देहरादून/डोईवालाः देहरादून की डोईवाला पुलिस ने 30 अगस्त 2021 को बुजुर्ग सुभाष चंद्र शर्मा की हत्या का खुलासा करते हुए विजय, सतपाल को सोमवार को डोईवाला से गिरफ्तार किया. जबकि एक आरोपी वीरेंद्र फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है. पूछताछ में हत्या के पीछे पैसों का लेनदेन और आरोपी की पत्नी पर गलत नीयत रखने की बात सामने आई है.
पुलिस के मुताबिक 30 अगस्त से डोईवाला क्षेत्र से बुजुर्ग सुभाष चंद्र शर्मा रात अचानक गायब हो गए थे. उनकी 31 अगस्त को परिजनों द्वारा गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई. डोईवाला पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की तो पता चला कि सुभाष चंद्र शर्मा के परिचित विजय, वीरेंद्र और सतपाल द्वारा उनका अपहरण किया गया. साथ ही आरोपियों द्वारा सुभाष चंद्र शर्मा की गला दबा कर हत्या की गई.
देर शाम टहलने निकले थे सुभाषः पुलिस के मुताबिक 31 अगस्त को पारेश्वर प्रसाद शर्मा निवासी डोईवाला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 30 अगस्त को हमारे चाचा सुभाष चंद्र शर्मा रोज की तरह घूमने अठूरवाला रोड पर घर से निकले थे. देर रात उनका इंतजार करने के बाद जब वह घर वापस नहीं आए तब से परिवार द्वारा उनके बारे में आस-पड़ोस और रिश्तेदारों के यहां पूछताछ की गई लेकिन कहीं पता नहीं चला. उनका मोबाइल भी बंद था.
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तीनों ने किया था अपहरणः पुलिस टीम द्वारा सीडीआर और सीसीटीवी फुटेज चेक करने पर जानकारी मिली कि 30 अगस्त को गुमशुदा सुभाष चन्द्र शर्मा अपने दोस्त विजय जोशी निवासी जीवनवाला के घर गये थे. गुमशुदा सुभाष चन्द्र शर्मा के घर में पहुंचने से पहले ही विजय जोशी के घर दो अज्ञात शख्स बाइक पर आए और काफी समय तक विजय जोशी के घर पर ही रहे. इस दौरान सुभाष चंद्र शर्मा भी इनके साथ मौजूद थे.
विजय पर था सुभाष का उधारः पुलिस द्वारा जानकारी करने पर पता चला कि विजय जोशी गुमशुदा सुभाष चन्द्र शर्मा का काफी पुराना दोस्त था. सुभाष चंद्र के सारे व्यक्तिगत व जमीन संबंधी काम विजय जोशी ही किया करता था. सुभाष चन्द्र शर्मा का विजय जोशी के ऊपर 4-5 लाख रुपये का उधार भी था. जिसे सुभाष चन्द्र शर्मा वापस मांग रहे थे. लेकिन विजय जोशी अपनी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उधार वापस नहीं दे पा रहा था.
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विजय जोशी प्रॉपर्टी डीलिंग व ठेकेदारी का काम करता है, जिसका काम ठीक नहीं चल रहा था. साथ ही सुभाष चंद्र शर्मा ने बलविन्दर सिंह निवासी जीवनवाला से एक प्लॉट का सौदा 26 लाख रुपये में किया था जो कि विजय जोशी के जरिये हुआ था. इस प्लॉट का एग्रीमेंट विजय जोशी ने चालाकी से अपने नाम कर दिया था. वर्तमान समय में इस प्लॉट की कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये है.
विजय की पत्नी पर थी गलत नीयतः एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने बताया कि सुभाष चंद्र शर्मा अविवाहित था और विजय जोशी की पत्नी पर गलत नीयत रखता था. सुभाष चंद्र शर्मा प्लॉट को अपने नाम करवाने के लिये विजय जोशी पर दबाव बना रहा था. लेकिन विजय जोशी की नीयत खराब हो गयी थी, वह प्लॉट को स्वयं हड़पना चाहता था.
सतपाल और वीरेंद्र आए थे विजय के घरः घटना के दिन विजय जोशी के घर सतपाल व वीरेंद्र बाइक पर आए थे. विजय जोशी ने इन दोनों को 5-5 लाख रुपये का लालच देकर सुभाष चन्द्र शर्मा की हत्या करने की योजना बनाई. जिस पर ये दोनों राजी हो गए. 30 अगस्त जन्माष्टमी के दिन विजय जोशी की पत्नी अपने बच्चों को लेकर अपने मायके जौलीग्रांट चली गई. मौका पाकर विजय जोशी ने सतपाल व वीरेंद्र के साथ मिलकर सुभाष चंद्र जोशी की हत्या कर दी और उसी रात शव की पहचान मिटाने के मकसद से शव के कपड़े उतारकर शव को सौंग नदी में फेंक दिया.
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14 सितंबर को बरामद हुआ था शवः 30 अगस्त को हत्या करने के बाद सतपाल, विजय जोशी और वीरेंद्र ने सुभाष चंद्र शर्मा का शव सौंग नदी में फेंक दिया था, जिसे पुलिस ने 14 सितंबर को बरामद किया था. पुलिस तब से घटना की जांच पड़ताल कर रही थी. वहीं, पुलिस ने 18 अक्टूबर सोमवार को विजय जोशी और सतपाल को गिरफ्तार किया और घटना का खुलासा किया. फिलहाल एक आरोपी वीरेंद्र अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.