देहरादून: शहर की एक महिला डॉक्टर पर नाबालिग बच्चे से बाल मजदूरी कराने का आरोप लगा है. मामले का खुलासा तब हुआ जब शुक्रवार देर शाम बच्चा डॉक्टर के घर से सामान चोरी कर फरार हो गया. जिसके बाद देहरादून रेलवे स्टेशन पर रेलवे चाइल्ड हेल्प लाइन द्वारा बच्चे को बरामद कर जीआरपी थाने लाया गया. वहीं, डालनवाला सीओ जया बलूनी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है.
मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि महिला डॉक्टर ने बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस चौकी में दर्ज करायी थी. जिसके बाद बच्चे को देहरादून रेलवे स्टेशन से चोरी के सामान के साथ बरामद किया गया था. डालनवाला सीओ जया बलूनी के मुताबिक, महिला डॉक्टर पर मानव तस्करी जैसे आरोपों की फिलहाल पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
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वहीं, पुलिस का कहना है कि पूछताछ में नाबालिग बच्चे ने कहा कि पहले उसको पश्चिम बंगाल से दिल्ली लाया गया. जहां से सागर नाम के व्यक्ति ने उसे देहरादून में डॉक्टर के घर का काम करने के लिए छोड़ दिया. बच्चे का आरोप है उससे घर का सारा काम कराया जाता था. जिसके बदले में उसको कोई पैसा नहीं दिया जाता था. इसके अलावा उसे भरपेट खाना न देकर प्रताड़ित भी किया जाता था.
बच्चे का कहना है कि डॉक्टर उसकी तनख्वाह सागर नाम के एजेंट को पहुंचा देने की बात कहकर उसको डांट फटकार कर दोबारा घर के काम में जुटा देती थी. बच्चे ने कहा कि अब वह वापिस अपने घर जाना चाहता है.
इस मामले में बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े संदीप का कहना है कि पीड़ित बच्चे के पास से दो विजिटिंग कार्ड मिले हैं. जिसपर दिल्ली के प्लेसमेंट एजेंसी का नाम और पता लिखा है. अंदेशा जताया जा रहा है कि इन्हीं एजेंसियों के द्वारा बच्चों की मानव तस्करी को अंजाम दिया जाता है.
वहीं, डालनवाला सीओ जया बलूनी ने जानकारी देते हुए बताया कि, फिलहाल इस मामले में किसी तरह से मानव तस्करी की पुष्टि नहीं हुई है. आरोपी महिला डॉक्टर ने बच्चे को लेकर गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करायी थी. इसके अलावा महिला डॉक्टर ने कुछ ऐसे दस्तावेज दिखाए जिसके आधार पर यह जानकारी सामने आई कि बच्चे को घरेलू कामकाज के साथ उसकी परवरिश के लिए उसे यहां एक महीने पहले ही लाया गया था. फिलहाल, अन्य तरह के आरोपों की जांच पड़ताल की जा रही है.