देहरादून: उत्तराखंड के रामनगर में वर्ष 2008 में एक जघन्य हत्याकांड हुआ था. इसको अंजाम देने के बाद पिछले 13 साल से दुर्दांत अपराधी फरार चल रहा था. इस दुर्दांत अपराधी को STF की टीम ने पानीपत में यमुना नदी के किनारे देर रात खेतों में घेराबंदी कर गिरफ्तार किया है. 10 हजार का इनामी अपराधी महेंद्र सिंह लंबे समय से पुलिस को चकमा देकर यूपी, हरियाणा व दिल्ली जैसे राज्यों में ठिकाने बदल-बदल कर पनाह लिए हुए था.
उत्तराखंड में इनामी अपराधियों की विशेष धरपकड़ अभियान के तहत कुख्यात महेंद्र सिंह के बारे में भी सूचना मिली. इस आधार पर एसटीएफ फोर्स के सब-इंस्पेक्टर यादवेंद्र बाजवा और उप निरीक्षक गुरुरानी की 10 सदस्यीय टीम ने मंगलवार देर रात हरियाणा के यमुनानगर इलाके में एक हिस्से की घेराबंदी कर ली. कार्रवाई के दौरान पानीपत के यमुनानगर नदी किनारे धान और गन्ने के खेतों में जाल बिछाकर 2008 से फरार इनामी बदमाश महेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया. फिलहाल एसटीएफ की टीम गिरफ्त में आए अभियुक्त से पूछताछ कर हरियाणा स्थानीय कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड में लेकर उसे देहरादून लाने की कार्रवाई में जुटी है.
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बता दें कि उत्तराखंड में इनामी अपराधियों की धरपकड़ के लिए एक विशेष अभियान पिछले 1 अगस्त से चलाया जा रहा है. इसमें राज्य के सभी 13 जिलों की पुलिस सहित विशेष रूप से एसटीएफ दुर्दांत, कुख्यात इनामी अपराधियों की धरपकड़ में युद्ध स्तर पर जुटी है. जहां एक तरफ राज्य के सभी जनपदों द्वारा दर्जनभर से अधिक इनामी अपराधी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. वहीं एसटीएफ द्वारा मुख्य रूप से 10 हजार से बड़े इनामी अपराधियों को पकड़ने के लिए देश के कई राज्यों में टीमें भेजी गई हैं. 1 अगस्त से अभी तक एसटीएफ द्वारा 5 बड़े इनामी अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है.
हत्या करके 13 साल से फरार था महेंद्र सिंह: उत्तराखंड के रामनगर में वर्ष 2008 में एक जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया गया था. हत्यारोपी पिछले 13 साल से फरार चल रहा था.
बाप-बेटे ने मिलकर दिया था हत्याकांड को अंजाम: STF मुताबिक वर्ष 2008 में गिरफ्तार इनामी अपराधी महेंद्र सिंह द्वारा अपने पिता दिलीप सिंह के साथ मिलकर थाना रामनगर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले निवासी कालू पुत्र भीम बहादुर की रंजिश के चलते तमंचे से गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के तत्काल बाद ही दोनों हत्यारोपी पिता-पुत्र मौके से फरार हो गए थे.
हालांकि कुछ दिन बाद फरार पिता दिलीप सिंह की मौत हो गई थी, लेकिन हत्या का मुख्य आरोपी महेंद्र सिंह फरार चल रहा था. इस मामले में कालू के परिवार द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे के तहत हत्यारोपी महेंद्र सिंह की तलाश पिछले 13 सालों से चल रही थी. जानकारी के मुताबिक अपराधी महेंद्र सिंह लंबे समय से पुलिस को चकमा देकर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान आदि राज्यों में छिपकर रह रहा था.
फोटो पहचान ना होने के कारण गिरफ्तारी रही चुनौतीपूर्ण: STF के मुताबिक पिछले 13 वर्षों से हत्या कर फरार चल रहा इनामी कुख्यात महेंद्र सिंह की फोटो और अन्य पहचान पुलिस के पास नहीं थे. इसके बावजूद उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार चुनौती पूर्ण कार्रवाई जारी थी. इसी क्रम में कुमाऊं एसटीएफ पुलिस उपाधीक्षक डॉ. पूर्णिमा गर्ग के नेतृत्व में एसटीएफ की दो टीमों द्वारा तकनीकी सुराग तहसील पतारसी का बेहतर तालमेल उपयोग कर सटीक सूचना के आधार पर इनामी अपराधी महेंद्र सिंह को पानीपत यमुना नगर नदी किनारे मंगलवार देर रात घेराबंदी कर गिरफ्तार किया.
एसटीएफ की गिरफ्त में आया 34 वर्षीय महेंद्र सिंह उर्फ राजू पुत्र दलीप सिंह मूल रूप से निवासी ग्राम गेबुआ बरायल, थाना रामनगर जिला नैनीताल का रहने वाला है.