ETV Bharat / city

कुमाऊं में भारी नुकसान, बारिश-बाढ़-लैंडस्लाइड से हालात बेकाबू, 44 मौतें

उत्तराखंड में बारिश भारी तबाही लेकर आई है. बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण अबतक प्रदेश में 44 लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोग लैंडस्लाइड के कारण लापता हैं. नदियां उफान पर हैं तो नैनीताल जिले का सड़क संपर्क देश-दुनिया से कट चुका है. चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है. कल गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी से हालात पूछे थे.

Bad weather
उत्तराखंड में बारिश
author img

By

Published : Oct 19, 2021, 12:41 PM IST

Updated : Oct 19, 2021, 5:43 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण हालात बहुत खराब हो चले हैं. प्राकृतिक आपदा से अबतक उत्तराखंड में 44 लोगों की जान चली गई है. कई स्थानों का मुख्यधारा से संपर्क कट गया है. नैनीताल शहर का देश के बाकी हिस्से से सड़क संपर्क कटा हुआ है. उधर, नैनीताल जिले के ही रामगढ़ में एक मकान के ऊपर मलबा गिरने से 5 लोगों की मौत हो गई है. रामगढ़ में राहत और बचाव कार्य के लिए सेना और एयरफोर्स को बुलाया गया है. हालांकि आज मौसम विभाग ने राहत वाला समाचार भी दिया है. मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा कि आज से बारिश में कमी आएगी.

किस जिले में कितनी हुई मौत:


जिला मौत
नैनीताल30
चंपावत04
पौड़ी03
अल्मोड़ा 05
पिथौरागढ़ 01
बागेश्वर01
कुल44

इन नंबरों पर करें संपर्क: सरकार ने किसी भी प्रकार की आपदा की घटनाओं की सूचना या जानकारी लेने के लिए आपदा कंट्रोल रूम नंबर 0135-2710334, टोल-फ्री-1070 के साथ ही मोबाइल नंबर 8218867005, 9557444486 जारी किया है.

उत्तराखंड में बारिश-बाढ़ और लैंडस्लाइड से हालात बेकाबू.

सबसे ज्यादा नैनीताल को नुकसान: 48 घंटे लगातार हुई बरसात ने नैनीताल जनपद में तबाही मचा दी है. जगह-जगह मलबा आने और सड़क क्षतिग्रस्त के चलते नैनीताल जिले से कुमाऊं मंडल के सभी संपर्क मार्ग कट गए हैं तो वहीं आपदा के चलते केवल नैनीताल जिले में ही 30 लोगों की जान जा चुकी है, कई लोग अभी भी लापता हैं. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं. संपर्क मार्ग कटने से राहत बचाव कार्यों को पैदल जाना पड़ रहा है. जिले में अब तक अधिकतम वर्षा हल्द्वानी में 128 एमएम दर्ज की गई है. इसके अलावा नैनीताल में 90 एमएम बारिश दर्ज की गई है.

