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शर्मनाक! डॉक्टर मैडम करवाती हैं मजदूरी, रेलवे चाइल्ड लाइन पर मिली शिकायत

देहरादून की एक महिला डॉक्टर पर नाबालिग बच्चे से बाल मजदूरी कराने का आरोप. मामले की पता तब चला जब देहरादून रेलवे स्टेशन पर रेलवे चाइल्ड लाइन ने बच्चे को चोरी के सामान के साथ बरामद किया.

महिला डॉक्टर पर लगा बाल मजदूरी का आरोप.
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Published : Jul 14, 2019, 11:29 AM IST

देहरादून: शहर की एक महिला डॉक्टर पर नाबालिग बच्चे से बाल मजदूरी कराने का आरोप लगा है. मामले का खुलासा तब हुआ जब शुक्रवार देर शाम बच्चा डॉक्टर के घर से सामान चोरी कर फरार हो गया. जिसके बाद देहरादून रेलवे स्टेशन पर रेलवे चाइल्ड हेल्प लाइन द्वारा बच्चे को बरामद कर जीआरपी थाने लाया गया. वहीं, डालनवाला सीओ जया बलूनी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है.

महिला डॉक्टर पर लगा बाल मजदूरी का आरोप.

मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि महिला डॉक्टर ने बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस चौकी में दर्ज करायी थी. जिसके बाद बच्चे को देहरादून रेलवे स्टेशन से चोरी के सामान के साथ बरामद किया गया था. डालनवाला सीओ जया बलूनी के मुताबिक, महिला डॉक्टर पर मानव तस्करी जैसे आरोपों की फिलहाल पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

पढ़ें: शिक्षकों की कमी से जूझ रहे विद्यालयों के लिए अच्छी खबर, जल्द होंगी 900 भर्तियां

वहीं, पुलिस का कहना है कि पूछताछ में नाबालिग बच्चे ने कहा कि पहले उसको पश्चिम बंगाल से दिल्ली लाया गया. जहां से सागर नाम के व्यक्ति ने उसे देहरादून में डॉक्टर के घर का काम करने के लिए छोड़ दिया. बच्चे का आरोप है उससे घर का सारा काम कराया जाता था. जिसके बदले में उसको कोई पैसा नहीं दिया जाता था. इसके अलावा उसे भरपेट खाना न देकर प्रताड़ित भी किया जाता था.

बच्चे का कहना है कि डॉक्टर उसकी तनख्वाह सागर नाम के एजेंट को पहुंचा देने की बात कहकर उसको डांट फटकार कर दोबारा घर के काम में जुटा देती थी. बच्चे ने कहा कि अब वह वापिस अपने घर जाना चाहता है.

इस मामले में बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े संदीप का कहना है कि पीड़ित बच्चे के पास से दो विजिटिंग कार्ड मिले हैं. जिसपर दिल्ली के प्लेसमेंट एजेंसी का नाम और पता लिखा है. अंदेशा जताया जा रहा है कि इन्हीं एजेंसियों के द्वारा बच्चों की मानव तस्करी को अंजाम दिया जाता है.

वहीं, डालनवाला सीओ जया बलूनी ने जानकारी देते हुए बताया कि, फिलहाल इस मामले में किसी तरह से मानव तस्करी की पुष्टि नहीं हुई है. आरोपी महिला डॉक्टर ने बच्चे को लेकर गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करायी थी. इसके अलावा महिला डॉक्टर ने कुछ ऐसे दस्तावेज दिखाए जिसके आधार पर यह जानकारी सामने आई कि बच्चे को घरेलू कामकाज के साथ उसकी परवरिश के लिए उसे यहां एक महीने पहले ही लाया गया था. फिलहाल, अन्य तरह के आरोपों की जांच पड़ताल की जा रही है.

देहरादून: शहर की एक महिला डॉक्टर पर नाबालिग बच्चे से बाल मजदूरी कराने का आरोप लगा है. मामले का खुलासा तब हुआ जब शुक्रवार देर शाम बच्चा डॉक्टर के घर से सामान चोरी कर फरार हो गया. जिसके बाद देहरादून रेलवे स्टेशन पर रेलवे चाइल्ड हेल्प लाइन द्वारा बच्चे को बरामद कर जीआरपी थाने लाया गया. वहीं, डालनवाला सीओ जया बलूनी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है.

