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सरकार की अनदेखी के शिकार विधायक सुरक्षा के लिए लगा रहे गुहार - एमएलए हॉस्टल की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

विधायक हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं. यहां लगे सीसीटीवी कैमरों से लेकर यहां के हालात इसे और भी चिंंताजनक बनाते हैं. जिसके कारण विधायकों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं.

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विधायकों को सुरक्षा पर चिंता.
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Published : Dec 8, 2019, 7:29 PM IST

देहरादून : राजधानी देहरादून में इन दिनों शीतकालीन विधानसभा सत्र के चलते विधायक मौजूद हैं. ऐसी स्थिति में तमाम विधायक रेसकोर्स स्थित एमएलए हॉस्टल में रह रहे हैं, लेकिन एमएलए हॉस्टल की बदहाल स्थिति विधायकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. ऐसा नहीं है कि पहली मर्तबा एमएलए हॉस्टल की खस्ता हालत का मुद्दा उठाया गया हो. इससे पहले भी कई बार विधानसभा अध्यक्ष से लेकर विधायक इस पर चिंता जता चुके हैं.

इस बार तो एमएलए हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्था पर ही सवाल खड़े हो गए हैं. सीसीटीवी कैमरों से लेकर यहां के हालात इसे और भी चिंंताजनक बनाते हैं. जिसके कारण विधायकों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं. मामले का संज्ञान लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने भी एमएलए हॉस्टल और विधायकों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन को व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

विधायकों को सुरक्षा पर चिंता.

पढ़ें-पढ़ेंः हरदा ने उड़ाई 'अपनों' की खिल्ली, कांग्रेस में 'झगड़े' से बीजेपी को राहत?

उधर बात अगर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की करें तो वे इस मामले पर कन्नी काटते हुए नजर आये. सीएम ने कहा कि प्रदेश में ऐसी कोई स्थिति नहीं आई है जिससे यह कहा जा सके कि विधायक सुरक्षित नहीं हैं.

पढ़ें-पढ़ेंः उत्तरकाशी: श्राइन बोर्ड के खिलाफ गंगोत्री में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे तीर्थ पुरोहित

बता दें कि विधायकों की चिंता एमएलए हॉस्टल में सुरक्षा व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरों की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण है. मामले पर डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि विधायकों की शिकायत पर कैमरों को ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सुरक्षा के भी पर्याप्त इंतजामात करने के आदेश दिये गये हैं.

देहरादून : राजधानी देहरादून में इन दिनों शीतकालीन विधानसभा सत्र के चलते विधायक मौजूद हैं. ऐसी स्थिति में तमाम विधायक रेसकोर्स स्थित एमएलए हॉस्टल में रह रहे हैं, लेकिन एमएलए हॉस्टल की बदहाल स्थिति विधायकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. ऐसा नहीं है कि पहली मर्तबा एमएलए हॉस्टल की खस्ता हालत का मुद्दा उठाया गया हो. इससे पहले भी कई बार विधानसभा अध्यक्ष से लेकर विधायक इस पर चिंता जता चुके हैं.

इस बार तो एमएलए हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्था पर ही सवाल खड़े हो गए हैं. सीसीटीवी कैमरों से लेकर यहां के हालात इसे और भी चिंंताजनक बनाते हैं. जिसके कारण विधायकों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं. मामले का संज्ञान लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने भी एमएलए हॉस्टल और विधायकों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन को व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

विधायकों को सुरक्षा पर चिंता.

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उधर बात अगर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की करें तो वे इस मामले पर कन्नी काटते हुए नजर आये. सीएम ने कहा कि प्रदेश में ऐसी कोई स्थिति नहीं आई है जिससे यह कहा जा सके कि विधायक सुरक्षित नहीं हैं.

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बता दें कि विधायकों की चिंता एमएलए हॉस्टल में सुरक्षा व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरों की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण है. मामले पर डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि विधायकों की शिकायत पर कैमरों को ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सुरक्षा के भी पर्याप्त इंतजामात करने के आदेश दिये गये हैं.

Intro:ready to air

Summary- उत्तराखंड के विधायकों को न केवल सरकार बल्कि शासन की अनदेखी से भी गुजरना पड़ रहा है.. हालत यह है कि अब विधायकों की सुरक्षा भी ताक पर रख दी गई है.. खुद विधायकों ने इसकी शिकायत की तो पुलिस महकमा मामले पर चौकन्ना हुआ...


Body:राजधानी देहरादून में इन दिनों शीतकालीन विधानसभा सत्र के चलते प्रदेशभर के विधायक मौजूद है..ऐसी स्थिति में तमाम विधायक रेसकोर्स स्थित एमएलए हॉस्टल में रह रहे हैं.. लेकिन एमएलए हॉस्टल की बदहाल स्थिति इन विधायकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है.. ऐसा नहीं है कि पहली मर्तबा एमएलए हॉस्टल की खस्ता हालत का मुद्दा उठाया गया हो... इससे पहले भी कई बार इस पर विधानसभा अध्यक्ष से लेकर विधायक चिंता जता चुके हैं... लेकिन इस बार तो एमएलए हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्था पर ही सवाल खड़े हो गए हैं.. मामले पर विधायकों ने सुरक्षा व्यवस्था का सवाल उठाया तो विधानसभा अध्यक्ष ने भी इस बात को मानते हुए एमएलए हॉस्टल और विधायकों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन को व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं...


बाइट प्रेम चंद्र अग्रवाल विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखंड


उधर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले पर कन्नी काटते हुए प्रदेश में सभी विधायकों के सुरक्षित होने की बात कही है.. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में ऐसी कोई स्थिति नहीं आई है जिसमें यह कहा जा सके कि विधायक सुरक्षित नही हैं।


बाइट त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखंड


आपको बता दें कि विधायकों की चिंता एमएलए हॉस्टल में सुरक्षा व्यवस्था के ना होने और सीसीटीवी कैमरों की पर्याप्त व्यवस्था ना होना है.. जिस पर डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि विधायकों की शिकायत पर कैब्रों को ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही सुरक्षा की भी पर्याप्त व्यवस्था करने के आदेश दिए जा चुके हैं।


बाईट अशोक कुमार डीजी कानून व्यवस्था




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