नैनीताल में 30 लोगों की मौत: खबर लिखे जाने तक नैनीताल जिले के दोसापानी में 5 लोगों की, थराली में 7, गरमपानी में 5, भीमताल में एक बच्चे की, बोहराकोट में 2, चोपड़ा जोलीकोर्ट में एक और 9 लोगों की ओखलकांडा में मौत हुई है. अपर जिला अधिकारी अशोक कुमार ने इसकी पुष्टि की है.
मलबा गिरने से 5 की मौत: दरअसल, नैनीताल जिले में मंगलवार सुबह 7:30 बजे रामगढ़ इलाके के झुतिया गांव में कई घरों के ऊपर मलबा आ गिरा. इस कारण छह लोग दब गए. पांच लोगों की मलबे में दबने से मौत हो गई. एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है. मृतकों में से 2 लोग बिहार के पश्चिमी चंपारण जबकि 3 लोग उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर के रहने वाले थे. ये लोग इन दिनों रामगढ़ क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य कर रहे थे. सभी मजदूर रामगढ़ क्षेत्र के एक घर में रह रहे थे तभी देर रात पहाड़ी क्षेत्र से आए मलबे अपने घर को अपनी चपेट में ले लिया. घायल का रामगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार चल रहा है.
नैनीताल के दूरस्थ क्षेत्र दोसापानी मुक्तेश्वर क्षेत्र में भी तीन ग्रामीणों की मलबे की चपेट में आने से ही मौत हो गई. इसके अलावा नैनीताल-अल्मोड़ा जनपद की सीमा पर दो मजदूरों की चट्टान के बीच दबने से मौत हो गई.
रेस्क्यू ऑपरेशन में वायु सेना: वायु सेना के तीन हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं, जिनमें से दो हेलीकॉप्टर कुमाऊं और एक हेलीकॉप्टर गढ़वाल में तैनात हैं. मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील भी की है कि इस समय घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार पूरी तरीके से प्रदेश वासियों के साथ खड़ी है.
अलर्ट मोड पर मुख्यमंत्री धामी: वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार हो रही बारिश को लेकर अलर्ट मोड में नजर आ रहे हैं. धामी ने सुबह आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि मौसम साफ होने पर 20 अक्टूबर से यात्रा को खोल दिया जाएगा.
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने किया सीएम धामी को फोन: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार प्रदेश में हालात लगातार नाजुक बने हुए हैं. वहीं केंद्र सरकार से गृह मंत्री अमित शाह ने भी उत्तराखंड के हालातों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जानकारी ली है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से प्रदेश के हालात की जानकारी ली.
गुजरात सीएम ने पुष्कर सिंह धामी से की बात: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार को CM धामी से बातचीत की और उनसे भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं के बाद फंसे गुजराती तीर्थयात्रियों को हरसंभव सहायता मुहैया कराने का आग्रह किया. गुजरात सरकार के मुताबिक चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड गए गुजरात के विभिन्न हिस्सों के करीब 100 तीर्थयात्री भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं के बाद वहां फंस गए हैं.
चंपावत-नैनीताल में 116 लोगों को किया रेस्क्यू: सेना की पंचशूल ब्रिगेड ने चंपावत के टनकपुर और नैनीताल जिले में आपदा में फंसे 116 लोगों को रेस्क्यू किया है.
अबतक उत्तराखंड में 44 की मौत.

इसे भी पढ़ें- देश से कटा नैनीताल का सड़क संपर्क, नैनी झील में रिकॉर्ड पानी, सब कुछ डूबा

अल्मोड़ा में 2 मकान ढहे, 5 की मौत: अल्मोड़ा में कुल मौतों का आंकड़ा बढ़कर 5 हुआ. इससे पहले दो अलग-अलग घटनाओं में मकान गिरने से 3 बच्चों की मौत हो गयी थी. वहीं, भिकियासैंण रापड़ गांव में एक परिवार में दबे दो बच्चों का शव मिलने के बाद अब परिवार के मुखिया आनंद सिंह नेगी की मौत की भी पुष्टि हो गयी है. इसके अलावा चितई के सिराड़ में एक आवासीय मकान गिरने से एक महिला की मौत हुई है. जिले में वर्षा के आंकड़ों बात करें तो अधिकतम वर्षा के आंकड़े 230 एमएम ताकुला क्षेत्र में दर्द किए गए हैं. मार्गों की बात करें तो अल्मोड़ा में 01 राष्ट्रीय राजमार्ग, 7 राज्य मार्ग और 09 ग्रामीण मार्ग बंद हैं.

चंपावत में 4 लोगों की मौत: चंपावत जनपद में अब तक कुल चार लोगों की आपदा में मौत हो चुकी है. वहीं, 2 लोगों के और दबे होने की संभावना है. सोमवार को सेलाखोला गांव में भूस्खलन का मलबा घर में घुस जाने के कारण मां-बेटे की मौत हो गई थी.

पौड़ी जिले में 3 मौतें: तहसील लैंसडाउन के अंतर्गत समखाल क्षेत्र में निर्माण कार्य को लेकर वहां पर मजदूर टेंट में रुके हुए थे. भारी बारिश के कारण खेत से मलबा टेंट के ऊपर आ गया. जिसकी वजह से तीन मजदूरों की मौत हो गई है. जबकि, दो लोग सुरक्षित बचा लिए गए हैं. मृतकों में तीन महिला मजदूर शामिल हैं.

बागेश्वर के भनार में एक युवक के ऊपर चट्टान से पत्थर गिर गया, इससे उसकी मौत हो गई. वहीं, पिथौरागढ़ ते गंगोलीहाट में पीएमजीएसवाई में कार्यरत मजदूर प्रभु मांझी (61 वर्ष) की पहाड़ी से गिरे बोल्डर की चपेट में आने से मौत हुई.

चमोली में 4 मजदूर मलबे में दबे: चमोली जिले में बीती रात करीब 1 बजे मूसलाधार बारिश के चलते जोशीमठ मखंड़ी के पास लैंडस्लाइड होने से 4 मजदूर, जिनमें से 3 महिला और एक पुरुष थे के दबने की सूचना मिली है. इसमें से एक महिला घायल है. अन्य लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. जिले में अब तक अधिकतम वर्षा 185mm जोशीमठ क्षेत्र में दर्ज की गई है.

