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'हिलटॉप ब्रांड' पर सियासत तेज, हरदा बोले- देवप्रयाग की पहचान शराब फैक्ट्री से होना दुर्भाग्यपूर्ण

देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री खोले जाने को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई है. विपक्ष लगातार सरकार पर हमला कर रहा है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा.

हिलटॉप
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Published : Jul 9, 2019, 9:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में तीर्थ नगरी देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री खोले जाने पर सियासत तेज हो गई है. इस मामले में हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए शराब कंपनी का लाइसेंस रद्द करने की मांग की है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि देवप्रयाग पावन स्थलों में से एक है और अलकनंदा और भागीरथी से मिलने के बाद वहां गंगा बहती है.

हिलटॉप शराब फैक्ट्री को लेकर विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना.

ऐसी पवित्र भूमि पर शराब की फैक्ट्री खोलने और शराब बनाने के आदेश देने से बड़ा पाप और कुछ नहीं हो सकता. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि देवप्रयाग की पहचान शराब फैक्ट्री के नाम से हो यह दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी वे कड़ी निंदा करते हैं.

देवप्रयाग जैसी तीर्थ नगरी में हिलटॉप ब्रांड की शराब फैक्ट्री लगाने पर विपक्ष सरकार के खिलाफ हमलावर मोड में आ गया है. उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है.

उन्होंने आबकारी नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश के भीतर सरकार की आबकारी नीति का यह हाल है कि पूरे प्रदेश में पड़ोसी राज्यों से जमकर शराब की तस्करी हो रही है.

यह भी पढ़ेंः पहले डेनिस और अब हिलटॉप पर बवाल, सीएम बोले- हरदा का प्रोजेक्ट अब हुआ पूरा

भाजपा नेताओं के संरक्षण में यह शराब तस्करी प्रदेश में अभी भी जारी है. हिलटॉप भी उसी में शामिल है. हिलटॉप का जो परिचय कराया गया है वह भी उसी का एक अंग है. आबकारी, खनन, भ्रष्टाचार में व्यस्त सरकार को शराब कंपनी का लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए.

दूसरी ओर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने साफ किया है कि इस मामले को विवादित बनाना उचित नहीं है. सीएम रावत ने कहा कि जो कंपनी देवप्रयाग में शराब बना रही है उस कंपनी की स्वीकृति पिछली सरकार के समय में दी गई थी और उसी काम को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जिसका मुद्दा नहीं बनाना चाहिए. वहां फैक्ट्री खुलने के बाद स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और इसके साथ ही शराब को बनाने के लिए स्थानीय फलों का प्रोसेसिंग किया जाएगा. इस फैक्ट्री से उत्पादित शराब को विदेशों में निर्यात किया जाएगा जिससे आय की प्राप्ति भी होगी.

देवप्रयाग स्थित भागीरथी और अलकनंदा के संगम तट पर शराब फैक्ट्री खोले जाने को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई भी है. कांग्रेस पार्टी जहां इस मसले पर त्रिवेंद्र सरकार पर जबरदस्त हमला बोल रही है तो वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ किया है कि फैक्ट्री खोले जाने के बाद वहां के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे.

देहरादून: उत्तराखंड में तीर्थ नगरी देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री खोले जाने पर सियासत तेज हो गई है. इस मामले में हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए शराब कंपनी का लाइसेंस रद्द करने की मांग की है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि देवप्रयाग पावन स्थलों में से एक है और अलकनंदा और भागीरथी से मिलने के बाद वहां गंगा बहती है.

हिलटॉप शराब फैक्ट्री को लेकर विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना.

ऐसी पवित्र भूमि पर शराब की फैक्ट्री खोलने और शराब बनाने के आदेश देने से बड़ा पाप और कुछ नहीं हो सकता. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि देवप्रयाग की पहचान शराब फैक्ट्री के नाम से हो यह दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी वे कड़ी निंदा करते हैं.

देवप्रयाग जैसी तीर्थ नगरी में हिलटॉप ब्रांड की शराब फैक्ट्री लगाने पर विपक्ष सरकार के खिलाफ हमलावर मोड में आ गया है. उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है.

उन्होंने आबकारी नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश के भीतर सरकार की आबकारी नीति का यह हाल है कि पूरे प्रदेश में पड़ोसी राज्यों से जमकर शराब की तस्करी हो रही है.

