोगों पर अभीतक राज्य भर में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 17141 वाहनों का चालान किया गया है, जबकि 4296 वाहनों को सीज कर 81.91 लाख रुपए वसूले गये हैं.

Last Updated : Apr 16, 2020, 12:11 PM IST
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