चमोली जिले में नदियों का जलस्तर: चमोली में बहने वाली नदियों की अगर हम बात करें तो अलकनंदा नदी 955.30 मीटर पर बह रही है. इस नदी का खतरे का स्तर- 957.42 मीटर है. नंदाकिनी नदी का जलस्तर इस समय- 868.25 मीटर है. नंदाकिनी के खतरे का स्तर- 871.50 मीटर है. कर्णप्रयाग में पिंडर नदी का जलस्तर इस समय- 771 मीटर है. इसका खतरे का स्तर- 773.00 मीटर है.

इसे भी पढ़ें- उत्तराखंड में बारिश का कहर, PM मोदी ने मुख्यमंत्री से फोन पर ली जानकारी

चमोली में सड़कों की स्थिति: ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग NH 58 तोताघाटी के पास बंद था. इसे आज सुबह 8 बजे से खोला गया है. वहीं इसके अलावा जिले में 07 ग्रामीण मोटर मार्ग भी यातायात के लिए अवरुद्ध हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है.

ऋषिकेश में 52 MM बारिश दर्ज: देहरादून जिले में लगातार हो रही बारिश के बाद अब तक अधिकतम वर्षा ऋषिकेश में 52.0 mm दर्ज की गई है. वहीं इसके अलावा देहरादून जिले में 01 ग्रामीण मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हैं जिन्हें खोलने की कार्रवाई चल रही है.

हरिद्वार में उफान पर गंगा: हरिद्वार जिले में भी लगातार भारी बारिश हो रही है. हरिद्वार में कोई सड़क मार्ग तो अवरुद्ध नहीं है, लेकिन जिले में अब तक अधिकतम बारिश रुड़की में 50MM दर्ज की जा चुकी है तो वहीं हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर 291.05 मीटर पर है. जबकि खतरे का स्तर 294.00 मीटर है.

पौड़ी में 131MM बारिश: पौड़ी जिले में लगातार बारिश हो रही है जिले में अब तक सबसे ज्यादा श्रीनगर में 131MM बारिश दर्ज की गई है. मार्गों की बात करें तो 1 जिला मार्ग और 4 ग्रामीण मार्ग बंद हैं.

उत्तरकाशी जिले में भी लगातार बारिश: जिले में अधिकतम बारिश 64mm उत्तरकाशी शहर क्षेत्र में दर्ज की गई है. नदी के जल स्तर की बात करें तो भागीरथी नदी का जलस्तर सुबह 8:00 बजे 1119.05 मीटर था. खतरे का स्तर 1123.00 मीटर है. मार्गों की बात करें तो ऋषिकेश गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 108 स्वारीगाड़ और हर्षिल के पास लैंडस्लाइड होने की वजह से बाधित है. इसके अलावा उत्तरकाशी जिले में 03 अन्य ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध है.

रुद्रप्रयाग में वर्षा का अधिकतम आंकड़ा: रुद्रप्रयाग जिले में वर्षा के अबतक सबसे अधिकतम आंकड़े उखीमठ में 60.0 एमएम दर्ज की गई है. नदियों के स्तर की बात करें तो रुद्रप्रयाग में बहने वाली नदी अलकनंदा का जलस्तर 627 मीटर है. जबकि खतरे का स्तर 627 मीटर है. इसके अलावा मंदाकिनी नदी 625 मीटर पर बह रही है. जबकि खतरे का स्तर 626 मीटर है. मार्गों की अगर बात करें तो सभी राजमार्ग और ग्रामीण सड़कें खुली हुई हैं.

टिहरी बांध का जलस्तर बढ़ा: टिहरी जिले में मौजूद प्रदेश के सबसे बड़े बांध टिहरी बांध का जलस्तर 827 प्वाइंट 70 मीटर जबकि बांध का अधिकतम जलस्तर 830 मीटर है. वर्षा के आंकड़ों की बात करें तो टिहरी जिले में देवप्रयाग क्षेत्र में अधिकतम 121MM बरसात दर्ज की जा चुकी है. मार्गों की अगर बात करें तो ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 58 तीन धारा के पास भूस्खलन होने की वजह से अवरुद्ध है. इसके अलावा जिले में 1 राज्य मार्ग और 02 ग्रामीण मोटर मार्ग भी बंद हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है.