यह भी पढ़ेंः पहले डेनिस और अब हिलटॉप पर बवाल, सीएम बोले- हरदा का प्रोजेक्ट अब हुआ पूरा

भाजपा नेताओं के संरक्षण में यह शराब तस्करी प्रदेश में अभी भी जारी है. हिलटॉप भी उसी में शामिल है. हिलटॉप का जो परिचय कराया गया है वह भी उसी का एक अंग है. आबकारी, खनन, भ्रष्टाचार में व्यस्त सरकार को शराब कंपनी का लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए.

दूसरी ओर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने साफ किया है कि इस मामले को विवादित बनाना उचित नहीं है. सीएम रावत ने कहा कि जो कंपनी देवप्रयाग में शराब बना रही है उस कंपनी की स्वीकृति पिछली सरकार के समय में दी गई थी और उसी काम को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जिसका मुद्दा नहीं बनाना चाहिए. वहां फैक्ट्री खुलने के बाद स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और इसके साथ ही शराब को बनाने के लिए स्थानीय फलों का प्रोसेसिंग किया जाएगा. इस फैक्ट्री से उत्पादित शराब को विदेशों में निर्यात किया जाएगा जिससे आय की प्राप्ति भी होगी.

देवप्रयाग स्थित भागीरथी और अलकनंदा के संगम तट पर शराब फैक्ट्री खोले जाने को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई भी है. कांग्रेस पार्टी जहां इस मसले पर त्रिवेंद्र सरकार पर जबरदस्त हमला बोल रही है तो वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ किया है कि फैक्ट्री खोले जाने के बाद वहां के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे.

Intro: उत्तराखंड में तीर्थ नगरी देवप्रयाग में शराब फेक्ट्री खोले जाने पर सियासत तेज हो गई है। इस मामले में हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए शराब कंपनी का लाइसेंस रद्द करने की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि देवप्रयाग पावन स्थलों में से एक है और अलकनंदा और भागीरथी से मिलने के बाद वहां गंगा से गंगा के रूप में बहती है ऐसी पवित्र भूमि पर शराब की फैक्ट्री खोलने और शराब बनाने के आदेश देने से बड़ा पाप और कुछ नहीं हो सकता।


Body:पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि देवप्रयाग की पहचान शराब फैक्ट्री के नाम से हो, यह दुर्भाग्यपूर्ण है और जिसकी वे कड़ी निंदा करते हैं।

बाईट- हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री।

देवप्रयाग जैसी तीर्थ नगरी में हिलटॉप ब्रांड की शराब फैक्ट्री लगाने पर विपक्ष सरकार के खिलाफ हमलावर मोड मे आ गया है। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। उन्होंने आपकारी नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश के भीतर सरकार की आबकारी नीति का यह हाल है कि पूरे प्रदेश में पड़ोसी राज्यों से जमकर शराब की तस्करी हो रही है। भाजपा सरकार की पार्टी के कर्ता धर्ताओं के संरक्षण में यह शराब तस्करी प्रदेश मे अभी भी जारी है। हिलटॉप भी उसी में शामिल है हिलटॉप का जो परिचय कराया गया है वह भी उसी का एक अंग है। आबकारी, खनन ,भ्रष्टाचार में व्यस्त सरकार को शराब कंपनी का लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए।

बाईट- सूर्यकांत धस्माना, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष

इस मसले पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने भी साफ किया है ,कि इस मामले को विवादित बनाना कतई भी उचित नहीं है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जो कंपनी देवप्रयाग में शराब बना रही है उस कंपनी की स्वीकृति पिछली सरकार के समय में की गई थी और उसी काम को आगे बढ़ाया जा रहा है ,जिसका ईशु नहीं बनाना चाहिए। वहां फैक्ट्री खुलने के बाद स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और इसके साथ ही शराब को बनाने के लिए स्थानीय फलों का प्रोसेसिंग किया जाएगा। इस फैक्ट्री से उत्पादित शराब को विदेशों में निर्यात किया जाएगा जिससे आय की प्राप्ति भी होगी।


Conclusion:देवप्रयाग स्थित भागीरथी और अलकनंदा के संगम तट पर शराब फैक्ट्री खोले जाने को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई भी है कांग्रेस पार्टी जहां इस मसले पर त्रिवेंद्र सरकार पर जबरदस्त हमला बोल रही है तो वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ किया है कि फैक्ट्री खोले जाने के बाद वहां के युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे इसके अलावा स्थानीय फल उत्पादकों की आय में भी इजाफा होगा।

नोट- कृपया त्रिवेंद्र रावत की बाइट मेल से उठाने का कष्ट करें
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