महिला डॉक्टर पर लगा बाल मजदूरी का आरोप.

मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि महिला डॉक्टर ने बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस चौकी में दर्ज करायी थी. जिसके बाद बच्चे को देहरादून रेलवे स्टेशन से चोरी के सामान के साथ बरामद किया गया था. डालनवाला सीओ जया बलूनी के मुताबिक, महिला डॉक्टर पर मानव तस्करी जैसे आरोपों की फिलहाल पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

पढ़ें: शिक्षकों की कमी से जूझ रहे विद्यालयों के लिए अच्छी खबर, जल्द होंगी 900 भर्तियां

वहीं, पुलिस का कहना है कि पूछताछ में नाबालिग बच्चे ने कहा कि पहले उसको पश्चिम बंगाल से दिल्ली लाया गया. जहां से सागर नाम के व्यक्ति ने उसे देहरादून में डॉक्टर के घर का काम करने के लिए छोड़ दिया. बच्चे का आरोप है उससे घर का सारा काम कराया जाता था. जिसके बदले में उसको कोई पैसा नहीं दिया जाता था. इसके अलावा उसे भरपेट खाना न देकर प्रताड़ित भी किया जाता था.

बच्चे का कहना है कि डॉक्टर उसकी तनख्वाह सागर नाम के एजेंट को पहुंचा देने की बात कहकर उसको डांट फटकार कर दोबारा घर के काम में जुटा देती थी. बच्चे ने कहा कि अब वह वापिस अपने घर जाना चाहता है.

इस मामले में बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े संदीप का कहना है कि पीड़ित बच्चे के पास से दो विजिटिंग कार्ड मिले हैं. जिसपर दिल्ली के प्लेसमेंट एजेंसी का नाम और पता लिखा है. अंदेशा जताया जा रहा है कि इन्हीं एजेंसियों के द्वारा बच्चों की मानव तस्करी को अंजाम दिया जाता है.

वहीं, डालनवाला सीओ जया बलूनी ने जानकारी देते हुए बताया कि, फिलहाल इस मामले में किसी तरह से मानव तस्करी की पुष्टि नहीं हुई है. आरोपी महिला डॉक्टर ने बच्चे को लेकर गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करायी थी. इसके अलावा महिला डॉक्टर ने कुछ ऐसे दस्तावेज दिखाए जिसके आधार पर यह जानकारी सामने आई कि बच्चे को घरेलू कामकाज के साथ उसकी परवरिश के लिए उसे यहां एक महीने पहले ही लाया गया था. फिलहाल, अन्य तरह के आरोपों की जांच पड़ताल की जा रही है.

Intro:pls note desk- महोदय इस स्टोरी के विजुअल्स और बाईट FTP से भेजी गई है- folder -"Human trafficking"


summary_ देहरादून के महिला डॉक्टर पर लगा मानव तस्करी द्वारा घर में नाबालिक बच्चे को बाल मजदूरी कराने का आरोप, बच्चा डॉक्टर के घर से सामान चोरी कर फरार हुआ, देहरादून रेलवे स्टेशन पर रेलवे चाइल्ड लाइन ने बच्चे को किया बरामद, पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी...


देहरादून के एक महिला डॉक्टर के ऊपर मानव तस्करी द्वारा घर में लाए गए नाबालिक बच्चे से बाल मजदूरी कराने का आरोप लगा है। शुक्रवार देर शाम डॉक्टर से घर से सामान चोरी कर बच्चा फरार हो होकर देहरादून रेलवे स्टेशन पहुंचा जहां रेलवे चाइल्ड लाइन द्वारा बच्चे को बरामद कर जीआरपी थाने लाया गया। थाने में पहुंचे नाबालिक बच्चे का कहना है कि उसको काम करने के बाद पैसे नहीं दिए जाते थे जिसके चलते वह डॉक्टर की प्रताड़ना से परेशान होकर उसका सामान चोरी कर अपने घर जलपाईगुड़ी पश्चिम बंगाल वापस जा रहा था.