उधमसिंह नगर में भारी जलभराव, 150 लोग फंसे: उधम सिंह नगर में लगातार दो दिन से हो रही बारिश की वजह से किच्छा, सितारगंज, बाजपुर और रुद्रपुर में भारी जलभराव होने की सूचना है. तहसील रुद्रपुर के अंतर्गत जगतपुरा, मोतीपुर, पहाड़गंज, तीनपानी डैम, रामगढ़, रुद्रपुर ट्रांजिट कैंप और शिव नगर में जलभराव होने की वजह से 150 लोगों के फंसे होने की जानकारी है. जिला प्रशासन द्वारा इन लोगों को रेस्क्यू करने का काम किया जा रहा है. वहीं बाजपुर में अत्यधिक वर्षा होने के कारण एक व्यक्ति के बह जाने की सूचना मिली है. जिले में अब तक सबसे ज्यादा खटीमा में 83mm बारिश दर्ज की जा चुकी है.

इसे भी पढ़ें:- VIDEO: बेजुबानों पर भी आफत बनकर टूट रही बारिश, नदी के बीचों बीच फंसा हाथी

सरयू नदी खतरे के निशान के करीब: बागेश्वर जिले में हो रही बारिश में अबतक अधिकतम 182 एमएम बागेश्वर क्षेत्र में वर्षा के आंकड़े दर्ज किए गए हैं. वहीं बागेश्वर जिले में पड़ने वाली नदियों के जलस्तर की बात करें तो सरयू नदी 866 मीटर पर बह रही है. जबकि खतरे का स्तर 870 मीटर है. इसके अलावा गोमती नदी 866 मीटर पर बह रही है और खतरे का स्तर 870 मीटर है. बागेश्वर में अगर मार्गों की बात करें तो जिले में 1 मुख्य जिला मार्ग बंद है, जिसे खोलने की कार्रवाई की जा रही है.

धनगढ़ी नाले में 150 लोगों के साथ फंसी 4 बसें, 1 मकान ढहा: पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नैनीताल जिले में पड़ने वाले जौलीकोट में मूसलाधार बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना मिली है. जिला प्रशासन द्वारा इन लोगों के बचाव और राहत का कार्य किया जा रहा है तो वहीं इसके अलावा कालाढूंगी में भारी बारिश की वजह से 150 लोग तीन रोडवेज बसों और एक KMU की बस में धनगढ़ी नाले में फंसे हैं. यहां पर लगातार एसडीआरएफ और अपने प्रबंधन द्वारा रेस्क्यू का काम किया जा रहा है.

चंपावत में शारदा नदी उफान पर, बह रही है खतरे से ऊपर: चंपावत जिले में बहने वाली शारदा नदी उफान पर है और खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. शारदा नदी का जलस्तर तकरीबन 222 मीटर है जबकि खतरे का स्तर 221 मीटर है. वर्षा के आंकड़ों की बात करें तो जिले में सबसे अधिक 300MM लोहाघाट क्षेत्र में बारिश के आंकड़े दर्ज किए गए हैं. मार्गों की स्थिति की बात करें तो चंपावत में टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग nh-09 स्वाला और भारतोली के पास लैंडस्लाइड होने की वजह से बंद है तो वहीं इसके अलावा 18 अन्य मोटर मार्ग भी अवरुद्ध हैं. वहीं, सोमवार को चंपावत जिले के सेलाखोला गांव में भूस्खलन का मलबा घर में घुस गया था, जिसकी वजह से घर में मौजूद मां-बेटे की मलबे में दबकर मौत हो गई थी. मृतकों की पहचान कलावती देवी (48) पत्नी आनंद सिंह मौनी और राहुल सिंह मौनी (17) पुत्र आनंद सिंह मौनी के रूप में हुई है.

पिथौरागढ़ में भी हालात बेहद खराब: पिथौरागढ़ जिले में लगातार हो रही भारी बरसात के बीच जिले में बहने वाली नदियों के जलस्तर की बात करें तो काली नदी 889.30 मीटर पर बह रही है. इसका खतरे का स्तर 890 मीटर है. गौरा नदी 606.03 मीटर पर बह रही है जबकि खतरे का स्तर 607.08 मीटर है. सरयू नदी 447 मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का स्तर 453 मीटर है. बरसात के आंकड़ों की बात करें तो जिले में सबसे ज्यादा 82 एमएम बारिश पिथौरागढ़ क्षेत्र में दर्ज की गई है. सड़कों की अगर बात करें तो जिले में 1 बॉर्डर मार्ग और 1 ग्रामीण मार्ग बंद है, जिसे खोलने की कार्रवाई लगातार की जा रही है.

ये भी पढ़ें: कॉर्बेट के रिजॉर्ट में घुसा कोसी का पानी, पर्यटकों की कारें डूबीं

मौसम विभाग से राहत वाली खबर: इधर इस भारी तबाही की बीच मौसम विभाग से राहत भरी खबर आई है. मौसम विभाग का कहना है कि आज से बारिश में कमी आएगी. हालांकि 22 और 23 अक्टूबर को पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है.

देहरादून: उत्तराखंड में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण हालात बहुत खराब हो चले हैं. प्राकृतिक आपदा से अबतक उत्तराखंड में 44 लोगों की जान चली गई है. कई स्थानों का मुख्यधारा से संपर्क कट गया है. नैनीताल शहर का देश के बाकी हिस्से से सड़क संपर्क कटा हुआ है. उधर, नैनीताल जिले के ही रामगढ़ में एक मकान के ऊपर मलबा गिरने से 5 लोगों की मौत हो गई है. रामगढ़ में राहत और बचाव कार्य के लिए सेना और एयरफोर्स को बुलाया गया है. हालांकि आज मौसम विभाग ने राहत वाला समाचार भी दिया है. मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा कि आज से बारिश में कमी आएगी.

किस जिले में कितनी हुई मौत:


जिला मौत
नैनीताल30
चंपावत04
पौड़ी03
अल्मोड़ा 05
पिथौरागढ़ 01
बागेश्वर01
कुल44

इन नंबरों पर करें संपर्क: सरकार ने किसी भी प्रकार की आपदा की घटनाओं की सूचना या जानकारी लेने के लिए आपदा कंट्रोल रूम नंबर 0135-2710334, टोल-फ्री-1070 के साथ ही मोबाइल नंबर 8218867005, 9557444486 जारी किया है.

उत्तराखंड में बारिश-बाढ़ और लैंडस्लाइड से हालात बेकाबू.

सबसे ज्यादा नैनीताल को नुकसान: 48 घंटे लगातार हुई बरसात ने नैनीताल जनपद में तबाही मचा दी है. जगह-जगह मलबा आने और सड़क क्षतिग्रस्त के चलते नैनीताल जिले से कुमाऊं मंडल के सभी संपर्क मार्ग कट गए हैं तो वहीं आपदा के चलते केवल नैनीताल जिले में ही 30 लोगों की जान जा चुकी है, कई लोग अभी भी लापता हैं. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं. संपर्क मार्ग कटने से राहत बचाव कार्यों को पैदल जाना पड़ रहा है. जिले में अब तक अधिकतम वर्षा हल्द्वानी में 128 एमएम दर्ज की गई है. इसके अलावा नैनीताल में 90 एमएम बारिश दर्ज की गई है.

नैनीताल में 30 लोगों की मौत: खबर लिखे जाने तक नैनीताल जिले के दोसापानी में 5 लोगों की, थराली में 7, गरमपानी में 5, भीमताल में एक बच्चे की, बोहराकोट में 2, चोपड़ा जोलीकोर्ट में एक और 9 लोगों की ओखलकांडा में मौत हुई है. अपर जिला अधिकारी अशोक कुमार ने इसकी पुष्टि की है.
मलबा गिरने से 5 की मौत: दरअसल, नैनीताल जिले में मंगलवार सुबह 7:30 बजे रामगढ़ इलाके के झुतिया गांव में कई घरों के ऊपर मलबा आ गिरा. इस कारण छह लोग दब गए. पांच लोगों की मलबे में दबने से मौत हो गई. एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है. मृतकों में से 2 लोग बिहार के पश्चिमी चंपारण जबकि 3 लोग उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर के रहने वाले थे. ये लोग इन दिनों रामगढ़ क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य कर रहे थे. सभी मजदूर रामगढ़ क्षेत्र के एक घर में रह रहे थे तभी देर रात पहाड़ी क्षेत्र से आए मलबे अपने घर को अपनी चपेट में ले लिया. घायल का रामगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार चल रहा है.
नैनीताल के दूरस्थ क्षेत्र दोसापानी मुक्तेश्वर क्षेत्र में भी तीन ग्रामीणों की मलबे की चपेट में आने से ही मौत हो गई. इसके अलावा नैनीताल-अल्मोड़ा जनपद की सीमा पर दो मजदूरों की चट्टान के बीच दबने से मौत हो गई.
रेस्क्यू ऑपरेशन में वायु सेना: वायु सेना के तीन हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं, जिनमें से दो हेलीकॉप्टर कुमाऊं और एक हेलीकॉप्टर गढ़वाल में तैनात हैं. मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील भी की है कि इस समय घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार पूरी तरीके से प्रदेश वासियों के साथ खड़ी है.
अलर्ट मोड पर मुख्यमंत्री धामी: वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार हो रही बारिश को लेकर अलर्ट मोड में नजर आ रहे हैं. धामी ने सुबह आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि मौसम साफ होने पर 20 अक्टूबर से यात्रा को खोल दिया जाएगा.
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने किया सीएम धामी को फोन: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार प्रदेश में हालात लगातार नाजुक बने हुए हैं. वहीं केंद्र सरकार से गृह मंत्री अमित शाह ने भी उत्तराखंड के हालातों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जानकारी ली है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से प्रदेश के हालात की जानकारी ली.
गुजरात सीएम ने पुष्कर सिंह धामी से की बात: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार को CM धामी से बातचीत की और उनसे भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं के बाद फंसे गुजराती तीर्थयात्रियों को हरसंभव सहायता मुहैया कराने का आग्रह किया. गुजरात सरकार के मुताबिक चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड गए गुजरात के विभिन्न हिस्सों के करीब 100 तीर्थयात्री भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं के बाद वहां फंस गए हैं.
चंपावत-नैनीताल में 116 लोगों को किया रेस्क्यू: सेना की पंचशूल ब्रिगेड ने चंपावत के टनकपुर और नैनीताल जिले में आपदा में फंसे 116 लोगों को रेस्क्यू किया है.
अबतक उत्तराखंड में 44 की मौत.