वही इस मामले में पुलिस का कहना है कि बच्चा डॉक्टर के घर से लैपटॉप कैमरा चोरी कर कर भागा था जिसके बाद डॉक्टर द्वारा बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट और अगर पुलिस चौकी में दर्ज कराई गई है। डालनवाला शिव जया बलूनी के मुताबिक महिला डॉक्टर पर मानव तस्करी जैसे आरोप की फिलहाल पुष्टि नहीं है लेकिन पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल कर आगे की कार्रवाई में जुटी हैं।


Body:उधर इस मामले में बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े संस्था के लोगों का आरोप है कि उनके अनुसार अभी तक जानकारी में यह अंदेशा हुआ है कि बरामद हुए नाबालिक बच्चे को पश्चिम बंगाल से मानव तस्करी द्वारा दिल्ली लाया गया जहां से मानव तस्करी नेटवर्क के एक प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा सागर नाम की व्यक्ति ने देहरादून में महिला डॉक्टर के यहां बच्चे को कामकाज के लिए छोड़ा गया। इतना ही नहीं महिला डॉक्टर के यहां पिछले 7 महीने से काम करने वाले बच्चे की तनख्वा भी उसके एजेंट सागर को दी जाती थी इसके अलावा बच्चे को घर के सभी काम कराने के साथ प्रताड़ना दी जाती थी। ऐसे में बीते रोज शुक्रवार बच्चा परेशान होकर आरोपी महिला डॉक्टर के घर से सामान चोरी कर अपने घर जलपाईगुड़ी पश्चिम बंगाल जा रहा था तभी रेलवे स्टेशन में रेलवे चाइल्ड लाइन द्वारा बच्चे को बरामद कर जीआरपी पुलिस को सौंपा गया. बचपन बचाओ आंदोलन संस्था से जुड़े संदीप का कहना है कि पीड़ित बच्चे से दो विजिटिंग कार्ड मिले हैं जिन पर दिल्ली के प्लेसमेंट एजेंसी का नाम और पता लिखा है अंदेशा जताया जा रहा है कि इन्हीं एजेंसियों के द्वारा बच्चों की मानव तस्करी को अंजाम दिया गया है।

बाइट -संदीप, बचपन बचाओ आंदोलन सदस्य
बाइट- सुरेश उनियाल, बचपन बचाओ आंदोलन सदस्य

उधर डरे सहमे हुए पीड़ित नाबालिग बच्चे का कहना है कि उसको पश्चिम बंगाल से दिल्ली लाया गया जहां से सागर नाम की व्यक्ति द्वारा देहरादून में डॉक्टर के यहां घर के कामकाज के लिए छोड़ दिया गया। बच्चे का आरोप है उससे घर का सभी काम कराया जाता था बदले में उसको कोई पैसा नहीं दिया जाता था, इसके अलावा उसे भरपेट खाना न देकर प्रताड़ित भी किया जाता था। बच्चे का कहना है कि डॉक्टर उसकी तनख्वाह सागर नाम के एजेंट को पहुंचा देने की बात कहकर उसको डांट फटकार कर घर के काम में जुटा देती थी। पीड़ित बच्चे का कहना है कि अब वह वापस अपने घर जाना चाहता है।

बाइट, पीड़ित नाबालिग बच्चा


Conclusion:पुलिस ने मानव तस्करी से किया इनकार

उधर इस मामले में डालनवाला सीओ जया बलूनी ने फोन वार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि, फिलहाल इस मामले में किसी तरह से मानव तस्करी की पुष्टि नहीं हुई है आरोपी महिला डॉक्टर ने बच्चे को लेकर गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई हुई है बच्चा डॉक्टर के घर से सामान चोरी कर भाग रहा था। इसके अलावा महिला डॉक्टर ने कुछ ऐसे दस्तावेज पुलिस को सौंपा हैं जिसके आधार पर प्रथम दृष्टया में यह जानकारी सामने आई कि बच्चे को घरेलू कामकाज के साथ उसके परवरिश करने के लिए एक महीने पहले ही उसे घर पर रखा गया था। फिलहाल अन्य तरह के आरोपों की जांच पड़ताल की जा रही है।


pls note_input_महोदय, यह किरण कांत शर्मा का मोजो मोबाइल हैं,जिसे मैं (परमजीत सिंह )इसे इस्तेमाल कर रहा हूं। मेरा मोजो मोबाइल खराब हो गया हैं, ऐसे मेरी स्टोरी इस मोजो से भेजी जा रही हैं.. ID 7200628













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