इसे भी पढ़ें- देश से कटा नैनीताल का सड़क संपर्क, नैनी झील में रिकॉर्ड पानी, सब कुछ डूबा

अल्मोड़ा में 2 मकान ढहे, 5 की मौत: अल्मोड़ा में कुल मौतों का आंकड़ा बढ़कर 5 हुआ. इससे पहले दो अलग-अलग घटनाओं में मकान गिरने से 3 बच्चों की मौत हो गयी थी. वहीं, भिकियासैंण रापड़ गांव में एक परिवार में दबे दो बच्चों का शव मिलने के बाद अब परिवार के मुखिया आनंद सिंह नेगी की मौत की भी पुष्टि हो गयी है. इसके अलावा चितई के सिराड़ में एक आवासीय मकान गिरने से एक महिला की मौत हुई है. जिले में वर्षा के आंकड़ों बात करें तो अधिकतम वर्षा के आंकड़े 230 एमएम ताकुला क्षेत्र में दर्द किए गए हैं. मार्गों की बात करें तो अल्मोड़ा में 01 राष्ट्रीय राजमार्ग, 7 राज्य मार्ग और 09 ग्रामीण मार्ग बंद हैं.

चंपावत में 4 लोगों की मौत: चंपावत जनपद में अब तक कुल चार लोगों की आपदा में मौत हो चुकी है. वहीं, 2 लोगों के और दबे होने की संभावना है. सोमवार को सेलाखोला गांव में भूस्खलन का मलबा घर में घुस जाने के कारण मां-बेटे की मौत हो गई थी.

पौड़ी जिले में 3 मौतें: तहसील लैंसडाउन के अंतर्गत समखाल क्षेत्र में निर्माण कार्य को लेकर वहां पर मजदूर टेंट में रुके हुए थे. भारी बारिश के कारण खेत से मलबा टेंट के ऊपर आ गया. जिसकी वजह से तीन मजदूरों की मौत हो गई है. जबकि, दो लोग सुरक्षित बचा लिए गए हैं. मृतकों में तीन महिला मजदूर शामिल हैं.

बागेश्वर के भनार में एक युवक के ऊपर चट्टान से पत्थर गिर गया, इससे उसकी मौत हो गई. वहीं, पिथौरागढ़ ते गंगोलीहाट में पीएमजीएसवाई में कार्यरत मजदूर प्रभु मांझी (61 वर्ष) की पहाड़ी से गिरे बोल्डर की चपेट में आने से मौत हुई.

चमोली में 4 मजदूर मलबे में दबे: चमोली जिले में बीती रात करीब 1 बजे मूसलाधार बारिश के चलते जोशीमठ मखंड़ी के पास लैंडस्लाइड होने से 4 मजदूर, जिनमें से 3 महिला और एक पुरुष थे के दबने की सूचना मिली है. इसमें से एक महिला घायल है. अन्य लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. जिले में अब तक अधिकतम वर्षा 185mm जोशीमठ क्षेत्र में दर्ज की गई है.

चमोली जिले में नदियों का जलस्तर: चमोली में बहने वाली नदियों की अगर हम बात करें तो अलकनंदा नदी 955.30 मीटर पर बह रही है. इस नदी का खतरे का स्तर- 957.42 मीटर है. नंदाकिनी नदी का जलस्तर इस समय- 868.25 मीटर है. नंदाकिनी के खतरे का स्तर- 871.50 मीटर है. कर्णप्रयाग में पिंडर नदी का जलस्तर इस समय- 771 मीटर है. इसका खतरे का स्तर- 773.00 मीटर है.

इसे भी पढ़ें- उत्तराखंड में बारिश का कहर, PM मोदी ने मुख्यमंत्री से फोन पर ली जानकारी

चमोली में सड़कों की स्थिति: ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग NH 58 तोताघाटी के पास बंद था. इसे आज सुबह 8 बजे से खोला गया है. वहीं इसके अलावा जिले में 07 ग्रामीण मोटर मार्ग भी यातायात के लिए अवरुद्ध हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है.

ऋषिकेश में 52 MM बारिश दर्ज: देहरादून जिले में लगातार हो रही बारिश के बाद अब तक अधिकतम वर्षा ऋषिकेश में 52.0 mm दर्ज की गई है. वहीं इसके अलावा देहरादून जिले में 01 ग्रामीण मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हैं जिन्हें खोलने की कार्रवाई चल रही है.

हरिद्वार में उफान पर गंगा: हरिद्वार जिले में भी लगातार भारी बारिश हो रही है. हरिद्वार में कोई सड़क मार्ग तो अवरुद्ध नहीं है, लेकिन जिले में अब तक अधिकतम बारिश रुड़की में 50MM दर्ज की जा चुकी है तो वहीं हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर 291.05 मीटर पर है. जबकि खतरे का स्तर 294.00 मीटर है.

पौड़ी में 131MM बारिश: पौड़ी जिले में लगातार बारिश हो रही है जिले में अब तक सबसे ज्यादा श्रीनगर में 131MM बारिश दर्ज की गई है. मार्गों की बात करें तो 1 जिला मार्ग और 4 ग्रामीण मार्ग बंद हैं.

उत्तरकाशी जिले में भी लगातार बारिश: जिले में अधिकतम बारिश 64mm उत्तरकाशी शहर क्षेत्र में दर्ज की गई है. नदी के जल स्तर की बात करें तो भागीरथी नदी का जलस्तर सुबह 8:00 बजे 1119.05 मीटर था. खतरे का स्तर 1123.00 मीटर है. मार्गों की बात करें तो ऋषिकेश गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 108 स्वारीगाड़ और हर्षिल के पास लैंडस्लाइड होने की वजह से बाधित है. इसके अलावा उत्तरकाशी जिले में 03 अन्य ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध है.

रुद्रप्रयाग में वर्षा का अधिकतम आंकड़ा: रुद्रप्रयाग जिले में वर्षा के अबतक सबसे अधिकतम आंकड़े उखीमठ में 60.0 एमएम दर्ज की गई है. नदियों के स्तर की बात करें तो रुद्रप्रयाग में बहने वाली नदी अलकनंदा का जलस्तर 627 मीटर है. जबकि खतरे का स्तर 627 मीटर है. इसके अलावा मंदाकिनी नदी 625 मीटर पर बह रही है. जबकि खतरे का स्तर 626 मीटर है. मार्गों की अगर बात करें तो सभी राजमार्ग और ग्रामीण सड़कें खुली हुई हैं.

टिहरी बांध का जलस्तर बढ़ा: टिहरी जिले में मौजूद प्रदेश के सबसे बड़े बांध टिहरी बांध का जलस्तर 827 प्वाइंट 70 मीटर जबकि बांध का अधिकतम जलस्तर 830 मीटर है. वर्षा के आंकड़ों की बात करें तो टिहरी जिले में देवप्रयाग क्षेत्र में अधिकतम 121MM बरसात दर्ज की जा चुकी है. मार्गों की अगर बात करें तो ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 58 तीन धारा के पास भूस्खलन होने की वजह से अवरुद्ध है. इसके अलावा जिले में 1 राज्य मार्ग और 02 ग्रामीण मोटर मार्ग भी बंद हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है.

उधमसिंह नगर में भारी जलभराव, 150 लोग फंसे: उधम सिंह नगर में लगातार दो दिन से हो रही बारिश की वजह से किच्छा, सितारगंज, बाजपुर और रुद्रपुर में भारी जलभराव होने की सूचना है. तहसील रुद्रपुर के अंतर्गत जगतपुरा, मोतीपुर, पहाड़गंज, तीनपानी डैम, रामगढ़, रुद्रपुर ट्रांजिट कैंप और शिव नगर में जलभराव होने की वजह से 150 लोगों के फंसे होने की जानकारी है. जिला प्रशासन द्वारा इन लोगों को रेस्क्यू करने का काम किया जा रहा है. वहीं बाजपुर में अत्यधिक वर्षा होने के कारण एक व्यक्ति के बह जाने की सूचना मिली है. जिले में अब तक सबसे ज्यादा खटीमा में 83mm बारिश दर्ज की जा चुकी है.

इसे भी पढ़ें:- VIDEO: बेजुबानों पर भी आफत बनकर टूट रही बारिश, नदी के बीचों बीच फंसा हाथी

सरयू नदी खतरे के निशान के करीब: बागेश्वर जिले में हो रही बारिश में अबतक अधिकतम 182 एमएम बागेश्वर क्षेत्र में वर्षा के आंकड़े दर्ज किए गए हैं. वहीं बागेश्वर जिले में पड़ने वाली नदियों के जलस्तर की बात करें तो सरयू नदी 866 मीटर पर बह रही है. जबकि खतरे का स्तर 870 मीटर है. इसके अलावा गोमती नदी 866 मीटर पर बह रही है और खतरे का स्तर 870 मीटर है. बागेश्वर में अगर मार्गों की बात करें तो जिले में 1 मुख्य जिला मार्ग बंद है, जिसे खोलने की कार्रवाई की जा रही है.

धनगढ़ी नाले में 150 लोगों के साथ फंसी 4 बसें, 1 मकान ढहा: पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नैनीताल जिले में पड़ने वाले जौलीकोट में मूसलाधार बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना मिली है. जिला प्रशासन द्वारा इन लोगों के बचाव और राहत का कार्य किया जा रहा है तो वहीं इसके अलावा कालाढूंगी में भारी बारिश की वजह से 150 लोग तीन रोडवेज बसों और एक KMU की बस में धनगढ़ी नाले में फंसे हैं. यहां पर लगातार एसडीआरएफ और अपने प्रबंधन द्वारा रेस्क्यू का काम किया जा रहा है.

चंपावत में शारदा नदी उफान पर, बह रही है खतरे से ऊपर: चंपावत जिले में बहने वाली शारदा नदी उफान पर है और खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. शारदा नदी का जलस्तर तकरीबन 222 मीटर है जबकि खतरे का स्तर 221 मीटर है. वर्षा के आंकड़ों की बात करें तो जिले में सबसे अधिक 300MM लोहाघाट क्षेत्र में बारिश के आंकड़े दर्ज किए गए हैं. मार्गों की स्थिति की बात करें तो चंपावत में टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग nh-09 स्वाला और भारतोली के पास लैंडस्लाइड होने की वजह से बंद है तो वहीं इसके अलावा 18 अन्य मोटर मार्ग भी अवरुद्ध हैं. वहीं, सोमवार को चंपावत जिले के सेलाखोला गांव में भूस्खलन का मलबा घर में घुस गया था, जिसकी वजह से घर में मौजूद मां-बेटे की मलबे में दबकर मौत हो गई थी. मृतकों की पहचान कलावती देवी (48) पत्नी आनंद सिंह मौनी और राहुल सिंह मौनी (17) पुत्र आनंद सिंह मौनी के रूप में हुई है.

पिथौरागढ़ में भी हालात बेहद खराब: पिथौरागढ़ जिले में लगातार हो रही भारी बरसात के बीच जिले में बहने वाली नदियों के जलस्तर की बात करें तो काली नदी 889.30 मीटर पर बह रही है. इसका खतरे का स्तर 890 मीटर है. गौरा नदी 606.03 मीटर पर बह रही है जबकि खतरे का स्तर 607.08 मीटर है. सरयू नदी 447 मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का स्तर 453 मीटर है. बरसात के आंकड़ों की बात करें तो जिले में सबसे ज्यादा 82 एमएम बारिश पिथौरागढ़ क्षेत्र में दर्ज की गई है. सड़कों की अगर बात करें तो जिले में 1 बॉर्डर मार्ग और 1 ग्रामीण मार्ग बंद है, जिसे खोलने की कार्रवाई लगातार की जा रही है.

ये भी पढ़ें: कॉर्बेट के रिजॉर्ट में घुसा कोसी का पानी, पर्यटकों की कारें डूबीं

मौसम विभाग से राहत वाली खबर: इधर इस भारी तबाही की बीच मौसम विभाग से राहत भरी खबर आई है. मौसम विभाग का कहना है कि आज से बारिश में कमी आएगी. हालांकि 22 और 23 अक्टूबर को पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है.

Last Updated : Oct 19, 2021, 5:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.